मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिमण्डल की बैठक में महत्त्वपूर्ण निर्णय

राज्य की पहली सड़क सुरक्षा नीति को मंजूरी | राजस्थान किराया नियंत्रण अधिनियम सभी शहरी क्षेत्रों में होगा लागू

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की अध्यक्षता में मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में हुई कैबिनेट की बैठक में राज्य की पहली सड़क सुरक्षा नीति के अनुमोदन के साथ ही राजस्थान किराया नियंत्रण अधिनियम-2001 में संशोधन कर इसे सभी नगरीय क्षेत्रों में लागू करने तथा कर्मचारी हित में विभिन्न सेवा नियमों में संशोधन करने सहित कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

संसदीय कार्य मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने मीडियाकर्मियों को जानकारी देते हुए बताया कि राजस्थान भी अब उन राज्यों में सम्मिलित हो गया है जिन्हांेने अपनी सड़क सुरक्षा नीति जारी की है। नीति के तहत वर्ष 2015 को आधार मानते हुए सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में वर्ष 2020 तक 50 प्रतिशत की कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 में 20 हजार 201 सड़क दुर्घटनाओं में 22 हजार 255 लोग घायल हुए और 8 हजार 733 लोगों की मृत्यु हो गई। नीति में सड़क सुरक्षा के लिए संस्थानिक, वैधानिक एवं वित्तीय उपायों का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य में सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए संरचनात्मक ढांचे को सुदृढ़ किया जाएगा। राज्य में पृथक से एक नियमित एवं समर्पित सड़क सुरक्षा फंड बनाया जाएगा। यातायात एवं उल्लंघनों से प्राप्त जुर्माने की 25 प्रतिशत राशि इस फंड में जाएगी।

दुर्घटना संभावित ब्लैक स्पाॅट होंगे चिन्हित

श्री राठौड़ ने बताया कि बैठक में दुर्घटना सम्भावित ब्लेक स्पाॅट को चिन्हित कर अंतर्राष्ट्रीय मापदण्ड के अनुरूप बनाकर सड़क ढांचे को सुरक्षित बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस नीति में सड़क सुरक्षा सूचना डेटाबेस, पार्किंग पाॅलिसी, सड़क सुरक्षा शिक्षा प्रशिक्षण, ड्राइवर प्रशिक्षण, नियमित सड़क सुरक्षा आॅडिट, इंटेलीजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम, सुदृढ़ चिकित्सा व्यवस्था, लोक परिवहन को मजबूत करने, फ्री हैल्पलाइन सहित अन्य उच्च स्तरीय मापदण्डों को शामिल किया गया है।

पुराने वाहनों का चरणबद्ध रूप से बाहर करने का प्रावधान

संसदीय कार्यमंत्री ने बताया कि नीति के तहत पुराने वाहनों को भी चरणबद्ध रूप से बाहर किए जाने का प्रावधान किया गया है। साथ ही वाहनों में सुरक्षा मापदण्डों को निर्धारित अवधि में चैक किया जाएगा। इसके तहत परिवहन मंत्री की अध्यक्षता में राज्य सड़क सुरक्षा परिषद का गठन किया जाएगा। जिलों में गठित इस समिति की अध्यक्षता जिला कलेक्टर करेंगे।

बिना लिखित करार नहीं होगी कोई किराएदारी

श्री राठौड़ ने बताया कि बैठक में राजस्थान किराया नियंत्रण अधिनियम, 2001 में संशोधन कर इसे सभी 190 नगरीय क्षेत्रों में लागू करने का निर्णय लिया गया है। इन क्षेत्रों में उपखण्ड अधिकारी को रेंट अथाॅरिटी बनाकर किराएदारी के पंजीयन के लिए प्राधिकृत किया गया है। अब बिना लिखित करार के कोई किराएदारी नहीं होगी। पहले यह अधिनियम केवल 44 शहरों में ही लागू था, जिनमें जयपुर नगर निगम क्षेत्र में 7 हजार रूपए मासिक किराया, अन्य संभागीय मुख्यालयों में 4 हजार तथा शेष शहरों में 2 हजार रूपए व अधिक मासिक किराए पर किराएदारी का पंजीकरण होता था। अब राशि का प्रावधान हटा दिया गया है। संशोधन के बाद अब मालिक एक माह का किराया एडवांस ले सकेगा। मालिक एवं किराएदार की आपसी सहमति से किराया घटाया बढ़ाया जा सकेगा। किराया जमा करवाने में विफल रहने पर या मकान मालिक किराया नहीं ले तो रेंट अथाॅरिटी के पास किराया जमा कराया जा सकेगा। किराएदार की बेदखली को छोड़कर अन्य सुख-सुविधा के प्रकरण सुनने के अधिकार रेंट अथाॅरिटी को प्रदान किया जाएगा। किराएदार को बेदखल करने का अधिकार किराया अधिकरण के पास रहेगा।

सांख्यिकी विभाग में 650 पदों पर भर्ती का रास्ता साफ

संसदीय कार्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने राजस्थान सांख्यिकी अधीनस्थ सेवा नियम 1971 में संशोधन कर सहायक सांख्यिकी अधिकारी के 50 प्रतिशत पदों पर होने वाली सीधी भर्ती राजस्थान लोक सेवा आयोग के माध्यम से कराने तथा संगणक के पदों पर भर्ती राजस्थान अधीनस्थ मंत्रालयिक सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से कराने का निर्णय लिया गया है। इससे कुल 650 पदों पर भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। साथ ही कम्प्यूटर संबंधी योग्यता के लिए वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय द्वारा प्रदत आरएससीआईटी प्रमाण पत्र के साथ-साथ समकक्ष अन्य प्रमाण पत्रों को भी मान्य किया गया है।

होम्योपैथिक चिकित्सा बोर्ड की बढे़गी आय

श्री राठौड़ ने बताया कि बैठक में राजस्थान होम्योपैथिक चिकित्सा अधिनियम, 1969 में संशोधक कर राजस्थान होम्योपैथिक चिकित्सा (संशोधन) विधेयक, 2016 लाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य में होम्यापैथिक चिकित्सकों की प्रैक्टिस के लिए राजस्थान होम्यापैथिक चिकित्सा बोर्ड, जयपुर संचालित है। बोर्ड की सीमित आय में वृद्धि के लिए संशोधन के बाद बोर्ड को प्राप्त होने वाले पंजीकरण शुल्क, नवीनीकरण शुल्क तथा अतिरिक्त योग्यता जुड़वाने हेतु लिए जाने वाले शुल्क का निर्धारण राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा।
वर्तमान में होम्योपैथिक चिकित्सकों का पंजीकरण शुल्क 1040 रूपए तथा प्रत्येक तीन वर्ष पश्चात नवीनीकरण शुल्क 225 रूपए तथा अतिरिक्त योग्यता जुड़वाने हेतु 100 रुपए शुल्क लिया जा रहा है। अब पंजीकरण के नवीनीकरण अवधि 5 वर्ष की जाएगी। गैर पंजीकृत होम्यापैथिक चिकित्सक पर दण्ड का प्रावधान 200 रुपए से बढ़ाकर 2 वर्ष कारावास अथवा 10 हजार रुपए जुर्माना या दोनों का प्रावधान किया जाएगा। गैर मान्य प्राप्त डिग्री, डिप्लोमा एवं प्रमाण पत्र वाली संस्थाओं पर भी यही प्रावधान लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यदि किसी होम्योपैथिक चिकित्सक का नाम होम्योपैथिक केंद्रीय परिषद अधिनियम, 1973 के तहत संधारित रजिस्टर के भाग-2 में जुड़ा हुआ है तो उसे भी राजस्थान में होम्योपैथिक चिकित्सा प्रैक्टिस के लिए अधिकृत माना जाएगा।

1500 आयुर्वेद अधिकारियों की पदोन्नति होगी

संसदीय कार्यमंत्री ने बताया कि राजस्थान आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, यूनानी एवं प्राकृतिक सेवा नियम, 1973 में संशोधन करने का निर्णय लिया गया है। इससे आयुर्वेद के 1500 अधिकारियों की करीब 8 वर्षों से लंबित पदोन्नति का मार्ग प्रशस्त होगा। संशोधन के तहत अब सहायक निदेशक, जिला आयुर्वेद अधिकारी, प्रभारी अधिकारी रसायन शाला के शत प्रतिशत पद पदोन्नति से भरे जाएंगे।

अनुकम्पात्मक नियुक्ति के कर्मचारियों को राहत

श्री राठौड़ ने बताया कि बैठक में राजस्थान मृत सरकारी कर्मचारी के आश्रित को अनुकम्पात्मक नियुक्ति नियम, 1996 के नियम 9 में संशोधन का निर्णय लिया गया है। इसके तहत मृतक आश्रित कर्मचारी के नियुक्ति के बाद कम्प्यूटर योग्यता उत्तीर्ण करने की अवधि को एक वर्ष से बढ़ाकर परिवीक्षाकाल (2 वर्ष) तक किया गया है। इसके बाद भी कम्प्यूटर योग्यता विलंब से उत्तीर्ण करने पर परिवीक्षा काल को उतनी ही अवधि तक बढ़ाया जाएगा। वर्तमान में नियुक्ति तिथि से तीन वर्ष में प्रशिक्षण, विभागीय परीक्षा या टंकण परीक्षा उत्तीर्ण करने की अनिवार्यता में शिथिलता प्रदान करने के अधिकार कार्मिक विभाग दिए जाएंगे। कार्मिक विभाग ऐसे मामलों में केस-टू-केस आधार पर निर्णय ले सकेगा। विधवाओं को नियुक्ति के समय वर्तमान में प्राप्त टंकण परीक्षा से छूट के साथ-साथ अब कम्प्यूटर योग्यता की अनिवार्यता से भी मुक्त रखने का निर्णय लिया गया है। अनुकम्पा नियुक्ति प्राप्त विशेष योग्यजन को भी विधवाओं के समान ही टंकण परीक्षा से छूट प्रदान करने का निर्णय लिया गया है।

20 नवम्बर, 2015 की अधिसूचना का लाभ अब अन्य विभागों में भी

संसदीय कार्यमंत्री ने बताया कि राजस्थान विविध सेवा संशोधन नियम, 2016 के माध्यम से कार्मिक विभाग की 20 नवम्बर, 2015 को जारी अधिसूचना के प्रावधान अब राजस्थान वन अधीनस्थ सेवा नियम, 2015, रास्थान आबकारी प्रयोगशाला ( राज्य एवं अधीनस्थ) सेवा नियम, 2015 एवं राजस्थान संस्कृत शिक्षा राज्य एवं अधीनस्थ सेवा (विद्यालय शाखा) नियम, 2015 में भी शामिल करने का निर्णय लिया गया है। वर्तमान में विविध सेवा नियमों में यह प्रावधान है कि किसी अभ्यर्थी के 1 जून, 2002 को या उसके बाद संतानों की कुल संख्या 2 से अधिक हो जाने पर वह राजकीय सेवा में नियुक्ति के लिए पात्र नहीं होगा। राज्य सेवा में होने पर उसकी पदोन्नति पर 3 वर्ष तक विचार नहीं किया जाएगा। 20 नवम्बर, 2015 को जारी अधिसूचना के अनुसार सीधी भर्ती एवं पदोन्नति में नियुक्त कर्मचारियों को पत्नी या पति की मृत्यु के उपरांत पुनर्विवाह से पैदा होने वाली एक संतान तक छूट देने का प्रावधान दिया गया है।

कारागार अधीनस्थ सेवा नियम में संशोधन

श्री राठौड़ ने बताया कि राजस्थान कारागार अधीनस्थ सेवा नियम, 1998 में संशोधन कर अब सहायक कारापाल, महामुख्य प्रहरी एवं उप कारापाल के पदों को मर्ज कर इन सभी का नामकरण उप कारापाल करने का निर्णय लिया गया है। अब उप कारापाल के 50 प्रतिशत पदों पर भर्ती मुख्य प्रहरी के पद से पदोन्नति द्वारा एवं 50 प्रतिशत पदों पर सीधी भर्ती के माध्यम से की जाएगी।

सीआरपीसी, 1973 में संशोधन के लिए लाएंगे अध्यादेश

संसदीय कार्यमंत्री ने बताया कि दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973 में संशोधन के लिए दण्ड प्रक्रिया संहिता (राजस्थान संशोधन) अध्यादेश, 2016 लाने का निर्णय लिया गया है। इसको राष्ट्रपति के अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा। संशोधन के अनुसार किसी लोक सेवक, जज या मजिस्टेªट के विरूद्ध प्रस्तुत परिवाद को मजिस्टेªट द्वारा अनुसंधान के लिए तब तक प्रेषित नहीं किया जाएगा, जब तक कि सक्षम प्राधिकारी द्वारा अभियोजन स्वीकृति जारी नहीं की गई हो। सक्षम प्राधिकारी अधिकतम 180 दिनों में अभियोजन स्वीकृति दिए जाने अथवा नहीं दिए जाने के संबंध में निर्णय लेंगे। उक्त प्रावधान उन्हीं स्थितियों में लागू होंगे, जबकि वह कार्य लोक सेवक द्वारा अपने पदेन कर्तव्यों के निर्वहन में किया गया हो।

श्री राठौड़ ने बताया कि सैशन न्यायालय स्वयं या उच्च न्यायालय के आदेश पर सैशन खण्ड में विशिष्ट स्थान पर आंतरिक सुरक्षा या लोक व्यवस्था के आधार पर अभियोजन एवं अभियुक्त की सहमति के बिना भी बैठक आयोजित कर सकेंगे। यह भी संशोधन किया जाएगा कि दण्ड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत अभियुक्त की उपस्थिति न्यायालय में आॅडियो-वीडियो इलेक्ट्राॅनिक माध्यम से की जा सकेगी तथा साक्ष्य के दौरान भी अभियुक्त की स्थिति आॅडियो-वीडियो माध्यम से लिए जाने का प्रावधान किया जाएगा। अतिरिक्त निदेशक विधि विज्ञान प्रयोगशाला द्वारा लिखित रिपोर्ट को भी न्यायालय में साक्ष्य के रूप में उपयोग में लाया जा सकेगा।

अधिशेष चूंगी कार्मिकों को राहत

संसदीय कार्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा 1 अगस्त, 1998 से चूंगी समाप्त किए जाने के बाद चूंगी कार्य में लगे मेट्रीकुलेट कार्मिकों का समायोजन ग्राम सेवक के पद पर उसी समय कर दिया गया था, लेकिन इससे कम शैक्षणिक योग्यता वाले अधिशेष कार्मिकों का समायोजन अभी तक नहीं हो पाया है। ऐसे कार्मिकों को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर बिना कोई वार्षिक वेतन वृद्धि दिए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को देय न्यूनतम वेतनमान एवं भत्तों पर समायोजित करने का निर्णय लिया गया है। ऐसे साक्षर कर्मचारी जिनकी शैक्षणिक योग्यता पांचवीं से भी कम है, उन्हें श्रम विभाग द्वारा निर्धारित न्यूनतम पारिश्रमिक दिए जाने का निर्णय लिया गया है।

25 पीएचसी होगी क्रमोन्नत, 50 पीएचसी नई खुलेंगी

श्री राठौड़ ने बताया कि पूर्ववर्ती सरकार के अंतिम 6 माह के निर्णयों की समीक्षा के लिए गठित मंत्रिमण्डलीय उपसमिति की सिफारिशों के अनुरूप प्रदेश में 25 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में क्रमोन्नत करने तथा 50 नए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोलने के निर्णय यथावत रखने का फैसला किया गया है। उन्होंने बताया कि राजस्थान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा नियम, 1963 के नियम 22 ए में ग्रामीण क्षेत्र की परिभाषा में संशोधन कर उप तहसील मुख्यालय को ग्रामीण क्षेत्रों में शामिल करने का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय से अब उप तहसील क्षेत्रों में भी चिकित्सकों को प्रथम नियुक्ति दी जा सकेगी।

कर सहायक का पदोन्नति कोटा बढ़ाया

संसदीय कार्यमंत्री ने बताया कि राजस्थान वाणिज्य कर अधीनस्थ सेवा (सामान्य शाखा) नियम, 1975 में संशोधन के माध्यम से कर सहायक की कनिष्ठ वाणिज्य कर अधिकारी के पद पर पदोन्नति के लिए आवश्यक अनुभव 7 वर्ष से घटाकर 5 वर्ष करने तथा पदोन्नति कोटा 12.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 37.5 प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया है। अब कनिष्ठ वाणिज्य कर अधिकारी के 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से, 12.5 प्रतिशत पद विभागीय मंत्रालयिक स्टाफ से सीधी भर्ती तथा 37.5 प्रतिशत पद कर सहायक से पदोन्नति द्वारा भरे जाएंगे।

आबकारी विभाग में बढेंगे पदोन्नति के अवसर

श्री राठौड़ ने बताया कि आबकारी विभाग में प्रथम नियुक्ति पद सहायक आबकारी अधिकारी सामान्य शाखा एवं सहायक आबकारी अधिकारी निवारक शाखा के कुल पदों में से कुल 25 प्रतिशत पद सीधी भर्ती द्वारा भरे जाने के लिए नियमों में संशोधन करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि आबकारी विभाग में आबकारी गार्ड के शत-प्रतिशत पद विभागीय आठवीं पास चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से भरे जाने का प्रावधान है। अब आबकारी गार्ड द्वितीय श्रेणी को पदोन्नति के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए कुल स्वीकृत पदों में से 25 प्रतिशत पदों को क्रमोन्नत कर आबकारी गार्ड प्रथम श्रेणी के पद सृजित करने का निर्णय लिया गया है। इन नियमों में संशोधन के उपरांत आबकारी गार्ड द्वितीय श्रेणी के पद सीधी भर्ती से भरे जा सकेंगे तथा उनकी पदोन्नति के लिए अवसर उपलब्ध हो सकेंगे।

विधानसभा संदर्भ सहायक की योग्यता में बदलाव

संसदीय कार्यमंत्री ने बताया कि राजस्थान विधानसभा सचिवालय (भर्ती तथा सेवा की शर्तें) नियम, 1992 में संशोधन कर संदर्भ सहायक के पद पर सीधी भर्ती के लिए निर्धारित शैक्षणिक योग्यता में बदलाव करने का निर्णय लिया गया है। अब संदर्भ सहायक के पद के लिए भारत में विधि द्वारा स्थापित किसी विश्वविद्यालय से किसी भी विषय में स्नातकोत्तर अथवा विधि स्नातक इस पद पर आवेदन के लिए पात्र होंगे। पहले केवल सामाजिक विज्ञान में स्नातकोत्तर ही इसके लिए पात्र थे।

चुनावी ड्यूटी पर मृत्यु होने पर अनुग्रह अनुदान 20 लाख

श्री राठौड़ ने बताया कि सिविल सेवा पेंशन नियम,1996 में भारत के निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार अनुग्रह अनुदान स्वीकृत करने के प्रावधान में संशोधन का निर्णय लिया गया है। इसके तहत राज्य कर्मचारी की चुनाव ड्यूटी के दौरान मृत्यु होने पर अनुग्रह अनुदान की राशि 20 लाख रुपए तथा स्थायी विकलांगता पर 5-10 लाख रुपए करने का निर्णय लिया गया है।

विभिन्न संस्थाओं को भूमि आवंटन

संसदीय कार्यमंत्री ने बताया कि बैठक में सतगुरू एज्युकेशनल एण्ड चैरिटेबल ट्रस्ट को पृथ्वीराज नगर योजना, अजमेर में विद्यालय के लिए कुल 20 हजार वर्गमीटर भूमि का 2 वर्ष की अवधि में निर्माण करने की शर्त पर आवंटन का निर्णय लिया गया है। प्रथम 5 हजार वर्गमीटर भूमि आरक्षित दर पर, 5001 से 10 हजार वर्गमीटर भूमि आरक्षित दर के 150 प्रतिशत, 10001 से 15 हजार वर्गमीटर भूमि 200 प्रतिशत तथा 15001 से 20 हजार वर्ग मीटर भूमि आरक्षित दर के 250 प्रतिशत दर पर आवंटित की जाएगी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के उपक्रम ईईएसएल को झालाना संस्थानिक क्षेत्र में कार्यालय भवन के लिए 2000 वर्गमीटर संस्थानिक भूखण्ड आवासीय आरक्षित दर की दोगुनी दर 30 हजार रुपए प्रति वर्गमीटर तथा शहरी निकायों को देय 15 प्रतिशत अतिरिक्त राशि की दर पर आवंटित करने का निर्णय लिया गया है। सेना विभाग हाॅस्टल निर्माण के लिए कोटा नगर विकास न्यास की योजना श्रीरामकृष्णपुरम-बी में 1215 वर्गमीटर भूमि आरक्षित दर और 15 प्रतिशत अतिरिक्त की दर पर आवंटित करने का निर्णय भी लिया गया है। इसी प्रकार भारत विकास सेवा संस्थान को ग्राम आनंदपुरा मण्डाना तहसील लाडपुरा, कोटा में कुल 11.88 हैक्टेयर भूमि का आवंटन कोटा शहर में उच्च मानकों वाला कैंसर इंस्टीट्यूट एवं विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए करने का निर्णय लिया गया है। इस भूमि का आवंटन आरक्षित दर की 25 प्रतिशत दर पर किया जाएगा।

जयपुर, 29 नवम्बर।