मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता: इराक से लौटे राजस्थानियों की सकुशल घर वापसी के इंतजाम
नई दिल्ली, 5 जुलाई। इराक में फंसे राजस्थानियों की सकुशल घर वापसी के लिए राजस्थान सरकार द्वारा गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। विशेषकर मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुंधरा राजे ने संवदेनशीलता का परिचय दिया है।
शुक्रवार रात्रि जेट एयरवेज के विमान से इराक के अलगदीर से चार राजस्थानी, जयपुर जिले के हरिनारायण बलई, दोैसा जिले के श्री जयराम बैरवा और श्री मुकेश कुमार बैरवा तथा चुरू जिले के हीरू राम नई दिल्ली लौटे। इन राजस्थानियों को सकुशल उनके घर पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्राी श्रीमती राजे ने मुख्य सचिव श्री राजीव महर्षि और दिल्ली में राज्य के आवासीय आयुक्त कार्यालय को विशेष हिदायतें दी।
मुख्य सचिव के निर्देश पर दिल्ली में आवासीय आयुक्त कार्यालय के अधिकारियों ने चारों के शुक्रवार रात्रि राजस्थान हाउस में ठहरने की व्यवस्था करवाई तथा शनिवार को सुबह का नाश्ता और भोजन करवाने के पश्चात् उन्हें मुख्यमंत्राी के प्रमुख विशेषाधिकारी श्री अरिजीत बनर्जी की मौजूदगी में राजस्थान रोडवेज की डीलक्स बस से वाया जयपुर उनके गृह जिलों के गन्तव्य स्थानों के लिए रवाना किया गया।
दिल्ली में राज्य के अतिरिक्त आवासीय आयुक्त श्री विमल शर्मा ने बताया कि चारों राजस्थानियों को रोडवेज की टिकटों के साथ ही मार्ग व्यय के लिए प्रत्येक को एक-एक हजार रू. की राशि भी दी गई है।
वतन लौटने की दास्तान
इराक से सकुशल अपने वतन पहुंचने पर खुशी व्यक्त करने हुए चारों राजस्थानियों ने भारत सरकार, इराक में भारतीय दूतावास के अधिकारियों और राजस्थान सरकार विशेष कर मुख्यमंत्राी श्रीमती राजे का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इराक में फंसे सभी भारतीयों को सकुशल स्वदेश लाने के प्रयासों को और तेज किया जाए।
जयपुर जिले की फुलेरा तहसील के निवासी श्री हरिनारायण बलई (33 वर्ष), दौसा जिले के पाडली कलां गांव के श्री जयराम बैरवा (37 वर्ष) और श्री मुकेश कुमार बैरवा (28 वर्ष) तथा चुरू जिले के सुजानगढ़ तहसील के सालासर गांव निवासी श्री हीरू राम (30 वर्ष) ने बताया कि वे फरवरी, 2013 में भारत से इराक गये थे।
बगदाद से 40 कि.मी. दूर नजब (अलगदीर) में पिछले 17 महीनों से फोर्थ डायमेंशन कम्पनी, करबला रोड़ में ‘मेसन’ का काम कर रहे थे। इराक में शुरू हुए गृह संघर्ष के कारण उन्हें पिछले तीन माह का वेतन भी नहीं मिला है, और कम्पनी एवं इराक में अन्य कहीं से भी कोई मदद नहीं मिली। राजस्थान सरकार के प्रयासों से भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने उन्हें वहां से निकाला और सकुशल घर वापसी के इंतजाम किए। उन्होंने बताया कि अभी भी वहां सैकड़ों राजस्थानी फंसे हुए हैं जिन्हें निकालने के लिए भारतीय दूतावास के अधिकारियों द्वारा गंभीरता से प्रयास किए जा रहे हैं।
