खुशहाल राजस्थान
एक नए दौर की शुरुआत
मांगरोल गांव में चर्चा अन्नपूर्णा भण्डार की
जिला धौलपुर के ग्राम पंचायत मांगरोल (तहसील धौलपुर) के अन्नपूर्णा भण्डार संचालक श्री सचिन कुमार अग्रवाल ने बताया कि उनके पास उचित मूल्य दुकान के कार्य के बाद आय के अन्य स्रोत नहीं होने से आर्थिक स्थिति कमजोर थी। परन्तु अन्नपूर्णा भण्डार खोलने के बाद आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है। अन्नपूर्णा भण्डार संचालन से राशन डीलर को पीडीएस कमीशन के अतिरिक्त 12000 रुपये मासिक आय में बढ़ोतरी हो रही है। इसी गांव के उपभोक्ता श्री सुरेश कुमार लोधी (विद्युतकर्मी) के अनुसार ’’अन्नपूर्णा भण्डार पर बाजार से सस्ती व अच्छी गुणवत्ता की वस्तुएं होने से अब महीने की राशन सामग्री लेने के लिए धौलपुर जाने की जरूरत नहीं पड़ती’’ व ग्राह श्री गोविन्द सिंह (चाट विक्रेता) ने बताया कि जब से कस्बे में अन्नपूर्णा भण्डार खुला है रिफाइण्ड तेल (15 ली.) में 20 से 25 रुपये की बचत हो रही है।
श्री सचिन ने बताया कि ग्राहकों को उच्च गुणवत्ता युक्त मसाले, दालें, साबुन, तेल, चावल आदि बाजार भाव से कम कीमत पर उपलब्ध है। दाल में कंकर-पत्थर आदि नहीं है। इन्हें सीधे ही पकाया जा सकता है। मसालों की गुणवत्ता के साथ भोजन और भी स्वादिष्ट बनता है। ग्राहकों में सामान की उच्च गुणवत्ता के कारण सामान की मांग में बढ़ोतरी हुई है। जिससे ग्राहकों की संख्या में भी दिनों-दिन बढ़ोतरी हो रही है।
अब श्री सचिन की दैनिक बिक्री 6000/-रुपये होने से मासिक आय में वृद्धि हुई है, जिससे श्री सचिन अपने परिवार के साथ बहुत खुश है और अन्नपूर्णा भण्डार के कार्य को पूरे लगन व ईमानदारी से कर रहा है।
Success Stories From Dholpur
यह कहानी है चौसला गांव की, जो फागी से डिग्गी मुख्य रोड के बस स्टैण्ड पर स्थित है। यहां राशन डीलर श्री दयालदास स्वामी अन्नपूर्णा भण्डार चलाता है। गत 4 जनवरी 2016 को अन्नपूर्णा भण्डार का विधिवत शुभारंभ हुआ तब से अब तक इस अन्नपूर्णा भण्डार पर करीब तीन लाख की बिक्री होने से दयालदास खुश है।
राशन डीलर स्वामी ने बताया कि अन्नपूर्णा भण्डार लेने से पहले सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन की दुकान 15 दिन ही खुलती थी, जिससे लगभग 5 हजार रूपये की बचत से गुजारा करना पडता था, शेष दिन फालतू बैठे रहना पडता था। वहीं अब सुबह 7 बजे से रात 8 बजे तक अन्नपूर्णा भण्डार खोलता हूं। गांव के लोगों से सीधा जुडाव हो गया है और मेरे साथ परिवार के अन्य सदस्यों को भी रोजगार मिल गया है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत शुरू की गई अन्नपूर्णा भण्डार पर दिनभर ग्राहकों का तांता लगा रहता है। चौसला गांव के मदन ने खाद्य तेल, डिटर्जेंट बार एवं साबुन, प्रहलाद ने चावल, मैदा व बेसन, कैलाश ने दाल, अगरबत्ती व मसाले, कजोड ने सर्फ व बिस्किट खरीदे। इन उपभोक्ताओं ने अन्नपूर्णा भण्डार पर उपलब्ध आमजन के दैनिक उपभोग की वस्तुओं को गुणवत्ता युक्त व किफायती दरों पर मिलना बताया। प्रहलाद ने बताया कि यहां वस्तुओं के चयन हेतु बेहतर विकल्प उपलब्ध है।
इसी गावं के उपभोक्ता परमेश्वर ने बताया कि परिवार की आवश्यक्ता की सामग्री अन्नपूर्णा भण्डार पर एक ही स्थान पर उपलब्ध होने से व एमआरपी से कम दर पर मिलने से ग्राहकों के धन, समय व श्रम की बचत होती है, साथ ही चौसला गांव के अन्य दुकानदार घटिया सामान बेचते थे, जिन्हें भी अब सबक मिल गया है।
परमेश्वर ने बताया कि जब कोई ग्राहक एक बार अन्नपूर्णा भण्डार से सामान खरीद लेता है तो उसके बाद वह किसी अन्य दुकान पर जाकर सामान खरीदना पसंद ही नहीं करता है। राशन डीलर स्वामी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बताया कि ग्रामीण उपभोक्ताओं के लिए अन्नपूर्णा भण्डार एक ओर ‘रूरल मॉल‘ के रूप में उपयोगी सिद्ध हुए हैं, वहीं उचित मूल्य दुकानदार के लिए अतिरिक्त आय का साधन साबित हुए हैं।
अन्नपूर्णा भण्डार पर लगता है ग्राहकों का तांता
यह सफलता की कहानी टोंक जिले के निवाई शहर के वार्ड नं. 5,6,7 की है, जो बस स्टैण्ड के ठीक पीछे पटेल रोड पर स्थित है। यहां राशन डीलर श्री सत्यदेव पारीक अन्नपूर्णा भण्डार चलाता है। गत मार्च, 2016 को नवाचार के रूप में अन्नपूर्णा भण्डार का शुभारंभ हुआ तब से अब तक इस अन्नपूर्णा भण्डार पर करीब 1.11 लाख की बिक्री पर 2800 रूपये की शुद्ध बचत होने एवं 2000 रूपये का नगद छूट मिलने से श्री सत्यदेव बहुत खुश है।
राशन डीलर पारीक ने बताया कि अन्नपूर्णा भण्डार खुलेने से पहले सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन की दुकान पखवाडे में 15 दिन ही खुलती थी, जिससे बहुत कम बचत से गुजारा करना पडता था, शेष दिन फालतू बैठे रहना पडता था। वहीं अब सुबह 7 बजे से रात 8-9 बजे तक अन्नपूर्णा भण्डार खुलता है। पहले वार्ड के गरीब लोग पखवाडे में ही राशन कार्ड से राशन सामग्री लेने आते थे, किन्तु अब बिना राशन कार्ड के कोई भी व्यक्ति उच्च गुणवत्ता की मल्टी-ब्राण्डेड उपभोक्ता वस्तुएं सीधे तौर पर ले रहे हैं। इससे मेरे साथ परिवार के अन्य सदस्यों को भी घर बैठे रोजगार मिल गया है। पारीक ने खुशी प्रकट करते हुए कहा कि अन्नपूर्णा भण्डार के खुल जाने से हो रही अतिरिक्त आय से जहां एक ओर मुझे आर्थिक सम्बल मिला है, वहीं दूसरी ओर उपभोक्ताओं के लिए भी अन्नपूर्णा भण्डार एक ‘रूरल मॉल‘ के रूप में बहुपयोगी सिद्ध हुए हैं।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत शुरू की गई अन्नपूर्णा भण्डार बस स्टैण्ड के पास होने के कारण दिनभर ग्राहकों का तांता लगा रहता है। शहर में मालियों के मौहल्ले के निवासी 35 वर्षीय श्री रामनिवास ने खाद्य तेल, डिटर्जेंट बार, साबुन, टूथपेस्ट, शैम्पू, माचिस, फिनाइल एवं टॉयलेट क्लीनर्स और श्री चन्द्रप्रकाश शर्मा ने चावल, मैदा, बेसन, दाल, अगरबत्ती, मसाले, सर्फ एवं बिस्किट आदि वस्तुएं पहली बार खरीद लेने के बाद लगातार यहीं से खरीदते हैं। उपभोक्ता श्री रामनिवास ने अन्नपूर्णा भण्डार पर उपलब्ध आमजन के दैनिक उपभोग की वस्तुओं को गुणवत्ता युक्त व किफायती दरों पर मिलना बताया। श्री चन्द्रप्रकाश ने बताया कि यहां वस्तुओं के चयन हेतु बेहतर विकल्प उपलब्ध है एवं एमआरपी से कम दरों पर दैनिक उपभोग का अच्छा सामान एक जगह मिल जाता है।
यह कहानी है नौगांवा में संचालित “रूरल माॅल” की, जहाॅ राजस्थान सरकार की अन्नपूर्णा भंडार योजना प्रदेश के लोगों के लिए सच में वरदान साबित हो रही है। अलवर जिले की रामगढ़ तहसील का यह गांव नौगावां, जहाॅ राशन डीलर गिरधारी लाल अन्नपूर्णा भंडार चलाता है। इस अन्नपूर्णा भंडार से दो प्रदेशों के लोगों में सामाजिक समरस्ता व मेलजोल का संदेश भी पहुंचा है।
यह गांव हरियाणा बोर्डर से महज 2 किलोमीटर पर है, इसलिए अन्नपूर्णा भंडार खुलने से पहले यहां के लोग रोजमर्रा का सामान हरियाणा राज्य की दुकानों से खरीदते थे। जहाॅ आने जाने में लोगों का समय, श्रम व पैसा खर्च होता था। 13 जनवरी 2016 को जब उनके ही गांव में राज्य सरकार द्वारा नवाचार के रूप में अन्नपूर्णा भंडार खोला गया तो लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा, क्योंकि अब उन्हे दैनिक उपयोग की किसी भी वस्तु के लिए 10 किलोमीटर दूर फिरोजपुर नहीं जाना पड़ता है। अब उनके ही गांव में संचालित अन्नपूर्णा भंडार से ये लोग दैनिक उपयोग की सारी वस्तुएं उच्च गुणवता व उचित मूल्य पर खरीद सकते हैं। अब न केवल नौगांवा के निवासी बल्कि हरियाणा स्थित फिरोजपुर के लोग भी यहां से सामान खरीदते है, और खरीदे भी क्यों नहीं, जब यहां से संतुष्टि हो रही हो तो।
हरियाणा की तहसील फिरोजपुर में रावड़ी गांव निवासी 85 वर्षीय बिशनदास आहूजा, दादाबाड़ी आश्रम के त्यागी बाबा अन्नपूर्णा भंडार से दैनिक उपभोग का सामान खरीदने के बाद राज्य सरकार की तारीफ करने से नहीं चूके…
“राज्य सरकार ने अन्नपूर्णा भंडार खुलवाकर उपभोक्ता हित में बहुत ही नेक काम किया है। यहां सामान अच्छा व एकदम किफायती दाम पर मिलता है”।
इसी अन्नपूर्णा भंडार से श्री घनश्याम शर्मा, मूर्तिकार ने भी शादी के लिए 25 हजार रू. का मल्टीब्रांड़ सामान खरीदा है। श्री महेश चंद ने बाजार से किफायती दरें होने के कारण अन्नपूर्णा भंडार से 5600 रू. का सामान खरीदा।
अन्नपूर्णा भंडार संचालक श्री गिरधारी लाल ने कहा…
“अन्नपूर्णा भंडार खुलने के बाद अब तक 1 लाख 80 हजार की बिक्री हुई है तथा प्रतिदिन औसतन 7 हजार का सामान लोग खरीदते है। अन्नपूर्णा भंडार से उपभोक्ताओं को तो बचत हो ही रही है साथ ही मेरी आय में भी अतिरिक्त बढ़ोतरी हुई है। अब उपभोक्ता जब राशन की दुकान पर राशन सामग्री लेने आते है, तभी अन्नपूर्णा भंडार से जरूरत का अन्य सामान भी खरीद लेते है इस तरह उनको एक ही जगह पर सारा सामान मिल जाता है। इस प्रकार ‘एक पंथ, दो काज’ वाली कहावत उनके लिए चरितार्थ हो रही है”।
रामगढ़ कस्बे मेें सुरेश चंद अन्न्पूर्णा भंडार चलाते है और सभी राशन डीलर्स को मांग के अनुसार अन्नपूर्णा भंडार का सामान भी पहुॅचाते हैं। सुरेश चंद प्रतिदिन 1200-1500 रू. तक का सामान बेंच लेते हैैं। इस गाॅव के 54 वर्षीय बाबूलाल ने सरसों का तेल व श्री शीशराम व सतीश ने रोजमर्रा के काम आने वाला सामान खरीदने के बाद कहा…
“राज्य सरकार की यह योजना बहुत अच्छी हैं इससे हमें मिलावट से निजात मिली हैं। अब हम विश्वास कर सकते है कि यहां मिलने वाली किसी भी वस्तु में मिलावट नहीं होगी”।
अन्नपूर्णा भंडार को चलाने वाले श्री सुरेश चंद ने कहा कि जो ग्राहक एक बार अन्नपूर्णा भंडार से सामान खरीद लेता है मैं गारंटी के साथ कह सकता हूॅ कि वह बार बार यहीं से खरीदेगा। रामगढ़ में एक अन्य अन्नपूर्णा भंडार के मालिक श्री ओमप्रकाश के यहां बिलासपुर गावं के हरिसिंह चैधरी व रामगढ़ के शेर मोहम्मद ने बताया कि यहां सभी सामान बिना किसी मिलावट के उचित दर पर मिल जाते है इसलिए अब सभी ग्राहक अन्नपूर्णा भंडार की ओर आकर्षित हो रहे हैैं।
इस प्रकार “रूरल माॅल” के रूप में अन्नपूर्णा भंडार योजना राजस्थान में हर तबके के लोगों के लिए सच में वरदान साबित हो रही है।
अन्नपूर्णा भण्डार लाया दयाल के जीवन में बहार
कहानी है चैसला गांव की, जो फागी से डिग्गी मुख्य रोड के बस स्टैण्ड पर स्थित है। यहां राशन डीलर श्री दयालदास स्वामी अन्नपूर्णा भण्डार चलाता है। गत 4 जनवरी 2016 को अन्नपूर्णा भण्डार का विधिवत शुभारंभ हुआ तब से अब तक इस अन्नपूर्णा भण्डार पर करीब तीन लाख की बिक्री होने से दयालदास खुश है। राशन डीलर स्वामी ने बताया कि अन्नपूर्णा भण्डार लेने से पहले सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन की दुकान 15 दिन ही खुलती थी, जिससे लगभग 5 हजार रूपये की बचत से गुजारा करना पडता था, शेष दिन फालतू बैठे रहना पडता था। वहीं अब सुबह 7 बजे से रात 8 बजे तक अन्नपूर्णा भण्डार खोलता हूं। गांव के लोगों से सीधा जुडाव हो गया है और मेरे साथ परिवार के अन्य सदस्यों को भी रोजगार मिल गया है।
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत शुरू की गई अन्नपूर्णा भण्डार पर दिनभर ग्राहकों का तांता लगा रहता है। चैसला गांव के मदन ने खाद्य तेल, डिटर्जेंट बार एवं साबुन, प्रहलाद ने चावल, मैदा व बेसन, कैलाश ने दाल, अगरबत्ती व मसाले, कजोड ने सर्फ व बिस्किट खरीदे। इन उपभोक्ताओं ने अन्नपूर्णा भण्डार पर उपलब्ध आमजन के दैनिक उपभोग की वस्तुओं को गुणवत्ता युक्त व किफायती दरों पर मिलना बताया। प्रहलाद ने बताया कि यहां वस्तुओं के चयन हेतु बेहतर विकल्प उपलब्ध है।
इसी गावं के उपभोक्ता परमेश्वर ने बताया कि परिवार की आवश्यक्ता की सामग्री अन्नपूर्णा भण्डार पर एक ही स्थान पर उपलब्ध होने से व एमआरपी से कम दर पर मिलने से ग्राहकों के धन, समय व श्रम की बचत होती है, साथ ही चैसला गांव के अन्य दुकानदार घटिया सामान बेचते थे, जिन्हें भी अब सबक मिल गया है। परमेश्वर ने बताया कि जब कोई ग्राहक एक बार अन्नपूर्णा भण्डार से सामान खरीद लेता है तो उसके बाद वह किसी अन्य दुकान पर जाकर सामान खरीदना पसंद ही नहीें करता है। राशन डीलर स्वामी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बताया कि ग्रामीण उपभोक्ताओं के लिए अन्नपूर्णा भण्डार एक ओर ‘रूरल माॅल‘ के रूप में उपयोगी सिद्ध हुए हैं, वहीं उचित मूल्य दुकानदार के लिए अतिरिक्त आय का साधन साबित हुए हैं।
सफलता की कहानी - सार्वजनिक वितरण प्रणाली के इतिहास में नया सवेरा-आदर्श अन्नपूर्णा भंडार, पड़ाॅगा
गांवों में अन्नपूर्णा भंडार की शोहरत के चर्चे
अजमेर जिले की भिनाय तहसील में पड़ाॅगा ग्राम सेवा सहकारी समिति द्वारा संचालित आदर्श अन्नपूर्णा भंडार ने अन्य अन्नपूर्णा भंडारों के लिए एक मिशाल कायम की है। इस आदर्श अन्नपूर्णा भंडार से “एक पंथ-दो काज“ की बजाय “एक पंथ-पंच काम“ की नई कहावत का प्रादुर्भाव हुआ है।
पड़ाॅगा ग्राम सेवा सहकारी समिति पर ग्रामीण उपभोक्ता हेमसिंह रावत खाद-बीज लेने आया था, तभी उसकी नजर साफ-सुथरे अन्नपूर्णा भंडार पर पड़ी तो उससे रहा न गया। हेमसिंह रावत ने इस संबंध में व्यस्थापक सुरेश तिवाड़ी से पूछा तो तिवाड़ी ने हेमसिंह रावत के साथ ही श्रीमति घीसी देवी, गुलाब रायका, भोलाराम तेवडा़, पारसमल गुर्जर, रंगलाल गुर्जर, सुखदेव चैधरी इत्यादि को बताया कि राज्य सरकार की अन्नपूर्णा भंडार योजना के अन्तर्गत संचालित इस आदर्श अन्नपूर्णा भंडार पर आपकी जरूरत की सभी चीजें एक ही स्थान पर उच्च गुणवत्ता के साथ ही एमआरपी से कम दर पर मिलती है। यहां से सामान लेने पर आप लोगो के समय व धन की बचत होती है। इस आदर्श अन्नपूर्णा भंडार के पास ही मिनी बैंक, ई-मित्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, विद्यालय, डेयरी एवं पशु चिकित्सा केन्द्र भी है।
खास बात यह है कि इस आदर्श अन्नपूर्णा भंडार पर सीसीटीवी केमरें लगे हुए है और मुम्बई के “अपना बाजार“ से लाया गया सोफ्टवेयर भी है जिससे कम्प्यूटर बिल पूरी डिटेल के साथ उपभोक्ताओं को मिलता है। इस आदर्श अन्नपूर्णा भंडार पर प्रतिदिन 16000 रू. की बिक्री हो रही है। 10 फरवरी 2016 से शुरू हुए इस आदर्श अन्नपूर्णा भंडार से अब तक 4 लाख रू. से अधिक विभिन्न उत्पाद उपभोक्ताओं ने खरीदें है। इससे ग्राम सेवा सहकारी समिति को 40 से 50 हजार रू. प्रतिमाह की आमद हुई है।
आदर्श अन्नपूर्णा भंडार, पड़ाॅगा अजमेर जिले का प्रथम आदर्श अन्नपूर्णा भंडार है। यह अन्नपूर्णा भंडार उपभोक्ताओं के लिए “रूरल माॅल“ के सपने को साकार कर रहा है। पड़ाॅगा ग्राम पंचायत के अन्तर्गत आने वाले गांव अर्जुनपुरा, सांयमाला, रामनगर, देवपुरा, रामपुरा, रूपपुरा, अमरगढ़, मोतीपुरा व सदापुरा ग्राम के लोग पहले यहां से 25 किलोमीटर दुर स्थित मसूदा और विजयनगर से अपनी जरूरत का सामान खरीदते थें। इससे बडी मिसाल और क्या हो सकती है कि अब इन सभी गांवों के निवासी अपनी मूलभूत आवश्कताओं की वस्तुओं के साथ ही विद्यालयों में मिड-डे-मील का सारा सामान भी इसी आदर्श अन्नपूर्णा भंडार से खरीदते है। क्योंकि यहां पर मिलने वाला सामान एक ही जगह उच्च क्वालिटी के साथ ही किफायती दर पर मिलता है। इस कारण आसपास के गांवों में इस आदर्श अन्नपूर्णा भंडार की शोहरत के चर्चे है। सुबह से लेकर शाम तक इस अन्नपूर्णा भंडार पर ग्राहकों का जमावड़ा लगा रहता है। ग्राहकों की सहूलियत को ध्यान में रखकर ग्राम सेवा सहकारी समिति के व्यस्थापक ने अलग से एक सेल्समेन भी रखा है। लगभग पाॅच सौं घर एवं पाॅच हजार की आबादी वाली इस ग्राम पंचायत के लोगो ने अब अन्य दुकानों से सामान खरीदना बंद कर दिया है। ग्रामवासियों का कहना है कि जब से आदर्श अन्नपूर्णा भंडार खुला है गांव की अन्य दुकानें या तो बन्द होने लगी है या दामों में कमी करने लगे है।
इस प्रकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के इतिहास में प्रदेश की अन्नपूर्णा भंडार योजना उचित मूल्य के दुकानदारों एवं उपभोक्ताओं के लिए एक नई आशा व नया सवेरा लेकर आई है।