भूमि अधिग्रहण से जुड़े विकास कार्यो में स्थानीय किसानों की होगी भागीदारी

नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की दूसरी बैठक

भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल को राजस्थान का समर्थन

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने भूमि अधिग्रहण बिल का समर्थन करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह एक प्रगतिशील और विकास को नये आयाम प्रदान करने वाला कदम है।

श्रीमती राजे ने बुधवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री निवास 7 रेस कोर्स पर आयोजित नीति आयोग की गवर्निंग कौंसिल की दूसरी बैठक में यह बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रस्तावित बिल में विकास की दृष्टि से अप्रासंगिक हो गये नियम कायदों को सुधारने की जरूरत पर बल दिया गया है। उन्होंने कहा कि जन आकांक्षाओं की पूर्ति और विकास की जरूरतों को पूरा करने के लिए अप्रासंगिक हो चुके भूमि अधिग्रहण संबंधी प्रावधानों को संशोधित कर प्रगतिगामी कानून कायदे बनाना समय की मांग के अनुरूप है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान सुधारों की दृष्टि से देश का अग्रणी प्रदेश बन कर उभर रहा है। राजस्थान सरकार द्वारा किए गये विभिन्न सुधारों की देशभर में प्रशंसा हुई है। उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण बिल विकास की गति को आगे ले जाने वाला बिल है और प्रधानमंत्री की अगुवाई में केंद्र सरकार के इस कदम का सभी राज्यों को समर्थन करना चाहिए।

श्रीमती राजे ने बैठक में भूमि अधिग्रहण संशोधित बिल पर राजस्थान का पक्ष रखते हुए कहा कि भूमि अधिग्रहण से जुड़े विकास कार्यों को गति देने के लिए राजस्थान सरकार ने स्थानीय किसानों की भागीदारी सुनिश्चित करने के कदम उठाये हैं। राजस्थान सरकार की नीति के अनुसार किसान अपनी भूमि के अधिकार अपने पास रखते हुए अपनी जमीन 30 वर्ष तक ‘‘सौर एवं पवन ऊर्जा एजेंसी’’ को आपसी सहमति से लीज पर दे सकते हैं। बाद में यह अवधि 10 वर्ष तक बढ़ाई जा सकती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व नियमों में दी गई छूट की इस सुविधा से भूमि अधिग्रहण में कोई समस्या नहीं आयेगी साथ ही रिन्यूअल एनर्जी उत्पादन को भी गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार ने भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल की धारा 50 के अनुसार राज्य निगरानी कमेटी के गठन का प्रस्ताव किया है। बिल के अनुसार पुनर्वास एवं पुनस्र्थापना के लिए बनाई जाने वाली उक्त कमेटी के लिए मसौदा नियम प्रकाशित किये जा चुके हैं। इन नियमों को अंतिम रूप मिलते ही पुनर्वास एवं पुनःस्थापन के लिए राज्य निगरानी समिति का गठन कर दिया जाएगा।

बैठक में मुख्य सचिव श्री सी.एस.राजन भी मौजूद थे।

नई दिल्ली/जयपुर, 15 जुलाई 2015