युवाओ मे कौशल प्रशिक्षणके साथ उद्यमिता विकास जरूरी

जयपुर, 21 जुलाई। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि युवाओं में कौशल प्रशिक्षण के साथ उद्यमिता विकास पर ध्यान दिया जाए और जो युवा खुद का उद्यम शुरू करना चाहें उन्हें आवश्यक वित्तीय एवं तकनीकी सहायता उपलब्ध करवाई जाए।

श्रीमती राजे सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में कौशल एवं आजीविका विकास कार्यक्रम पर आयोजित बैठक को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि कौशल विकास कार्यक्रम राज्य की दीर्घकालीन एवं अल्पकालीन आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए बनाए जाने चाहिए। उन्होंने प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार से जोड़ने तथा राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण प्रदाताओं को राजस्थान लाने के लिए राष्ट्रीय कौशल विकास परिषद् के साथ हुए एमओयू के अनुरूप कार्य करने के निर्देश दिए।

बजट घोषणा के अनुरूप रोजगार कार्यालयों को केरियर सेन्टर के रूप में विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री ने विस्तृत रूपरेखा तैयार कर उसके अनुरूप कार्य करने के निर्देश दिए ताकि युवाओं को काॅउन्सिलिंग, दक्षता प्रशिक्षण एवं नियोजन की सुविधाएं मिल सकें। उन्होंने औद्योगिक विकास एवं प्रदेश में और अधिक निवेश लाने के लिए बड़े उद्योगों तथा काॅर्पाेरेट घरानों को आमन्त्रित करने की योजना बनाने के निर्देश दिए।
श्रीमती राजे ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में पेरामेडिक्स को अधिक से अधिक प्रशिक्षित किया जाए ताकि गांवों में उनकी सेवाएं मिल सकें। उन्होंने कहा कि युवाओं को व्यवसाय प्रबन्धन का प्रशिक्षण भी दिया जाए।

राष्ट्रीय कौशल विकास परिषद के अध्यक्ष श्री एस. रामादुराई ने राजस्थान में किए गए बायोमेट्रिक उपस्थिति, समीक्षा एवं सूचनातंत्र की प्रशंसा करते हुए कौशल विकास कार्यक्रमों को उद्योगों के अनुरूप डालने, साथ ही आॅनलाईन परीक्षा लेने एवं सूचना तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग करने पर बल दिया।

मुख्यमंत्री सलाहकार परिषद् के उपाध्यक्ष एवं अर्थशास्त्री डाॅ. अरविन्द पानगडिया ने राज्य में उद्योगांे के विकास एवं प्रसार पर जोर देते हुए युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की बात कही। इस संबंध में उन्होेंने चीन का उदाहरण भी दिया। मुख्य सचिव श्री राजीव महर्षि ने कौशल विकास कार्यक्रम को उद्योगों की वर्तमान आवश्यकता के अनुरूप संचालित करने की आवश्यकता जताई। मुख्यमंत्री सलाहकार परिषद् के सदस्य श्री मनीष सबरवाल ने स्कील यूनिवर्सिटी की अवधारणा पर विचार व्यक्त करते हुए राज्य सरकार द्वारा रोजगार में आ रहे विभिन्न अवरोधों को हटाए जाने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित स्किल यूनिवर्सिटी में आईटीआई, पोलिटेक्नीक के छात्रों को सीधा प्रवेश मिल सकेगा।

राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम के अध्यक्ष श्री एम.एल. मेहता ने स्किल आॅन व्हील्स तथा विशेष योग्यजन व महिलाओं की आजीविका के सम्बन्ध में प्रस्तावित कार्यक्रमों का ब्योरा दिया तथा निगम द्वारा किए गए नवाचारों के बारे में बताया। अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री श्याम एस अग्रवाल ने विद्यालयों में कौशल प्रशिक्षण लागू करने की कार्य योजना की जानकारी दी।

बैठक में श्रम सचिव श्री रजत मिश्र ने श्रम कानूनों, औद्योगिक विवाद नियमों, बाॅयलर्स एक्ट एवं फैक्ट्री एक्ट में प्रस्तावित संशोधनों के लिए राजस्थान सरकार द्वारा की गई पहल के बारे में, जबकि राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम के एमडी श्री गौरव गोयल ने राज्य में कौशल कार्यक्रमों में प्रस्तावित नवाचारों के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया।