टाटा ट्रस्ट एवं अंतरा फाउण्डेशन के साथ एमओयू, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में आयेगा सकारात्मक बदलाव; मुख्यमंत्री की दूरदर्शितापूर्ण सोच – रतन टाटा

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे तथा टाटा ट्रस्ट के चेयरमेन श्री रतन टाटा की मौजूदगी में सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय के कान्फ्रेंस हाॅल में प्रदेश में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार के लिए राज्य सरकार, टाटा ट्रस्ट एवं अंतरा फाउण्डेशन के बीच अक्षदा कार्यक्रम के एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये।

मुख्यमंत्री ने इस एमओयू का स्वागत करते हुए आशा व्यक्त की कि यह कार्यक्रम प्रदेश की जनता के स्वास्थ्य में सकारात्मक बदलाव की मजबूत नींव रखने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में महिलाओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य एवं उनके पोषण स्तर में सुधार की यह भागीदारी प्रदेश को स्वास्थ्य संकेतकों की दिशा में देश के सर्वश्रेष्ठ राज्यों की श्रेणी में खड़ा करने का काम करेगी। उन्होंने आशा सहयोगिनियों को इस कार्यक्रम से सक्रियता से जोड़ने के लिये प्रेरित करने पर बल दिया।

श्रीमती राजे ने कहा कि श्री रतन टाटा की मौजूदगी में यह करार होना प्रदेश के लिये खुशी का विषय है और हम इसे लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि श्री रतन टाटा ने इस कार्यक्रम को लेकर जो गंभीरता दिखाई है, यह सामुदायिक कार्यों में भागीदारी के प्रति टाटा ट्रस्ट की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

टाटा ट्रस्ट के चेयरमेन श्री रतन टाटा ने कहा कि स्वास्थ्य को अक्सर भूख और चिकित्सा सुविधाओं में कमी से जोड़कर देखा जाता है, जबकि यह इससे कहीं बढ़कर पोषण की कमी से जुड़ी समस्या है। ट्रस्ट ने अक्षदा कार्यक्रम के माध्यम से आगे आने वाली पीढ़ी को स्वस्थ और मजबूत बनाने का बीड़ा उठाया है।

उन्होंने कहा कि राजस्थान में इस कार्यक्रम को लाने के पीछे मुख्यमंत्री की दूरदर्शितापूर्ण सोच है, उनमें विकास का विजन है और वे राजस्थान के लिये कुछ करना चाहती हैं। जिस तरह का सहयोग हमें राज्य सरकार से मिला है, वह उम्मीद से कहीं ज्यादा है। हमारा उद्देश्य है कि प्रदेश के युवा शारीरिक और मानसिक रूप से सुदृढ़ बनकर देश के विकास में भागीदार बन सकें। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार और टाटा ट्रस्ट की भागीदारी से अगले पांच सालों में प्रदेश की जनता को स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई बदलाव देखने को मिलेंगे।

अंतरा फाउण्डेशन के कार्यकारी निदेशक श्री अशोक एलेक्जेण्डर ने इस कार्यक्रम के बारे में प्रस्तुतीकरण देते हुए मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य पोषण के क्षेत्र में प्रदेश की स्थिति की जानकारी दी। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस कार्यक्रम की सफलता के बाद आने वाले तीन साल में राजस्थान स्वास्थ्य के क्षेत्र में केरल और तमिलनाडु के समकक्ष आ जायेगा तथा पांच साल में स्वास्थ्य बदलाव के क्षेत्र में राष्ट्रीय और वैश्विक माॅडल के रूप में उभरेगा।

मुख्य सचिव श्री सी.एस.राजन ने कार्यक्रम की शुरूआत में इसके बारे में जानकारी दी। राज्य सरकार की ओर से चिकित्सा विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री मुकेश शर्मा, टाटा ट्रस्ट की ओर से ट्रस्टी श्री आर.वेंकटरमणन एवं अंतरा फाउण्डेशन की ओर से श्री अशोक एलेक्जेण्डर ने एमओयू पर हस्ताक्षर किये।

अक्षदा कार्यक्रम गर्भ धारण से शिशु के दो वर्ष की आयु पूरी करने तक की एक हजार दिन की अवधि के दौरान माता में खून की कमी दूर करने, शिशु मृत्यु दर में कमी लाकर प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर केन्द्रित होगा। फिलहाल यह कार्यक्रम राज्य के झालावाड़ तथा सिरोही जिलों में चलाया जायेगा। इसके बाद इस कार्यक्रम को अन्य जिलों में भी चलाने की योजना है। इस महत्त्वाकांक्षी कार्यक्रम को टाटा समूह के आर्थिक सहयोग से अंतरा फाउण्डेशन द्वारा क्रियान्वित किया जायेगा।

अंतरा फाउण्डेशन के मुख्य प्रवर्तक एवं एचसीएल के संस्थापक अध्यक्ष श्री शिव नडार ने अक्षदा कार्यक्रम के बारे में संदेश भेजकर अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह कार्यक्रम राजस्थान में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के परिदृश्य में काफी बदलाव लायेगा। स्वास्थ्य जैसे क्षेत्र में निजी सहभागिता की राज्य सरकार की सकारात्मक सोच सराहनीय है। उन्होंने कहा कि इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम को निचले स्तर तक लागू करने के लिये अंतरा फाउण्डेशन प्रतिबद्धता के साथ कार्य करेगा।

जयपुर, 2 मार्च 2015