स्वस्थ, शिक्षित, महिलाओं के प्रति संवेदनशील, समृद्ध, तथा खुशहाल राजस्थान बनायेंगे
जयपुर, 8 जनवरी। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने राज्य सरकार का विजन प्रस्तुत करते हुए टीम राजस्थान का आह्वान किया कि हम सब मिलकर स्वस्थ, शिक्षित, महिलाओं के प्रति संवेदनशील, समृद्ध और खुशहाल राजस्थान का निर्माण करें, जिसका आधारभूत ढांचा मजबूत हो। एक ऐसे नये और प्रगतिशील राजस्थान को मूर्त रूप दें जिसका देश के विकसित और अग्रणी प्रदेशों में महत्वपूर्ण स्थान हो। उन्होंने अपने उद्बोधन में इस बात पर खासा जोर दिया कि राज्य में हर तबके की आवाज सुनी जाये और निश्चित समय सीमा में उनकी समस्याओं का समाधान हो। साथ ही सरकार के हर फैसले में दलित, शोषित, अल्पसंख्यक और कमजोर तबके के विचार शामिल किये जाएं। उन्होंने अधिकारियों को निष्पक्ष एवं स्वतंत्र चुनाव कराने के लिए भी बधाई दी।
श्रीमती राजे बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में दो दिवसीय जिला कलक्टर-जिला पुलिस अधीक्षक सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में अपने विचार प्रकट कर रही थी। उन्होंने कहा कि हमने अपने पिछले शासनकाल (2003-2008) के दौरान राजस्थान को बीमारू राज्य की श्रेणी से निकालने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी थी। आज फिर हम हर क्षेत्र में राज्य को आगे ले जाने के संकल्प के साथ कार्य शुरू कर रहे हैं। उन्होंने भरोसा जताते हुए कहा कि उनकी टीम राजस्थान राज्य को हर चुनौती से पार पाकर आगे ले जाने में सक्षम है। राज्य सरकार का संकल्प गरीबी, पिछड़ेपन तथा बेरोजगारी से मुक्ति दिलाकर राजस्थान को हर क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनाना है।
श्रीमती राजे ने कहा कि सुशासन हेतु सहभागिता, आम सहमति, जवाबदेही, पारदर्शिता, उत्तरदायित्व, प्रभावी दक्षता और न्यायसंगत प्रषासन की आवष्यकता है।
उन्होंने जन-अभाव अभियोगों को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि सुराज संकल्प यात्रा के दौरान यह अनुभव किया गया कि व्यवस्था के प्रति लोगों में विश्वास की कमी है। ऐसे में अभाव अभियोगों के प्रभावी निराकरण की आवष्यकता बताई। उपखण्ड एवं जिला स्तर पर अभाव अभियोग की समितियां जिन आमजनों को राहत नहीं दे पायेंगी उनकी सुनवाई राज्य स्तर पर होगी। जिलों में हो रहे कार्य का आंकलन इस आधार पर किया जाएगा कि कितने अभाव अभियोगों को राज्य स्तर पर सुनने की आवष्यकता पड़ी।
मुख्यमंत्री ने 60 दिन की कार्य योजना की त्वरित माॅनिटरिंग तथा क्रियान्विति सुनिश्चित करने पर जोर दिया। इसके लिये साप्ताहिक समीक्षा करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जिला कलक्टर विशेषरूप से ध्यान देकर अपने क्षेत्र में 24 घन्टे घरेलू तथा साढ़े छः घन्टे बिना रूकावट कृषि बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करवायें। इसके साथ ही उन्होंने पेयजल योजनाओं की प्रभावी माॅनिटरिंग करने, स्थानीय निकायों, राजकीय अस्पतालों, स्कूलों सहित अन्य सरकारी भवनों में साफ-सफाई, रंग-रोगन की व्यवस्था करने के निर्देश दिये, जिससे कि आमजन के समक्ष शासन-प्रशासन की स्वच्छ छवि प्रस्तुत हो।
उन्होंने रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध करवाने के लिये व्यावसायिक शिक्षा तथा दक्षता प्रशिक्षण को प्राथमिकता देने और अभियान चलाकर निःशक्तजनों का चिन्हिकरण करने के निर्देश जिला कलक्टर्स को दिये ताकि उन्हें आवश्यक उपकरण देकर लाभान्वित किया जा सके। सम्मेलन में राज्य मंत्रिमण्डल के सभी सदस्य, मुख्य सचिव, सभी अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख षासन सचिव, विषेष आमंत्रित अधिकारी सहित सभी जिलों के जिला कलक्टर एवं संभागीय आयुक्त उपस्थित थे। सम्मेलन के दूसरे दिन 9 जनवरी को पुलिस विभाग के समस्त अधिकारी सम्मेलन में शामिल होंगे।
