झालावाड़ के झाला बंधुओं ने किए खेती में नवाचार, बने प्रेरणास्त्रोत

झालावाड़ जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर की दूरी पर है गांव बीलवाड़ा। यहां के युवा किसान मनजींत सिंह और मनमीत सिंह का खनन सहित दूसरे व्यवसाय अच्छे चल हरे थे। इनके गांव में 68 बीघा जमीन थी, जिस पर ये बंटाई पर खेती करवा रहे थे। जब इन्होंने देखा कि आस-पास के किसान सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के माध्यम से उन्नत खेती करके लाखों कमा रहे हैं, तो इन्होंने खुद खेती करने का फैसला लिया। सबसे पहले इन्होंने उद्यान विभाग के सहयोग से 5 एचपी का सोलर पम्प सेट अपने कुंए पर लगवाया। इसके बाद इन्होंने नागपुरी किस्म के संतरों का एक बगीचा लगाया। जब यहां अच्छा उत्पादन होने लगा, तो इनका उत्साह बढ़ा और इन्होंने अलसी का उत्पादन लिया। झाला बंधुओं को अब खेती रास आने लगी और इन्होंने अब गर्मियों में 14 बीघा में मिर्ची की पौध लगाई है। यह मल्चिंग और बूंद-बूंद सिंचाई पद्धति का उपयोग कर सब्जियों की खेती कर रहे हैं। जहां गर्मियों में खेत खाली रहते हैं, वहां सब्जियों की फसल लहलहा रही है। झाला बंधुओं ने अपनी इच्छाशक्ति से कृषि में नवाचार किए और अब ये इलाके में अन्य किसानों के प्ररेणास््त्रोत बने हुए हैं।

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