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सफलता की कहानियां  

बारां जिले की मांगरोल पंचायत समिति के ग्राम बालोद निवासी प्रेमशंकर गालव ने जैविक आंवला उत्पादन कर प्रसंस्करण उद्योग को संचालित कर किसानों के लिए एक नजीर पेश की है। बकौल गालव उन्होंने पहली बार वर्ष 2001 में आंवला के पौधे लगाए थे।

आंवला उत्पादन और प्रसंस्करण ने दिलाई खुशहाली

बारां जिले की मांगरोल पंचायत समिति के ग्राम बालोद निवासी प्रेमशंकर गालव ने जैविक आंवला उत्पादन कर प्रसंस्करण उद्योग को संचालित कर किसानों के लिए एक नजीर पेश की है। बकौल गालव उन्होंने पहली बार वर्ष 2001 में आंवला के पौधे लगाए थे।
बारां जिले में प्रगतिशील किसान के रूप में पहचान बना चुके नरेन्द्र शंकर गालव ने लहसुन की फसल को सुरक्षित रखने के लिए उद्यान विभाग से मिले अनुदान से प्याज का भंडार गृह बनवाया है। श्री गालव बताते हैं कि पहले लहसुन की फसल जल्दी खराब हो जाती थी, लेकिन अब भंडार गृह बनने के बाद पूरे साल भर यह फसल सुरक्षित रहती है।

वैज्ञानिक तरीके से करते हैं लहसुन का भंडारण

बारां जिले में प्रगतिशील किसान के रूप में पहचान बना चुके नरेन्द्र शंकर गालव ने लहसुन की फसल को सुरक्षित रखने के लिए उद्यान विभाग से मिले अनुदान से प्याज का भंडार गृह बनवाया है। श्री गालव बताते हैं कि पहले लहसुन की फसल जल्दी खराब हो जाती थी, लेकिन अब भंडार गृह बनने के बाद पूरे साल भर यह फसल सुरक्षित रहती है।
बारां जैसे क्षेत्र में जहां अधिकतर किसान केवल खाद्यान्न, तिलहन और मसाला खेती करते हैं, वहां राजकुमार जैन आंवला, अमरूद, नींबू और चीकू करके बागवानी के राजकुमार बन गए हैं। राजकुमार बताते हैं कि उन्होंने वर्ष 1977 में राजस्थान विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर किया।

बागवानी के राजकुमार

बारां जैसे क्षेत्र में जहां अधिकतर किसान केवल खाद्यान्न, तिलहन और मसाला खेती करते हैं, वहां राजकुमार जैन आंवला, अमरूद, नींबू और चीकू करके बागवानी के राजकुमार बन गए हैं। राजकुमार बताते हैं कि उन्होंने वर्ष 1977 में राजस्थान विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर किया।
बूंदी जिला मुख्यालय से जब ठिकोरदा ग्राम पंचायत की तरफ रूख किया, तो पहाड़ी रास्तों पर सफर तय करते हुए लगा कि हम बहुत पिछड़े इलाके में जा रहे हैं। लेकिन आस-पास ताड़ के हरे पेड़, पानी की झीलें और उसमें कमल के पेड़ इलाके की प्राकृतिक खूबसूरती को बयां कर रहे थे।

एकीकृत कृषि का उदाहरण है रामचंद्र सैनी का कृषि फार्म

बूंदी जिला मुख्यालय से जब ठिकोरदा ग्राम पंचायत की तरफ रूख किया, तो पहाड़ी रास्तों पर सफर तय करते हुए लगा कि हम बहुत पिछड़े इलाके में जा रहे हैं। लेकिन आस-पास ताड़ के हरे पेड़, पानी की झीलें और उसमें कमल के पेड़ इलाके की प्राकृतिक खूबसूरती को बयां कर रहे थे।
कृषि मंत्री श्री प्रभुलाल सैनी के नेतृत्व में मई, 2016 में प्रगतिशील किसानों का एक दल इजरायल में कृषि के नवाचारों को देखने गया था। इस दल में उनके साथ गए थे झालावाड़ जिले के धनवाड़ा गांव के प्रगतिशील किसान ओमप्रकाश पाटीदार। बकौल, ओमप्रकाश...

अनुदान पर लगाया ग्रीन हाऊस, अब कमा रहे हैं लाखों

कृषि मंत्री श्री प्रभुलाल सैनी के नेतृत्व में मई, 2016 में प्रगतिशील किसानों का एक दल इजरायल में कृषि के नवाचारों को देखने गया था। इस दल में उनके साथ गए थे झालावाड़ जिले के धनवाड़ा गांव के प्रगतिशील किसान ओमप्रकाश पाटीदार। बकौल, ओमप्रकाश…
कोटा जिले की रामगंज मंडी तहसील का छोटा सा गांव हिरपुरा। इस गांव में रहते हैं जैविक खेती करने वाले किसान नंदकिशोर। स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल करने के बाद इन्होंने नौकरी की बजाय खेती को चुना। इनके अंदर पैसा कमाने की लालसा नहीं थी, लेकिन आस-पास के इलाकों में लोगों के...

जैविक खेती के प्रेरक नंदकिशोर

कोटा जिले की रामगंज मंडी तहसील का छोटा सा गांव हिरपुरा। इस गांव में रहते हैं जैविक खेती करने वाले किसान नंदकिशोर। स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल करने के बाद इन्होंने नौकरी की बजाय खेती को चुना। इनके अंदर पैसा कमाने की लालसा नहीं थी, लेकिन आस-पास के इलाकों में लोगों के…
खेती में बढ़ती लागत और घटते मुनाफे की वजह से परेशान थे कोटा जिले की रामगंज मंडी तहसील के हरिपुरा गांव के किसान सत्यनारायण धाकड़। इन्होंने अपनी आय बढ़ाने के लिए दूसरे काम करने भी शुरू किए, लेकिन उनका तो मन खेती में ही बसता था। इसलिए उन्होंने खेती में...

औषधीय खेती करके खेती को बनाया लाभकारी व्यवसाय

खेती में बढ़ती लागत और घटते मुनाफे की वजह से परेशान थे कोटा जिले की रामगंज मंडी तहसील के हरिपुरा गांव के किसान सत्यनारायण धाकड़। इन्होंने अपनी आय बढ़ाने के लिए दूसरे काम करने भी शुरू किए, लेकिन उनका तो मन खेती में ही बसता था। इसलिए उन्होंने खेती में…
झालावाड़ जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर की दूरी पर है गांव बीलवाड़ा। यहां के युवा किसान मनजींत सिंह और मनमीत सिंह का खनन सहित दूसरे व्यवसाय अच्छे चल हरे थे। इनके गांव में 68 बीघा जमीन थी, जिस पर ये बंटाई पर खेती करवा रहे थे। जब इन्होंने देखा कि आस-पास के किसान...

झालावाड़ के झाला बंधुओं ने किए खेती में नवाचार, बने प्रेरणास्त्रोत

झालावाड़ जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर की दूरी पर है गांव बीलवाड़ा। यहां के युवा किसान मनजींत सिंह और मनमीत सिंह का खनन सहित दूसरे व्यवसाय अच्छे चल हरे थे। इनके गांव में 68 बीघा जमीन थी, जिस पर ये बंटाई पर खेती करवा रहे थे। जब इन्होंने देखा कि आस-पास के किसान…
झालावाड़ जिले के रूण्डलाव गांव का यह प्रयोगधर्मी किसान है भंवरलाल नागर, जो ग्रीन हाउस से खीरे का उत्पादन कर सालाना 10 लाख रूपये का मुनाफा ले रहा है। भंवरलाल ने 2016 वर्ग मीटर क्षेत्र में राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत ग्रीन हाऊस का निर्माण कराया। इस ग्रीन हाऊस के निर्माण...

भंवर लाल को रहा है ग्रीन हाऊस से भरपूर मुनाफा

झालावाड़ जिले के रूण्डलाव गांव का यह प्रयोगधर्मी किसान है भंवरलाल नागर, जो ग्रीन हाउस से खीरे का उत्पादन कर सालाना 10 लाख रूपये का मुनाफा ले रहा है। भंवरलाल ने 2016 वर्ग मीटर क्षेत्र में राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत ग्रीन हाऊस का निर्माण कराया। इस ग्रीन हाऊस के निर्माण…

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