कृषि उत्पादन में वृद्धि के लिये मृदा स्वास्थ्य का डाटाबेस तैयार करें
जयपुर, 11 जनवरी। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि किसानों की खुशहाली एवं समृद्धि के लिये खेतों की मिट्टी के स्वास्थ्य कार्ड का डाटाबेस तैयार कर उसके अनुरूप किसानों को फसल उत्पादन एवं उर्वरक के उपयोग की जानकारी दी जाएं ताकि रिकार्ड कृषि उत्पादन प्राप्त किया जा सके और किसानों को उनकी फसल का पूरा मूल्य मिल सके। श्रीमती राजे शनिवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में कृषि, कृषि विपणन, पशुपालन, डेयरी विकास तथा मत्स्य पालन विभाग की समीक्षा कर रही थी। उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में नवाचार को अपनाया जाए ताकि नवीन तकनीक का काश्तकारों को पूरा लाभ मिल सके।
किसानों को पांच रुपये में भोजन – मुख्यमंत्री के समक्ष विभाग की ओर से दिये गए प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि 60 दिवसीय कार्य योजना के तहत राज्य की कृषि मंडियो में आने वाले काश्तकारों को ‘किसान कलेवा योजना’ के अन्तर्गत पांच रुपये में भरपूर पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जायेगा, जिसमें किसानों को छाछ, चपाती और सब्जी परोसी जाएगी। कृषकों को चार लाख चारा मिनी किट वितरित करने, राज्य में 800 डिग्गियों, 1700 फार्म पौन्ड एवं 150 जल हौज की स्थापना के कार्य चिन्हित किये।
बनेगा ट्यूलिप, लिलिनम के फूलों का पार्क – प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि प्रदेश में जयपुर-दिल्ली मार्ग पर बहरोड़ के पास 40 हेक्टेयर क्षेत्र में ट्युलिप व लिलिनम के फूलों का पार्क बनेगा। बागवानी विभाग में फ्लोरीकल्चर निदेशालय बनेगा। टोंक जिले के देवड़ावास गांव में 8 बीघा का आॅलिव (जैतून) पार्क बनेगा।
ओरनामेंटल फिशेज के पालन को बढ़ावा दें – मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने ‘ओरनामेंटल फिशेज’ (सजावटी मछलियों) के पालन को लोकप्रिय बनाने को कहा। उन्होंने कहा कि देश-विदेश में सजावटी मछलियों की काफी मांग है, इससे प्रदेश को और अधिक राजस्व अर्जित हो सकेगा।
सभी किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड मिलें – मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में प्रत्येक किसान को उसके खेत की मिट्टी का परीक्षण कराकर मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराया जाए, जिसमें उन्नत कृषि तकनीक से सम्बन्धित जानकारियां भी हो। उन्होंने राज्य में टिश्यू कल्चर लेब विकसित करने के साथ मोबाईल मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ाने तथा कृषि विस्तार के लिये काश्तकारों को विशेषज्ञों की सेवाएं उपलब्ध कराने पर बल दिया।
कृषि प्रसस्ंकरण को दे बढ़ावा – उन्होंने कहा कि राजस्थान जिन फसलों के उत्पादन में अग्रणी है उनकी प्रोसेसिंग को बढ़ावा दिया जायें साथ ही खरीददार सीधे कृषकांे तक पहुंचे इसके लिये हर स्तर पर प्रयास किये जायंे ताकि उन्हें उत्पादन की पूरी कीमत मिल सके। उन्होंने किसान भवन के समुचित उपयोग पर भी जोर दिया।
जैविक कृषि को मिले बढ़ावा – मुख्यमंत्री ने जैविक कृषि को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए कहा कि जहां-जहां भी इस क्षेत्र में अच्छा कार्य हो रहा है वहां के विशेषज्ञों को बुलाकर राज्य के किसानों से सीधा संवाद कराया जाये। कुछ स्थानों पर किसानों ने जैविक खेती का सफलतम प्रयोग किया है और वे इससे गुणवत्तायुक्त उत्पाद प्राप्त कर रहे है। उन्होंने जैतुन एवं खजूर के उत्पादन और मधुमक्खी पालन को भी बढ़ावा देने पर जोर दिया।
बनेगा गौ-पालन मंत्रालय – मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि प्रदेश में गायों के संरक्षण के लिए अलग से गौ-पालन मंत्रालय बनाया जाएगा।
‘राजस्थान में बागवानी विकास’ पुस्तक का विमोचन – मुख्यमंत्री ने विभाग के प्रस्तुतीकरण के बाद राजस्थान में बागवानी विकास नामक पुस्तक का विमोचन किया। विमोचन के दौरान कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी भी मौजूद थे।
प्रस्तुतीकरण में कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री प्रभुलाल सैनी, मुख्य सचिव श्री राजीव महर्षि, अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि श्री अशोक सम्पतराम, प्रमुख शासन सचिव वित्त श्री सुभाष गर्ग, नगरीय विकास विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री डी.बी. गुप्ता, प्रमुख शासन सचिव परिवहन श्री मुकेश शर्मा, प्रमुख शासन सचिव डेयरी विकास तथा आर.सी.डी.एफ. के प्रबंध निदेशक श्री प्रीतम सिंह, राजस्थान राज्य भंडारण निगम के सीएमडी डाॅ. ललित मेहरा, आयुक्त कृषि श्री सुधांश पंत, सचिव आयोजना श्री अखिल अरोरा, सचिव पशुपालन श्री अभय कुमार, आयुक्त उद्यानिकी श्री एल.सी. असवाल सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
