राजस्थान के शहरों के विकास के लिये 30 हजार करोड़ रूपये खर्च होंगे – केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री

केन्द्रीय शहरी विकास, आवासन एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री श्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि राजस्थान केन्द्र सरकार की शहरी विकास की योजनाओं को लागू करने में देश के अग्रणी राज्यों में है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के 6 शहरी विकास मिशनों के तहत राज्य में लगभग 30 हजार करोड़ रूपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। प्रति व्यक्ति लगभग 25 हजार रूपये का यह निवेश पूरे देश में सर्वाधिक है।

श्री नायडू ने मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे के साथ मंगलवार को 6 शहरी विकास मिशनों की समीक्षा के दौरान कहा कि राजस्थान ने अमृत मिशन तथा स्मार्ट सिटी मिशन की क्रियान्विति में तत्परता दिखाते हुए देश में प्रथम स्थान हासिल किया है। राज्य के सभी चार स्मार्ट सिटी शहरों जयपुर, उदयपुर, कोटा और अजमेर में एसपीवी के लिये कम्पनियों के गठन के साथ-साथ सीईओ और सीएफओ नियुक्त कर दिये हैं। राजस्थान ऐसा करने वाला पहला राज्य है।

केन्द्रीय मंत्री ने इसके लिए मुख्यमंत्री श्रीमती राजे को बधाई दी और कहा कि उनके विशेष प्रयासों से ही राज्य में अच्छे परिणाम प्राप्त हुए हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि इन योजनाओं से सभी नागरिक लाभान्वित होंगे और राज्य सरकार नगरीय विकास के क्षेत्र में विकास की इस गति को बरकरार रखेगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान स्वच्छ भारत मिशन, हृदय योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना तथा दीनदयाल उपाध्याय आजीविका मिशन के क्रियान्वयन में भी अग्रणी राज्य है।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने जयपुर के चारदीवारी क्षेत्र में विरासत के संरक्षण के साथ-साथ विभिन्न शहरों में ठोस कचरा प्रबंधन के लिये प्लान्ट स्थापित करने, वेस्ट वाटर को रिसाईकल कर उपयोग करने तथा रेन वाटर हारवेस्टिंग के लिये केन्द्र से अधिक मदद की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान (शहरी) के तहत समयबद्ध कार्यक्रम के अनुसार वर्षा जल संग्रहण के ढांचे तैयार कर रही है।

श्रीमती राजे ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहरों को खुले में शौच से मुक्त बनाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिये जिला कलक्टरों को और अधिक सक्रिय रहने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि राज्य के शहरी क्षेत्रों में आजीविका के अवसर बढ़ाने के लिये महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहन देने तथा कौशल विकास के लिये निजी और सरकारी आईटीआई के माध्यम से प्रयास किये जा रहे हैं।

बैठक के बाद श्री नायडू ने मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुसार केन्द्र सरकार के विभिन्न मंत्रालय राज्यों में पहुंचकर वहां की जरूरतों के बारे में जानने की पहल कर रहे हैं। इसी के तहत शहरी विकास तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की राजस्थान में बैठकें आयोजित की गईं। उन्होंने कहा कि इससे राज्य के मुख्यमंत्री और मंत्रियों को योजनाओं की स्वीकृति के लिये बार-बार दिल्ली जाने की जरूरत नहीं होगी।

मुख्यमंत्री ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि राज्य और केन्द्र सरकारों के बीच संवाद की यह नई शुरूआत देश और प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। उन्होंने कहा कि इससे न केवल शहरों के प्रबंधन में अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित हो सकेगी, बल्कि इन योजनाओं की क्रियान्विति को भी गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि इससे योजनाओं की क्रियान्विति में राज्य के विभिन्न शहरों के बीच प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी।

इस दौरान श्री नायडू ने मुख्यमंत्री श्रीमती राजे को स्वच्छ भारत मिशन के तहत विभिन्न परियोजनाओं के लिये 184 करोड़ रूपये तथा दीनदयाल उपाध्याय शहरी आजीविका मिशन के लिये 19 करोड़ रूपये की राशि के चैक दिये। उन्होंने प्रदेश के 6 शहरी क्षेत्रों मुंडवा, डूंगरपुर, विजयनगर, अनूपगढ़, परबतसर तथा रामगढ़ को खुले में शौच से मुक्त घोषित होने पर यहां के नगरपालिका अध्यक्षों और कार्यकारी अधिकारियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किये।

बैठक में राज्य के नगरीय विकास मंत्री श्री श्रीचन्द कृपलानी, जन स्वास्थ्य एंव अभियांत्रिकी मंत्री श्री सुरेन्द्र गोयल, केन्द्र सरकार के शहरी विकास श्री राजीव गोबा, आवासन और शहरी गरीबी उन्मूलन सचिव डॉ. नन्दिता चटर्जी, राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव शहरी विकास श्री मुकेश शर्मा, प्रमुख शासन सचिव वित्त, प्रमुख शासन सचिव स्थानीय निकाय सहित केन्द्र और राज्य सरकारां के सभी संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

जयपुर, 23 मई 2017