जनप्रतिनिधि काम के बल पर जीतें जनता का विश्वास

नवनिर्वाचित जिला प्रमुखों की आमुखीकरण कार्यशाला

जयपुर, 27 जुलाई। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने नवनिर्वाचित जिला प्रमुखों से जनता के साथ जुड़कर विकास के नये आयाम स्थापित करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि काम के बल पर जनता का विश्वास जीतकर ही नई ऊंचाइयां हासिल कर सकते हैं।

श्रीमती राजे सोमवार को इंदिरा गांधी पंचायतीराज संस्थान में नवनिर्वाचित जिला प्रमुखों की दो दिवसीय आमुखीकरण कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित कर रही थीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी, जनप्रतिनिधि आपस में समन्वय स्थापित कर जनता को केन्द्र बिन्दु मानकर काम करेंगे तो स्थानीय स्तर की समस्याएं एवं विकास के काम मौके पर ही पूरे हो जायेंगे और आमजन को इसके लिए राजधानी तक नहीं आना पड़ेगा। उन्होंने राज्य में युवा एवं शिक्षित जिला प्रमुख चुनकर आने पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि ग्रामीण जनप्रतिनिधि राजस्थान में सकारात्मक बदलाव के वाहक बनें।

ग्रामीण विकास का बजट पूर्ववर्ती सरकार से 8 गुना

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण विकास को प्राथमिकता में रखते हुए हमारी वर्तमान सरकार ने अपने पहले वर्ष में ही इसके लिए 12 हजार 91 करोड़ रुपए एवं दूसरे वर्ष में 11 हजार 51 करोड़ रुपए से अधिक का बजटीय प्रावधान किया। जबकि पूर्ववर्ती सरकार ने अपने पहले वर्ष में मात्र 17 सौ 3 करोड़ रुपए एवं दूसरे वर्ष में 13 सौ 32 करोड़ रुपए का ही प्रावधान किया था।

नियमित जन सुनवाई जरूरी

श्रीमती राजे ने कहा कि सरकार आपके द्वार अभियान में तीन सम्भागों में प्राप्त जनअभाव अभियोग में से अधिकांश का निस्तारण कर दिया गया है। इसके लिए हर स्तर पर गहन समीक्षा की गई। आपको भी अपने क्षेत्र में नियमित रूप से जनसुनवाई कर वहां प्राप्त होने वाली जनसमस्याओं का समयबद्ध निस्तारण करना है। उन्होंने कहा कि राज्य में 20 वर्ष बाद पंचायतीराज संस्थाओं का पुनर्गठन कर 47 नई पंचायत समितियां और 723 नई ग्राम पंचायतें बनाई गई हैं। इसका ग्रामीण जनता को लाभ मिलेगा।

श्रेष्ठ काम करने वाली संस्थाएं होंगी सम्मानित

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायतीराज संस्थाओं के लिए उनके कामकाज के आधार पर इस वर्ष से राज्य स्तरीय पुरस्कार भी दिया जायेगा। इसके लिए निजी आय में वृद्धि, विकास की गति एवं सामाजिक कुरीतियों की रोकथाम के लिए किये गये प्रयासों को आधार बनाया जायेगा।

जिला प्रमुखों को जलग्रहण विकास कार्यों का प्रशिक्षण

श्रीमती राजे ने जिला प्रमुखों को जलग्रहण विकास के क्षेत्र में महाराष्ट्र माॅडल पर प्रशिक्षण किये जाने के निर्देश देते हुए कहा कि जलग्रहण के कार्यों से आपके क्षेत्र की तस्वीर बदलेगी तथा आम जनता से सीधा जुड़ाव भी होगा। उन्होंने कहा कि नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों को सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं, नियमों और कानूनों की पूरी जानकारी होनी चाहिए ताकि आप ये तय कर सकें कि योजनाएं सही ढंग से चल रही हंै या नहीं। इसके लिए सभी ग्रामीण जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षित किया जायेगा, जिसकी शुरूआत आज आपसे की गई है।

ग्राम पंचायत मुख्यालय पर बनेंगे खाद्यान्न गोदाम

मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा के कन्वर्जेंस से राज्य की प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय पर 100 मीट्रिक टन क्षमता के वैज्ञानिक तकनीक पर आधारित खाद्यान्न गोदाम बनाये जायेंगे। करीब 25 सौ करोड़ रुपये की लागत से 10 हजार गोदामों का निर्माण करवाने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य बनेगा। इन गोदामों के निर्माण से किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।

महिला जनप्रतिनिधि अपना काम स्वयं करें

श्रीमती राजे ने कहा कि महिला जिला प्रमुख एवं सरपंच अपनी जिम्मेदारियों का स्वयं निर्वहन करें, अपनी फाइलें स्वयं निपटायें एवं अपने पतियों को सरकारी कामकाज से दूर रखें। उन्होेंने कहा कि जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र का नियमित दौरा कर विकास कार्यों की माॅनिटरिंग करें। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि लालबत्ती की गाड़ी, सुरक्षाकर्मी आदि के मोह में न पड़कर संकल्प करें कि पंचायतीराज संस्थाओं के पास आने वाली एक-एक पाई विकास और आमजन के हित में लगायेंगे। श्रीमती राजे ने कहा कि वे स्वयं लालबत्ती वाली गाड़ी का उपयोग नहीं करती हैं।

राज्य को बनाना है खुले में शौच से मुक्त

ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री श्री सुरेन्द्र गोयल ने जिला प्रमुखों से कहा कि वे वर्ष 2018 तक प्रदेश को खुले में शौच से मुक्त बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभायें। उन्होंने कहा कि प्रदेश के एक करोड़ 15 लाख परिवारों में से 84 लाख परिवारों के पास शौचालय की सुविधा नहीं थी, इसमें से अब तक करीब 12 लाख परिवारों के लिए शौचालय बनाये गये हैं। उन्होंने अगले तीन वर्षों में शेष बचे 72 लाख परिवारों को शौचालय से जोड़ने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य करने को कहा ताकि सिक्किम और हिमाचल प्रदेश के बाद राजस्थान खुले में शौच से मुक्त देश का तीसरा राज्य बन सके।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पंचायतीराज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण की संदर्भ सामग्री एवं ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग की 165 योजनाओं के संबंध में प्रकाशित पुस्तकों का विमोचन किया। प्रमुख शासन सचिव श्री श्रीमत् पाण्डेय ने दो दिवसीय इस आमुखीकरण कार्यशाला के उद्देश्यों की जानकारी दी। इस अवसर पर इंदिरा गांधी पंचायतीराज संस्थान के महानिदेशक श्री राजेश्वर सिंह, शासन सचिव ग्रामीण विकास श्री राजीव ठाकुर एवं मनरेगा आयुक्त श्री रोहित कुमार सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।