राज्य की विद्युत कम्पनियों को घाटे से उबारने के लिए केन्द्रीय मदद की जरूरत

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली से राज्य की विद्युत कम्पनियों की माली हालत को सुधारने के लिए केन्द्र सरकार से वांछित मदद दिलवाने का आग्रह किया है। श्रीमती राजे ने सोमवार को नई दिल्ली में केन्द्रीय वित्त मंत्री से उनके नाॅर्थ ब्लाॅक स्थित कार्यालय में मुलाकात की।

मुख्यमंत्री ने श्री जेटली को अवगत कराया कि हमारी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में राज्य की विद्युत कम्पनियों की माली हालत को सुधारने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाये थे। लेकिन पूर्ववर्ती सरकार के समय में राज्य की विद्युत वितरण कम्पनियों का घाटा 21 हजार करोड़ रुपए से बढ़कर 73 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच गया। जिससे हमारी सरकार को काफी वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

श्रीमती राजे ने कहा कि हमने पारेषण (ट्रांसमिशन) एवं वितरण की क्षति (छीजत) को कम करने के लिए गुजरात के विद्युत वितरण माॅडल का अध्ययन करवाया और सूचना एवं तकनीकी की मदद से राज्य में पारेषण एवं वितरण छीजत को 43 प्रतिशत से 27 प्रतिशत तक कम किया। जिससे वर्तमान में विद्युत कम्पनियां काफी मात्रा में विद्युत क्षति को रोकने में सफल हो पाई हैं। उन्होंने केन्द्रीय वित्त मंत्री को विश्वास दिलाया कि राज्य सरकार आगामी तीन वर्षों में पारेषण एवं वितरण में छीजत को 18 प्रतिशत तक घटाने का भरपूर प्रयास करेगी।

मुख्यमंत्री ने राज्य की विद्युत कंपनियों को घाटे से उबारने और विद्युत वितरण व्यवस्था को सुचारू ढंग से चलाने के लिए बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थाओं से सस्ती ब्याज दरों पर ऋण एवं वित्तीय सहायता दिलवाने में मदद करने का केन्द्रीय वित्त मंत्री से आग्रह किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में विद्युत वितरण कंपनियों को मिलने वाले ऋण पर ब्याज दर 12 से 15 प्रतिशत तक है, जो कि काफी ज्यादा है और इसका बोझ उठाना कम्पनियों के बूते के बाहर है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय मदद एवं बैंकों से सस्ती दरों पर ऋण मिलने पर राज्य में ’फीडर सैपरेशन कार्यक्रम‘ एवं ’फीडर मीटरिंग‘ के काम को भी शीघ्र पूरा किया जा सकेगा।

नई दिल्ली/जयपुर, 26 अक्टूबर 2015