मंत्रिमंडल की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय

जयपुर, 17 जून। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की अध्यक्षता में मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में आयोजित राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक में राज्य की पवन ऊर्जा नीति-2012 में संशोधन सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये।

बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने मीडियाकर्मियों को जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में पवन ऊर्जा की सम्भावना को दृष्टिगत रखते हुए इसके उत्पादन को प्रोत्साहन देने के साथ ही निवेशकों को आकर्षित करने के लिये केबिनेट ने राज्य की पवन ऊर्जा नीति-2012 में संशोधन को मंजूरी दी है। इस निर्णय से राज्य में पवन ऊर्जा के क्षेत्र में प्रतिवर्ष लगभग 400 मेगावाट के संयंत्र स्थापित होंगे तथा 2500 करोड़ रूपये का निवेश हो सकेगा।

उन्होंने बताया कि केबिनेट ने राज्य के वितरण निगमों की ओर से राज्य विद्युत विनियामक आयोग द्वारा निर्धारित ’’रिन्यूअबल परचेज आॅब्लिगेशन’’ (आरपीओ) की सीमा तक वर्ष 2015-16 तक प्रतिस्पर्धात्मक निविदा प्रक्रिया के स्थान पर आयोग द्वारा घोषित अधिमान्य दरों पर पवन ऊर्जा को क्रय करने का निर्णय लिया है। साथ ही पवन ऊर्जा उत्पादकों को उनके द्वारा उत्पादित पवन ऊर्जा को ओपन एक्सेस के नियमों एवं विनियमों के तहत राज्य के बाहर विक्रय करने की अनुमति देने के संशोधन को भी स्वीकृति दी है।

श्री राठौड़ ने बताया कि केबिनेट ने यह भी निर्णय लिया कि राज्य में पवन ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिये सरकारी भूमि के आवंटन के प्रावधानों की समीक्षा के साथ ही निजी भूमि पर पवन ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिये खातेदारों को प्रोत्साहन देने की योजना बनाने और सरकारी भूमि पर स्थापित संयंत्रों को निजी भूमि पर स्थानान्तरित करने के संबंध में सम्भावित विकल्पों पर विचार करने के लिये एक समिति का गठन किया जाये।

जारी रहेगी पेंशन एवं अन्य योजनाएं
संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि बैठक में पिछली सरकार के निर्णयों की समीक्षा की गई। उन्होंने बताया कि राज्य में पेंशन योजना के लिये 56 लाख परिवारों पर 3400 करोड़ रूपये खर्च हो रहे हैं। केबिनेट ने इस संबंध में निर्णय लिया है कि जो भी पात्रता रखते हैं उनकी पेंशन जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि ’सम्बल ग्राम विकास योजना’ के तहत जिन गांवों का चयन हो चुका है उन गांवों में आधारभूत सुविधाओं को विकसित करने के लिये सरकार आवश्यक धनराशि देगी और शेष के लिये आगामी बजट में प्रावधान किये जायेंगे।

अन्तरजातीय विवाह के लिये 5 लाख रूपये की सहायता यथावत जारी रहेगी। अन्य पिछड़ा वर्ग के लिये पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिये जितने आवेदन प्राप्त हुए हैं, उनमें नियमानुसार स्वीकृतियां जारी की जायेगी। आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिये पूर्व में जारी योजनाओं को यथावत रखा जायेगा।

उन्होंने कहा कि बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि सरकार आवश्यक होने पर इन योजनाओं की समीक्षा करेगी लेकिन इन्हें बन्द नहीं किया जायेगा।

प्रत्येक बुधवार को जनसुनवाई
श्री राठौड़ ने बताया कि मुख्यमंत्री के स्तर पर प्रत्येक बुधवार को सम्भागवार जनसुनवाई की जायेगी। मंत्रिमण्डल के सभी सदस्य प्रत्येक बुधवार को प्रातः 10 से सायं 5 बजे तक जनसुनवाई करेंगे।
उन्होंने बताया कि बैठक में रियायती दरों पर भूमि आवंटन के सभी प्रकरणों में नगरीय विकास विभाग द्वारा तैयार की जा रही नई नीति के तहत विचार करने का निर्णय लिया गया है। आज इस संबंध में जो भी प्रकरण केबिनेट के विचारार्थ आये उनमें यह तय किया गया है कि पारदर्शी नीति के आधार पर परीक्षण करते हुए रियायती दरों पर भूमि आवंटन की कार्यवाही की जायेगी।

बीकानेर सम्भाग में सरकार आपके द्वार
संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि ’सरकार आपके द्वार’ कार्यक्रम के तहत 19 जून से 30 जून तक राज्य सरकार बीकानेर सम्भाग के दौरे पर रहेगी। उन्होंने बताया कि 19 जून को मुख्यमंत्री बीकानेर में दोपहर 3 बजे राज्य मंत्रिमण्डल के सदस्यों तथा प्रमुख शासन सचिवों की बैठक लेकर उन्हें दौरे के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश देंगी। उन्होंने बताया कि 20 से 22 जून तक राज्य मंत्रिमण्डल के सदस्य अपनी-अपनी पंचायत समितियों में ग्रामीण क्षेत्रों का सघन दौरा करेंगे। प्रत्येक मंत्री औसतन 10 से 15 ग्राम पंचायत मुख्यालयों एवं संबंधित गांवों का दौरा करेंगे तथा वहां राज्य सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति की जानकारी लेंगे। इस दौरान सरकारी विद्यालयों में विद्यार्थियों के नामांकन, ड्राॅप आउट की स्थिति, शिक्षकों की कमी, विद्युत एवं जल आपूर्ति, चिकित्सालयों की व्यवस्था, मुख्यमंत्री दवा योजना, आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषाहार की स्थिति सहित जनता से जुड़ी सभी व्यवस्थाओं का गहन निरीक्षण होगा। इसके बाद सभी मंत्रीगण एक विस्तृत नोट तैयार करेंगे जिसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को दी जायेगी।

श्री राठौड़ ने बताया कि 23 जून को पंचायत समिति मुख्यालयों पर जनसुनवाई होगी। यथासम्भव प्रत्येक पंचायत समिति मुख्यालय पर मंत्री तथा उनके साथ प्रमुख शासन सचिव स्तर के अधिकारी जनसुनवाई में मौजूद रहेंगे। जनसुनवाई में प्राप्त होने वाली समस्याओं पर एक नम्बर दिया जायेगा, इनकी निगरानी मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा की जायेगी। उन्होंने बताया कि द्वितीय चरण में 24 से 29 जून तक सभी मंत्रीगण अपने प्रभार के अतिरिक्त जिलों का दौरा कर अपने विभाग की गतिविधियों को देखेंगे। इसके बाद 30 जून को बीकानेर में केबिनेट बैठक होगी जिसमें सारी समस्याओं और फील्ड रिपोर्ट्स को रखा जायेगा और उनके अनुरूप आवश्यक निर्णय लिये जायेंगे। मुख्यमंत्री स्वयं भी 19 जून तथा 24 जून से 30 जून तक सम्भाग के दौरे पर रहेंगी।