ऐतिहासिक धरोहरों के प्रबंधन व संरक्षण की समयबद्ध योजना बने

जयपुर, 19 जुलाई। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने कहा है कि राज्य की ऐतिहासिक व पुरामहत्त्व की इमारतों एवं धरोहर के संरक्षण, रखरखाव और प्रबंधन के लिए समयबद्ध योजना के अनुरूप कार्य हो ताकि ये पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बन सकें।

श्रीमती राजे शनिवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में राज्य की ऐतिहासिक व पुरामहत्त्व की इमारत एवं धरोहर के संरक्षण के संबंध में आयोजित बैठक को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक धरोहर का प्रबंधन व संरक्षण इस तरह से किया जाये कि वहां पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हो तथा उनसे होने वाली आय से ये सभी स्थान आत्मनिर्भर बन सकंे।

मुख्यमंत्री ने पर्यटकों को बढ़ावा देने के लिये जिलों को आपस में प्रतिस्पर्धात्मक रूप से कार्य करने पर जोर दिया जिससे संबंधित क्षेत्र के पर्यटन स्थलों पर देशी एवं विदेशी पर्यटकों की आवाजाही बढ़े। मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के पुराने डाकबंगलों के साथ सिंचाई एवं वन विभाग के निरीक्षण गृह व विश्रान्तिगृह की सूची बनाने के निर्देश दिये ताकि उनका जीर्णोंद्धार करवा कर यहां निजी पर्यटकों के ठहरने की व्यवस्था हो सके।

शेखावाटी क्षेत्र की हवेलियों की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वो हमारे इतिहास की साक्षी हैं। कुछ हवेलियों पर व्यक्तिगत मालिकाना हक है तथा पर्यटन विभाग इन व्यक्तियों से चर्चा कर इनके संरक्षण की भी पुख्ता व्यवस्था करें ताकि ये हवेलियां भी पर्यटकों के अवलोकन योग्य बन सके। उन्होंने जयपुर के स्मारकों के रखरखाव की ओर विशेष ध्यान देने के निर्देश देते हुए आमेर किला प्रबंधन की योजना तुरन्त पूर्ण करने को कहा।

भरतपुर की सुजानगंगा, संग्रहालय, धौलपुर के मचकुण्ड वनविहार व तलाबेशाही पर्यटन स्थलों के रखरखाव व जीर्णोंद्धार के संबंध में बैठक में विस्तृत चर्चा की गई। धौलपुर मचकुण्ड वनविहार का प्रबंधन, तालछापर वन्य अभ्यारण्य की तर्ज पर पीपीपी मोड पर करने की योजना है इसके लिये वन विभाग को तुरन्त कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिये गये।

बैठक में जयपुर के रवीन्द्र रंगमंच तथा अलबर्ट हाॅल के रखरखाव एवं इन्हें और खूबसूरत बनाने व आमेर किले के आस-पास हुए अव्यवस्थित निर्माण को नियंत्रित करने पर भी चर्चा हुई। बैठक में विरासत संरक्षक मालाविका सिंह, मुख्यमंत्री सलाहकार परिषद् की सदस्य श्रीमती मीरा महर्षि, प्रमुख शासन सचिव वित्त श्री सुभाष गर्ग, प्रमुख शासन सचिव पर्यटन श्री एस.के.अग्रवाल एवं पुरातत्त्व एवं पर्यटन विभाग के निदेशक सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।