जल संरक्षण से सम्बन्धित प्रोजेक्ट को समयबद्ध रूप से आगे बढ़ाएं

जयपुर, 15 सितम्बर। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने प्रदेश में जल संरक्षण से सम्बन्धित और वाटर ग्रिड निर्माण के प्रोजेक्ट को समयबद्ध रूप से पूरा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट की सफलता में स्थानीय लोगों की भागीदारी बेहद जरूरी है, इसके लिए जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर लोगों को जागरूक करने के लिए पूरे प्रदेश में अभियान चलाएं।

श्रीमती राजे ने सोमवार को यहां मुख्यमंत्री कार्यालय में एक उच्चस्तरीय बैठक में इस महत्त्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के तहत माही और चम्बल बेसिन में चल रहे कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में इस प्रोजेक्ट को चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया जाए ताकि प्रदेश के लोगों को पानी की समस्या से जल्द से जल्द निजात मिल सके। उन्होंने इस प्रोजेक्ट में बनने वाली संरचनाओं पर अतिरिक्त ऊर्जा उत्पादन की सम्भावनाएं भी तलाशने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा क्षेत्र को कवर करने के लिए आवश्यक है कि इस विषय के अन्य विशेषज्ञों को भी प्रोजेक्ट के साथ जोड़ा जाए। उन्होंने बैठक के दौरान वाटरशेड प्रोजेक्ट्स में काम करने वाले कार्मिकों से केवल वाटरशेड से सम्बन्धित काम ही लेने के निर्देश दिए।

बैठक के दौरान फोर वाटर कन्सेप्ट के विशेषज्ञ श्री श्रीराम वैदिरे ने माही और चम्बल बेसिन में चल रहे कार्यों की प्रगति का विवरण प्रस्तुत किया। इस दौरान एन.एम. सद्गुरू वाटर एण्ड डवलपमेंट फाउण्डेशन के श्री हरनाथ जगावत ने राजस्थान और गुजरात के आदिवासी क्षेत्रों में जल संरक्षण के लिए उनके द्वारा बनाए गए चैकडेम, एनीकट, वाटर रिजर्वायर, सामुदायिक लिफ्ट सिंचाई परियोजनाओं के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया।

बैठक में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री गुलाब चंद कटारिया, जल संसाधन मंत्री श्री सांवरलाल जाट, कृषि मंत्री श्री प्रभुलाल सैनी, ऊर्जा मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर, मुख्य सचिव श्री राजीव महर्षि, अतिरिक्त मुख्य सचिव इन्फ्रा श्री सी.एस. राजन, अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि श्री अशोक सम्पतराम, अतिरिक्त मुख्य सचिव वन एवं पर्यावरण श्री ओ.पी. मीणा, जल संसाधन विभाग के सचिव श्री अजिताभ शर्मा, ऊर्जा विभाग के सचिव श्री आलोक एवं आयुक्त ग्रामीण विकास श्री राजेश यादव सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।