STATES AND NATIONS: Singapore shows Asia how you can be Modern without being Western

आज हम सिंगापुर जैसे आधुनिक देश के साथ मिलकर एक ऐसी शुरूआत कर रहे हैं जो राजस्थान में पर्यटन और स्किल डवलपमेंट के लिए खास उपहार साबित होगी। उदयपुर में आज सिंगापुर की सहभागिता से सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन ट्यूरिज्म ट्रेनिंग का शुभारम्भ हो रहा है। इसका उद्देश्य है पर्यटन के क्षेत्र में राजस्थान के युवाओं को विश्वस्तरीय कौशल का प्रशिक्षण देकर उन्हें अपने पांव पर खड़ा करना। पर्यटन को बढावा देना।

सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग इस सेंटर को शुरू करने के लिए झीलों की खूबसूरत नगरी उदयपुर आए हैं। उनका स्वागत है। सिंगापुर के साथ हमारी साझेदारी सिर्फ इस सेंटर की शुरूआत तक ही नहीं है। जयपुर में ट्यूरिज्म इको सिस्टम के साथ-साथ सभी स्मार्ट शहरों के विकास में भी सिंगापुर की हमारे साथ भागीदारी रहेगी।

मुझे याद है पिछले साल रिजर्सेंट राजस्थान के सुअवसर पर प्रधानमंत्री ली की सद् इच्छा से सिंगापुर हमारा पार्टनर बना था और सिंगापुर सरकार के प्रतिनिधि श्री शंगमुगम के सकारात्मक सहयोग से आज उदयपुर में सेंटर फॉर एक्सीलेंसी इन ट्यूरिज्म ट्रेनिंग की स्थापना हो रही है।

यह सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन ट्यूरिज्म ट्रेनिंग, उदयपुर के मोहन लाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी में स्थापित किया जा रहा है। इसकी फैकल्टी के 40 सदस्य शीघ्र ही प्रशिक्षण के लिए सिंगापुर जाने वाले हैं। इसके डिजाइन, सिलेबस और ट्रेनिंग सिस्टम को सिंगापुर के वर्ल्ड क्लास इंस्टिट्यूट के स्तर का बनाया जा रहा है। यहां शेफ से लेकर ऑफिस स्टाफ तक को प्रशिक्षण देने के लिए विभिन्न पाठ्यक्रम संचालित किये जाएंगे।

आज सिंगापुर पूरी दुनिया में सर्वाधिक प्रति व्यक्ति आय वाला देश है। वहां पहले ऐसा नहीं था। सिंगापुर ने समृद्धि के इस शिखर तक पहुंचने से पहले लम्बा संघर्ष तय किया है। आजाद होने के दो साल बाद ही 1965 में सिंगापुर को मलेशिया से अलग होने के लिए भी मजबूर किया गया। इसके बाद प्रधानमंत्री ली कुआन यू के कुशल नेतृत्व, सिंगापुर वासियों के विकास के प्रति समर्पण और उनकी सकारात्मक सोच ने सिंगापुर को तरक्की की ऊंचाइयों तक पहुंचाया। हाल ही में हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भी स्वर्गीय ली कुआन यू को आधुनिक काल के महान प्रशासक और सुधारक के रूप में याद किया है।

आज सिंगापुर पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य, शहरी विकास, सार्वजनिक आवास, बंदरगाह, आर्थिक गतिविधियों और रोजगार जैसे अनेक क्षेत्रों में दुनिया के समक्ष अनुकरणीय उदाहरण बन चुका है। राजस्थान को भी सिंगापुर जैसे विकास के लिए ऐसी ही सकारात्मक सोच, ऐसी ही मेहनत और ऐसा ही समर्पण भाव रखना होगा। फिर हमारी कामयाबी कोई नहीं रोक सकता।

आज सिंगापुर अपने विकास के विजन से सर्विस और रोजगार के क्षेत्र में विश्व के लिए सेंटर पॉइंट बन गया है। आर्थिक विकास बोर्ड (ईडीबी) के माध्यम से वहां किए जा रहे प्रयासों का जिक्र मशहूर लेखक चिन बोक चान की किताब ‘हार्ट्स वर्क‘ में विस्तार से किया गया है। मुझे पूरा यकीन है कि एक दिन हमारे उद्योग भी ईडीबी मॉडल पर विकसित होंगे, क्योंकि लोगों के जीवन में बदलाव सब्सिडी से नहीं बल्कि रोजगार से ही लाया जा सकता है।

हाल में ही एरिजोना यूनिवर्सिटी के एक शोध पत्र में सीधी अन्तर्राष्ट्रीय उड़ानों के आर्थिक प्रभावों के बारे में बताया गया है। इसके मुताबिक अन्तर्राष्ट्रीय उड़ानें सर्विस सेक्टर, नौकरियों और आर्थिक गतिविधियों पर भी व्यापक प्रभाव डालती हैं। बीते दिनों जयपुर से सिंगापुर के बीच सीधी उड़ान शुरू की गई, जिससे दोनों देशों के बीच लगभग 5 घंटे में यात्रा पूरी की जा सकेगी। इससे राजस्थान के पर्यटन और आर्थिक विकास को भी खासा लाभ मिलेगा। सिंगापुर से राजस्थान की सीधी उड़ान होने से न केवल दोनों देशों के बीच रिश्तों में मिठास बढ़ेगी, वरन् सिंगापुर के एयर नेटवर्क से जुडे अनेक देशों के साथ भी हमारा जुडाव बढ़ सकेगा। क्योंकि सिंगापुर का चांगी हवाई अड्डा दक्षिण पूर्व एशिया के लिए एक महत्वपूर्ण एयर हब है।

मैं यहां उल्लेख करना चाहूंगी कि हमने जो ग्लोबल ट्यूरिज्म कैम्पेन शुरू किया उससे राजस्थान में आने वाले पर्यटकों की संख्या में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, – 20 प्रतिशत !! – लेकिन इस संख्या को हमें कई गुना बढ़ाना हैं। राजस्थान में ज्यादा से ज्यादा पर्यटक आएं। इसके लिए हमें सिंगापुर से बहुत कुछ सीखना होगा, जिसके लिए सिंगापुर सहर्ष तैयार है।

सिंगापुर कोई बहुत बड़ा देश नहीं है। यहां की आबादी सिर्फ 56 लाख है और क्षेत्रफल 300 वर्ग मील से भी कम। इसके बावजूद पिछले साल वहां डेढ़ करोड़ विदेशी पर्यटकों ने दस्तक दी। जबकि अभी हम केवल 15 लाख विदेशी पर्यटकों को ही आकर्षित कर पा रहे हैं। इस संख्या में बहुत अधिक बढ़ोतरी की जरूरत है। क्योंकि पर्यटन हमारी सामाजिक-आर्थिक संरचनाओं पर सकारात्मक असर डालता है। विश्व के नक्शे पर हमारी पहचान भी बनाता है। इसके लिए हम हमारे गौरवशाली इतिहास, सतरंगी संस्कृति, बेजोड़ स्थापत्य, किले-महलों, लोक कला, मेलों और त्योहारों को संवारने के ठोस प्रयास कर रहे हैं।

राजस्थान के विकास मॉडल में तीन प्रमुख स्तम्भ शामिल हैं- प्रभावी सुशासन, सामाजिक न्याय और पर्याप्त रोजगार सृजन। यहां मैं सिंगापुर के महान प्रधानमंत्री स्वर्गीय ली कुआन यू की पुस्तक ‘द सिंगापुर स्टोरी‘ का उदाहरण देना चाहती हूं, जिसमें उन्होंने कहा था कि ’’महान नेता वे हैं जो ऐसी सशक्त संरचना सृजित करें जिसमें लोग कुछ सीख सकें, मेहनत से काम कर सकें, अच्छे उत्पादक बन सकें और उसके अनुरूप उन्हें उसका प्रतिफल भी मिल सके।‘‘ सिंगापुर इसी तर्ज पर तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है।

हमारे इरादे भी इतने ही मजबूत हैं, लेकिन सतत् विकास के लिए एक अनुकूल वातावरण भी चाहिए। अगर आए दिन धरना, प्रदर्शन व कूच का सहारा लिया जायेगा और वाजिब टैक्स का भुगतान नहीं होगा तो तरक्की की रफ्तार पर निश्चित तौर पर विपरीत असर आयेगा। हमें यह समझना होगा कि निःस्वार्थ भाव के साथ कड़ी मेहनत, सच्ची लगन और पूर्ण निष्ठा से ही विकास का सपना साकार किया जा सकता है। सिंगापुर ने जिस प्रवाह के साथ विकास की ऊंचाइयों पर पहुंच कर पूरी दुनिया को एक नई राह दिखाई है, हमें भी उसी वेग से आगे बढ़ना होगा। मुझे पूरा विश्वास है कि राजस्थान इसके लिए तैयार है, तो आओ साथ चलें।

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      Smt. Vasundhara Raje. (The writer is Chief Minister, Rajasthan)