राज्य पुलिस आधुनिकीकरण के लिए केंद्रीय मदद की जरूरत
नई दिल्ली 02 जुलाई, 2014। राजस्थान की मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुंधरा राजे ने राजस्थान में पुलिस बल के आधुनिकीकरण एवं सुदृढ़ीकरण के लिए केन्द्र सरकार से और अधिक केन्द्रीय मदद का आग्रह किया है। साथ ही प्रदेश में राष्ट्रीय धरोहर जैसे विख्यात एवं संवेदनशील धार्मिक स्थलों जैसे अजमेर शरीफ दरगाह, पुष्कर एवं नाथद्वारा के श्री नाथ जी मंदिर आदि की सुरक्षा व्यवस्था केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सी.आई.एस.एफ) जैसी संस्था से करवाने का सुझाव दिया हैं
मुख्यमंत्राी श्रीमती राजे ने बुधवार को अपरान्ह नई दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्राी श्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की और उन्हें राजस्थान में पुलिस आधुनिकीकरण एवं सुदृढ़ीकरण सम्बंधी कई सुझाव दिए।
श्रीमती राजे ने केंद्रीय गृहमंत्राी का ध्यान प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों विशेष कर मुनाबाव आदि में सुरक्षा के प्रति अधिक चैकस रहने पर दिलवाया और बताया कि राजस्थान में देश की सबसे बड़ी अन्तर्राष्ट्रीय सीमा है। जिसके कारण प्रदेश में सुरक्षा सम्बंधी कई प्रकार की समस्याओं की चुनौतियों का सामना करने के लिए राज्य पुलिस बल को और अधिक केंद्रीय मदद की आवश्यकता है।
अकाल राहत के लिए वर्ष पर्यन्त मदद मिले
मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्राी ने केंद्रीय गृहमंत्राी को बताया कि राजस्थान मेें प्रायः सूखा एवं अकाल रहता है और प्रति वर्ष कोई न कोई जिला तथा कई बार पूरा प्रदेश ही अकाल की चपेट में रहता है।
उन्होंने बताया कि एस.डी.आर.एफ के तहत केंद्र सरकार अकाल राहत कार्यो के लिए मात्रा 90 दिनांे तक के लिए ही मदद करती है, जो कि व्यावहारिक नहीं है।
श्रीमती राजे ने केंद्रीय आपदा राहत कोष के मापदंड़ो को और अधिक व्यावहारिक बनाने का सुझाव देते हुए कहा कि अकाल एवं सूखा प्रभावित क्षेत्रों के लिए पूरे वर्ष अकाल राहत सहायता मुहैया करायी जानी चाहिए तथा राज्य स्तरीय समिति की देखरेख में राहत कार्यो का संचालन जारी रखने की अनुमति दी जानी चाहिए।
भेंट के दौरान राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) श्री सुनील अरोड़ा, राज्य के पुलिस महानिदेशक श्री ओमेन्द्र भारद्वाज एवं प्रमुख राहत एवं आपदा प्रबंधन सचिव श्री कंुजी लाल मीणा मौजूद थे।
