इन्दिरा गांधी नहर के जीर्णोद्धार के लिए सरकार लेगी 3,291 करोड़ रुपये का ऋण

राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की अध्यक्षता में गुरुवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में इन्दिरा गांधी नहर परियोजना (आईजीएनपी) के जीर्णोद्धार के लिए 3 हजार 291 करोड़ रुपये का ऋण लेने, पंचायती राज विभाग के तृतीय श्रेणी शिक्षकों के माध्यमिक शिक्षा विभाग में स्थानान्तरण के लिए अनुभव सीमा घटाने एवं दो से अधिक संतान वाले राज्यकर्मियों को राहत देने सहित कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

सार्वजनिक निर्माण एवं परिवहन मंत्री श्री यूनुस खान ने मंत्रिमण्डल की बैठक में हुए निर्णयों की मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि आईजीएनपी में गत 55 वर्षाें में निरन्तर पानी के चलने से मुख्य नहर तथा फीडर नेटवर्क क्षतिग्रस्त हुआ है, जिससे नहरों की जल प्रवाह क्षमता 18 हजार 500 क्यूसेक से घटकर लगभग 11 हजार 500 क्यूसेक रह गई है। साथ ही, नहरों से रिसाव के कारण कई जगह सेम की समस्या भी पैदा हो गई है। उन्होंने बताया कि इन्दिरा गांधी परियोजना की मुख्य नहर तथा फीडर नेटवर्क की रिलाइनिंग एवं मरम्मत के लिए बड़ी धनराशि की आवश्यकता थी। इसके लिए राजस्थान जल क्षेत्र पुनः संरचना परियोजना-रेगिस्तान क्षेत्र के तहत 3 हजार 291 करोड़ रुपये का ऋण न्यू डवलपमेंट बैंक से लेने को स्वीकृति दी गई है। इस ऋण से नहरों के जीर्णोद्धार और रिलाइनिंग के साथ सेम से प्रभावित 7 हजार हेक्टेयर भूमि को सिंचाई योग्य बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए इस वर्ष अक्टूबर माह तक प्रोजेक्ट रिपोर्ट और निविदा प्रक्रिया पूरी कर काम शुरू कर दिया जाएगा।

42 हजार 249 तृतीय श्रेणी शिक्षकों के पद भरे जा सकेंगे

श्री खान ने बताया कि मंत्रिमण्डल ने राजस्थान शिक्षा अधीनस्थ सेवा नियम-1971 में संशोधन कर पंचायती राज विभाग में नियुक्त तृतीय श्रेणी अध्यापकों को माध्यमिक शिक्षा विभाग में स्थानान्तरित करने के लिए न्यूनतम अनुभव की अवधि पांच वर्ष से घटाकर तीन वर्ष करने को मंजूरी दी है। वर्तमान में माध्यमिक शिक्षा विभाग में तृतीय श्रेणी अध्यापकों के 42 हजार 249 पद रिक्त हैं। इस निर्णय से इन रिक्त पदों को पंचायती राज विभाग के तृतीय श्रेणी अध्यापकों से भरा जा सकेगा।

दो से अधिक संतान वाले राज्यकर्मियों को राहत

सार्वजनिक निर्माण मंत्री ने बताया कि बैठक में राजस्थान सिविल सेवा नियमों में संशोधन कर दो से अधिक संतान वाले राज्यकर्मियों को राहत देते हुए नियुक्ति के पांच वर्ष तक पदोन्नति तथा एसीपी का लाभ नहीं देने की सीमा को घटाकर तीन वर्ष कर दिया है। यह निर्णय 1 जून, 2002 को या उसके बाद दो से अधिक संतान वाले कर्मियों को राहत प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि मंत्रिमण्डल ने राजस्थान सिविल सेवा पेंशन नियम-1966 के नियम 77 में संशोधन की स्वीकृति दी है। इसके अनुसार अनुकम्पात्मक नियुक्ति प्राप्त करने वाले पारिवारिक पेंशनरों को प्रोबेशन अवधि समाप्त होने के पश्चात मूल वेतन पर महंगाई भत्ता अथवा पारिवारिक पेंशन पर महंगाई राहत के विकल्पों में से लाभप्रद विकल्प चुनने का अवसर मिल सकेगा।

श्री खान ने बताया कि मंत्रिमण्डल के एक अन्य निर्णय के अनुसार राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियम-2008 में संशोधन कर पुजारी के पद पर ग्रेड-पे 1700 रुपये के स्थान पर 1750 रुपये किए जाने पर स्वीकृति दी। यह निर्णय पुजारी और सेवागीर के पदों पर वेतनमान का ग्रेड-पे एक समान होने के कारण किया गया है। पुजारी के 50 प्रतिशत पदों पर नियुक्ति सेवागीर से पदोन्नत कर की जाती है।

मंत्रिमण्डल की बैठक में चिमनपुरा कस्बे में नवीन परिसर में संचालित राजकीय महाविद्यालय का नाम बाबा नारायणदास राजकीय कला महाविद्यालय, चिमनपुरा करने की स्वीकृति दी गई। यह नाम परिवर्तन मई 2015 में नवसृजित विज्ञान एवं वाणिज्य महाविद्यालय का स्थान परिवर्तन कर इसे पुनः पुराने परिसर में स्थानान्तरित करने के चलते किया गया है।

एमजेएसए के दूसरे चरण की कड़ी मॉनिटरिंग के निर्देश

सार्वजनिक निर्माण मंत्री ने बताया कि मंत्रिमण्डल मेें मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के दूसरे चरण की प्रगति की समीक्षा की गई। इस अभियान के तहत 30 जून तक 4,200 गांवों में जलग्रहण ढांचे बनाने का लक्ष्य है। इसके लिए मुख्यमंत्री ने सभी प्रभारी मंत्रियों और सचिवों को जिलों में प्रवास कर अभियान की कड़ी मॉनिटरिंग करके लक्ष्य की प्राप्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि श्रीमती राजे ने सभी मंत्रियों को सोमवार से बुधवार तक सचिवालय में आवश्यक रूप से उपस्थित रहने एवं तय कार्यक्रम के अनुरूप जन सुनवाई करने के भी निर्देश दिए।

जयपुर, 27 अप्रेल 2017