निजी क्षेत्र में संचालित किए जाएंगे ओल्ड एज होम प्रदेश के विशेष योग्यजनों का होगा सर्वे

जयपुर, 11 जनवरी। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि प्रदेश के बड़े शहरों में निजी क्षेत्र की सहायता से ओल्ड एज होम संचालित किए जाएं। इन होम्स में वृद्धजनों की जरूरत के मुताबिक चिकित्सा सहित सभी सुविधाएं सुलभ हों।

श्रीमती राजे शनिवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से दिए गए प्रस्तुतीकरण की समीक्षा कर रही थीं। उन्होंने 60 दिवसीय कार्य योजना के साथ-साथ विभाग की पांच वर्ष की योजना पर भी चर्चा की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग के छात्रावासों की स्थिति को दुरूस्त किया जाए और वार्डन आदि के रिक्त पदों को आवश्यकतानुसार सेवानिवृत्त स्थानीय कर्मचारियों से भरा जाए। इसमें स्थानीय स्वयं सहायता समूहों की भागीदारी भी हो सकती है।

श्रीमती राजे ने कहा कि प्रदेश में विशेष योग्यजनों का सर्वे कर डाटाबेस तैयार किया जाए ताकि उनके पुनर्वास एवं उपकरण वितरण के लिए योजना बनाई जा सके। इसमें दस विभागों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग लिया जाएगा। उन्होंने पेंशन एवं छात्रवृत्ति सहित विभाग की सभी योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की।

बैठक में बताया गया कि 60 दिवसीय कार्ययोजना के तहत 100 संबल ग्रामों में आधारभूत सुविधाएं विकसित की जाएंगी, विशेष योग्यजनों को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत लाभान्वित किया जाएगा एवं उपकरण वितरण के लिए तहसील, ब्लाॅक एवं जिला स्तर पर विशेष शिविर लगाए जाएंगे।

बैठक में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री डाॅ. अरूण चतुर्वेदी, मुख्य सचिव श्री राजीव महर्षि, प्रमुख शासन सचिव वित्त श्री सुभाष गर्ग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव डाॅ. मंजीत सिंह सहित विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।