राज्यपाल के अभिभाषण पर मुख्यमंत्री की घोषणाएं

जयपुर 29 जनवरी। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे द्वारा आज राज्य विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई बहस पर दिये गये जवाब के दौरान निम्न घोषणाएं की गईः-

राजस्थान अधीनस्थ एवं मंत्रालयिक सेवा चयन बोर्ड का गठन
सुराज संकल्प, 2013 के घोषणा पत्र के अनुसार स्वतंत्र रूप से राजस्थान अधीनस्थ एवं मंत्रालयिक सेवा चयन बोर्ड का गठन किया जायेगा। इसका नोटिफिकेशन आज जारी हो जायेगा। हमारी सरकार के वर्ष 2008 में राजस्थान अधीनस्थ एवं मंत्रालयिक सेवा चयन बोर्ड के गठन के निर्णय को गत सरकार द्वारा 2010 में निरस्त कर दिया।

टीएसपी क्षेत्र के लिए बनेंगे अलग सेवा नियम
राज्य के अनुसूचित क्षेत्र के जिलों में जिसको टीएसपी क्षेत्र कहा जाता है। स्थानीय आदिवासियों को राजकीय सेवा में पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने के लिए हमने 2007 में राज्य सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाओं में स्थानीय आदिवासियों को 45 एवं अनुसूचित जाति को 5 प्रतिशत आरक्षण दिया तथा 50 प्रतिशत सामान्य श्रेणी के लिए आरक्षित था। अनुसूचित क्षेत्र में बड़ी मात्रा में रिक्त पदों की समस्या के स्थाई निदान के लिए अलग से सेवा नियम बनाए जाएंगे। इस सेवा नियम बनने के पश्चात अनुसूचित क्षेत्र के मंत्रालयिक संवर्ग तथा अधीनस्थ सेवाओं के लिए अलग सेवा नियम लागू हो जाएंगे तथा इन संवर्गों में पदस्थापित अधिकारी व कर्मचारी का अनुसूचित क्षेत्र के अलावा अन्य कहीं स्थानान्तरण नहीं हो पाएगा। मंत्रालयिक संवर्ग एवं अधीनस्थ सेवाओं के लिए सेवा नियम आज जारी कर दिए गए हैं।

टेट की बाधाएं दूर होंगी
अब टेट परीक्षा की समीक्षा कर इसकी बाधाओं को दूर करने के लिए एक समिति का गठन कर दिया गया है जिसकी सिफारिशों पर मंथन करके आवश्यक सुधार किए जाएंगे। हम इसका प्रबंध करेंगे। इसकी बाधाओं को दूर करेंगे। हमारे वादे के अनुसार अभ्यर्थी से पहले की तरह दो नहीं केवल एक ही परीक्षा ली जाएगी। इस परीक्षा के आधार पर ही नियुक्तियां होगी। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत निजी शिक्षण संस्थाओं में भी टेेट उत्तीर्ण अभ्यर्थी नियोजित करने का प्रावधान है। ये सम्पूर्ण राज्य में लागू होने पर तृतीय श्रेणी के शिक्षकों का प्रथम स्तर पर 20 हजार से अधिक व्यक्तियों का नियोजन होगा।

एसटीसी की सीटें बढें़गी
वर्तमान में राजस्थान राज्य में 14 हजार 970 एसटीसी छात्रों के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था है। निजी संस्थाओं में 13 हजार 370 एवं राजकीय संस्थाओं में 1 हजार 600 है। अतः वर्ष 2014-15 में राजकीय प्रशिक्षण महाविद्यालयों में छात्रों की संख्या 50 छात्र प्रति विद्यालय के स्थान पर 100 छात्र प्रति विद्यालय में प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं।

आदिवसी क्षेत्र में आम्र्ड बटालियन
हमने सुराज संकल्प 2013 के घोषणा पत्र में राजस्थान के महान योद्धा एवं भारत के गौरव महाराणा प्रताप के नाम पर राज्य के आदिवासी क्षेत्र में एक आम्र्स बटालियन के गठन किए जाने की कल्पना की है। उसी के अनुरूप सदन में इस बटालियन के गठन की औपचारिक घोषणा की गई। आम्र्स बटालियन का मुख्यालय प्रतापगढ़ रहेगा, जिसमें जनजाति उपयोजना क्षेत्र के लगभग 1 हजार युवाओं को नियुक्त किया जायेगा।

मीसा बंदियों को मिलेगी पेंशन
हमारी सरकार द्वारा वर्ष 2008 में राजस्थान मीसा एवं डीआईआर बंदियों के लिए पेंशन नियम 2008 जारी किए गए थे। जिसमें जिसमें 6 हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन एवं 600 रुपये प्रतिमाह चिकित्सा सहायता देने का प्रावधान था। गत सरकार द्वारा वर्ष 2009 में इसे निरस्त कर दिया गया। हमने 3 जनवरी, 2014 को आयेाजित मंत्रिपरिषद की बैठक में मीसाबंदियों की पेंशन योजना को बहाल करने का निर्णय लिया है। अब मीसा एवं डीआईआर बंदियों को पेंशन दी जाएगी।

वन क्षेत्रों में राहत
वर्ष 2013 में गत सरकार ने राजस्थान वन अधिनियम 1953 को संशोधन कर छोटे-छोटे अपराध जैसे वन क्षेत्र में मवेशी चराना, घास काटना आदि के लिए जुर्माना 500 रुपये से बढ़ाकर एक साथ 25 हजार रुपये कर दिया था। इससे गरीब आदिवासियों का रोजमर्रा जीवन कठिन हो गया। राज्य सरकार ने गरीब आदिवासियों की पीड़ा समझते हुए वन अधिनियम को पुनः संशोधन करके जुर्माना राशि को 25 हजार रुपये से 500 रुपये करने का निर्णय लिया है।

ग्रामीण गौरव पथ योजना
ग्रामीण गौरव पथ योजना के अंतर्गत प्रत्येक पंचायत समिति की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत में मेगा हाईवे स्तर की सड़क का विकास किया जाएगा। पिछली बार हमने 1500 करोड़ रुपए की लागत से नाॅर्थ-साउथ स्टेट मेगा हाईवे का निर्माण किया था, अब प्रदेश में ईस्ट-वेस्ट मेगा हाईवे विकसित किया जाएगा।

नए राज्यमार्ग बनेंगे
राज्य की एक लेन की मुख्य जिला सड़कों को क्रमोन्नत कर राज्य राजमार्ग घोषित करते हुए उनके सुदृढ़ीकरण और चैड़ाईकरण का कार्य करवाया जाएगा।