मुख्यमंत्री ने किया शिक्षक और विद्यार्थियों से संवाद

शिक्षक दिवस पर पहली बार, प्रदेश में 12 डिजिटल लर्निंग सोल्यूशन रूम्स का लोकार्पण

देश में शिक्षा क्रांति का अगुवा बनेगा राजस्थान

राज्य के इतिहास में संभवतः यह पहला अवसर है जब किसी मुख्यमंत्री ने शिक्षक दिवस पर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों तथा उनके शिक्षकों से सीधा संवाद कर शिक्षकों के प्रति अपना गहरा सम्मान व्यक्त किया। शिक्षकों के प्रति सम्मान को अभिव्यक्त करने के साथ ही शिक्षक दिवस पर मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों में डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा देने की अभिनव पहल करते हुए 12 डिजिटल लर्निंग सोल्यूशन रूम्स (डीएलएसआर) का लोकार्पण किया।

झालाना डूंगरी स्थित राजस्थान राज्य पाठ्य पुस्तक मंडल पर आयोजित समारोह में श्रीमती राजे ने कनेक्टेड लर्निंग सेटअप के माध्यम से इन 12 संस्थानों से सीधे जुड़कर वहां के शिक्षकों, विद्यार्थियों, जनप्रतिनिधियों तथा अधिकारियों के साथ बातचीत की।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार द्वारा बीते दो साल में शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए किए गए नवाचारों का सुखद परिणाम देखने को मिला है। इस अवधि में सरकारी स्कूलों में 15 लाख विद्यार्थियों का नामांकन बढ़ा है। वह दिन दूर नहीं जब हम इन ऐतिहासिक बदलावों के बलबूते देशभर में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति के अगुवा राज्य बनेंगे। निश्चय ही हम राजस्थान का डिजिटल ट्रांसफोर्मेशन करने में सफल होंगे।

सिस्को कंपनी के सहयोग से ये डीएलएसआर रूम्स अजमेर, जयपुर, उदयपुर, जोधपुर, कोटा, झालावाड़, बारां, पाली, बीकानेर, भरतपुर, चूरू एवं गोनेर में स्थापित किए गए हैं। श्रीमती राजे ने इस अवसर पर पाली जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए नवीनतम शिक्षण तकनीक पर आधारित प्रोजेक्ट ‘उत्कर्ष’ का भी शुभारंभ किया।

सिस्को 8 आईटीआई को वाई-फाई से जोड़ेगा

इस दौरान श्रीमती राजे ने सिस्को इंडिया और सार्क के प्रेसीडेंट श्री दिनेश मलकानी से भी राजस्थान सरकार को किए गए इस सहयोग के लिए चर्चा की। श्री मलकानी ने डिजिटाइज्ड राजस्थान बनाने की दिशा में पहल के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए प्रदेश के 8 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को वाई-फाई से निशुल्क जोड़ने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इसका लाभ निश्चय ही इन संस्थानों के शिक्षकों तथा विद्यार्थियों को मिलेगा।

बच्चों ने मुख्यमंत्री से की दिल की बात

मुख्यमंत्री ने ‘कनेक्टेड लर्निंग सेटअप’ के जरिए प्रदेश के विभिन्न जिलों के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले दूरदराज के गांवों के बालक-बालिकाओं से बातचीत कर उनके दसवीं परीक्षा के अंकों तथा हॉबीज के बारे में पूछा। श्रीमती राजे ने बच्चों से यह भी पूछा कि वे भविष्य में क्या बनना चाहेंगे ?

बारां जिले की छात्रा सलोनी शर्मा, प्रमिला चक्रधारी, अजमेर की वीना सोलंकी, प्रियंका यादव, झालावाड़ की नाजिया परवीन, कल्पना, उदयपुर के खैरवाड़ा की दीपिका राणावत, जोधपुर की प्रियंका विश्नोई, चूरू की निकिता, पाली की ज्योति जैन, कोटा की करूणा गोचर आदि छात्राओं ने बताया कि उन्होंने दसवीं कक्षा में 88 से 95 प्रतिशत तक अंक हासिल किए हैं। कई छात्राओं ने तो स्टेट मेरिट लिस्ट में भी नाम दर्ज कराया है। मुख्यमंत्री ने उनकी इस उपलब्धि की तारीफ की। इन छात्राओं ने बताया कि वे डॉक्टर, इंजीनियर, जज, आईएएस तथा पॉलिटिशियन बनना चाहती हैं। मुख्यमंत्री ने इन सभी के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें आशीर्वाद दिया।

इससे पहले शिक्षा राज्यमंत्री श्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि शिक्षा में नवाचार तथा गुणवत्ता की वजह से राजस्थान की शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट पहचान बन रही है। उन्होंने कहा कि शाला दर्पण, शाला दर्शन, ई-ज्ञान आदि की वजह से दो वर्षों में 15 लाख बच्चों का नामांकन बढ़ा है।

इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री श्री कालीचरण सराफ, मुख्यमंत्री सलाहकार परिषद् के शिक्षा उपसमूह के सदस्यगण, अति. मुख्य सचिव स्कूल एवं तकनीकी शिक्षा श्री राजहंस उपाध्याय, प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा श्रीमती वीनू गुप्ता, शासन सचिव शिक्षा श्री नरेशपाल गंगवार सहित वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

क्या है डीएलएसआर

सिस्को कम्पनी की ओर से ये वर्चुअल डिजिटल रूम संचालित किए जायेंगे। इस पहल का उद्देश्य डिजिटल लर्निंग के माध्यम से राज्य के 12 राज्य शिक्षण प्रबन्धन एवं प्रशिक्षण संस्थानों (सीमैट) के शिक्षकों को एक-दूसरे से जोड़ना तथा सिलेबस आदि तैयार करने के लिए शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाना है। इसके माध्यम से राज्य सरकार शिक्षण के नए तरीकों से शिक्षकों को अधिक सशक्त बनाने तथा उनके प्रोफेशनल डवलपमेंट के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार करेगी। इसके लिए सिस्को और सीमैट, एक वर्ष में 50 हजार घंटों का प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार करेंगे।

सिस्को ने 12 डिजिटल लर्निंग सोल्यूशन रूम स्थापित करने के लिए समझौता किया है, वह प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर चल रहे राज्य सरकार के सामाजिक कार्यक्रमों का हिस्सा है।

जयपुर, 5 सितम्बर 2016