दुराचार के मामलों में कोताही बर्दाश्त नहीं समयबद्ध तरीके से हो ट्रायल

जयपुर, 2 जून। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिए हैं कि दुराचार के मामलो को गंभीरता से लेकर सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाये। ऐसे मामलो में किसी भी स्तर पर कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिेये कि चालान पेश होने के बाद समयबद्ध तरीके से ट्रायल हो सके, इसके लिए पुलिस न्यायालय से निवेदन करें ताकि आरोपियों को शीघ्र सजा मिल सके और पीडि़त पक्ष को निश्चित समयावधि में न्याय मिल सके।

झालावाड़ दुराचार व हत्या के मामले में दो गिरफ्तार
झालावाड़ जिले के खोली (बकानी) गांव में नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में भी पुलिस ने दो आरोरी पप्पू व श्याम लाल तंवर को घटना के एक दिन बाद ही गिरफ्तार कर लिया है। इसी तरह झालावाड़ जिले के ही झालरापाटन कस्बे के पास नारायणपुर गांव में 31 मई को एक 5 वर्षीय कंजर जाति की बालिका के साथ दुष्कर्म हुआ। इस मामले में पुलिस ने तत्काल ही अगले दिन 1 जून को अपराधी को ढूंढ लिया, जो नाबालिग था। इसलिये नाबालिग होने के कारण पुलिस ने उसे डिटेन कर दिया।
दुराचार के अन्य मामलों में भी पुलिस ने की तत्काल कार्रवाई
पाली जिले के देवासियों की ढाणी में स्कूली बालिकाओं के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी अध्यापक नरेन्द्र गर्ग को पुलिस ने 24 घंटे में गिरफ्तार किया और 10 दिन में इस प्रकरण का चालान पेश किया। इसी तरह चित्तौड़ में एक 10 वर्षीय बालिका के साथ हुए दुराचार के मामले में आरोपी नेत्र सहायक प्रदीप अहीरवार को मुकदमा दर्ज होने के साथ ही उसी दिन 24 अप्रैल को गिरफ्तार कर लिया और 7 दिन में इन्वेस्टीगेशन पूरी कर 1 मई को चालान पेश कर दिया। इस मामले में भी पीडि़त पक्ष को न्यायालय से शीघ्र न्याय दिलाने के उद्देश्य से केस आॅफिसर नियुक्त कर दिया गया।बीकानेर के थाना जेएनवीसी के एक प्रकरण में 29 अप्रैल को मुकदमा दर्ज होने के बाद आरोपी भोजाराम, सोहन लाल, प्रभुराम, जगदीश को तत्काल गिरफ्तार कर 5 मईको चालान पेश कर दिया। इस प्रकरण में भी केस आॅफिसर नियुक्त किया।
यहां उल्लेखनीय है कि सरकार बनने के साथ ही मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव के स्तर पर वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग कर यह भी निर्देश दिए थे कि दुराचार के मामलों में आरोपियों की तुरन्त गिरफ्तारी हो और उसके बाद शीघ्र चालान पेश किया जाए। मुख्यमंत्री के सख्त रवैये के बाद पुलिस ने दुराचार के सभी मामलों में त्वरित कार्रवाई की। कई प्रकरण ऐसे है जिनमें पुलिस ने आरोपियों को न केवल घटना के तुरन्त बाद गिरफ्तार किया बल्कि उनका शीघ्र चालान पेश कर पीडि़त पक्ष को न्याय दिलाने का सार्थक प्रयास किया।