मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान 13 दिसम्बर से

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की अध्यक्षता में मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में हुई कैबिनेट बैठक में राजस्थान स्टार्टअप नीति-2015, राजस्थान सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योग के लिए नई नीति-2015, जैव प्रौद्योगिकी नीति को स्वीकृति, राजस्थान अभियांत्रिकी सेवा (भवन व पथ शाखा) नियम में संशोधन के साथ 13 दिसम्बर से प्रदेश में ’मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान’ शुरू करने का निर्णय लिया गया।

राजस्थान स्टार्टअप नीति

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री अरुण चतुर्वेदी एवं सार्वजनिक निर्माण मंत्री श्री युनूस खाऩ ने कैबिनेट बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि उद्यमशील विद्यार्थियों एवं संस्थानिक इनक्यूबेशन संगठनों के नवीन एवं रचनात्मक विचारों को प्रोत्साहन एवं मूर्त रूप देने के उद्देश्य से राजस्थान स्टार्टअप नीति-2015 बनाई गई है। इस नीति के तहत आगामी 5 वर्ष में 50 इनक्यूबेटर संगठनों की स्थापना, 500 नवीन स्टार्टअप को इक्यूबेट करना, एक लाख वर्गफुट इनक्यूबेशन स्पेस का विकास, एंजिल एवं वेंचर केपिटल द्वारा स्टार्टअप के लिए 500 करोड़ रुपये जुटाना एवं राज्य में नवाचार आधारित संस्कृति का विकास किया जायेगा।

बीमार उद्योगों को मिलेगा पुनर्जीवन

श्री चतुर्वेदी ने बताया कि राज्य की नई लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योग नीति-2015 तैयार की गई है। इस नीति में नये उद्योगों के लिए सुगमता केन्द्र, क्लस्टर, खादी, हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास, सस्ता ऋण, नये उद्यमियों व स्टार्टअप हेतु सहायता, विपणन सहायता, गुणवत्ता सुधार, पर्यावरण संरक्षण एवं बीमार उद्योगों के पुनर्जीवन के प्रावधान शामिल किये गये हैं।

उन्होंने बताया कि कैबिनेट ने राजस्थान सिक माइक्रो एण्ड स्माल एंटरप्राइजेज (रिवाइवल एण्ड रिहेबिलिटेशन) स्कीम-2015 का भी अनुमोदन किया है। उन्होंने बताया कि जिन बीमार सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों को बैंकों द्वारा रिवाइवल पैकेज स्वीकृत किया जाता है उन उद्योगों के लिए यह नई योजना लाई गई है। इसमें राजकीय विभागों अथवा उपक्रमों आदि को विभिन्न रियायतों का प्रावधान है।

बायो टेक्नोलाॅजी पाॅलिसी

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने बताया कि जैव प्रौद्योगिकी (बायो टेक्नोलाॅजी) क्षेत्र में विकास की प्रबल सम्भावनाओं को देखते हुए इस क्षेत्र में निवेश व रोजगार सृजन के लिए जैव प्रौद्योगिकी नीति बनाई गई है। इससे जैव विज्ञान, खाद्य, पशु चारा उत्पादकता, जन स्वास्थ्य, पर्यावरण एवं ऊर्जा के क्षेत्र में नये तथा अब तक अकल्पित उत्पादों एवं प्रक्रियाओं को बढ़ावा मिलेगा।

पीडब्ल्यूडी में तीनों विंग के अभियंता बन सकेंगे सीई

श्री चतुर्वेदी ने बताया कि बैठक में राजस्थान अभियांत्रिकी सेवा (भवन व पथ शाखा) नियम, 1954 में संशोधन को मंजूरी दी गई। इस संशोधन से अब सार्वजनिक निर्माण विभाग में सिविल के साथ ही मैकेनिकल एवं विद्युत शाखा के इंजीनियर्स भी वरिष्ठता के आधार पर मुख्य अभियंता बन सकेंगे।

21 हजार गांवों में जल ग्रहण क्षेत्र विकास कार्य

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने बताया कि राज्य में जल की अत्यधिक कमी, भू-जल स्तर में गिरावट एवं अधिकांश क्षेत्र में अकाल की सम्भावना को देखते हुए जन समुदाय एवं विभिन्न विभागों के समन्वय से 13 दिसम्बर से ’मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान’ शुरू करने का निर्णय लिया गया है। इस अभियान के तहत 4 वर्षों में 21 हजार गांवों में जल ग्रहण क्षेत्र विकास के कार्य करवाये जायेंगे। प्रथम चरण में 3 हजार गांवों का चयन कर जून, 2016 तक यह कार्य पूर्ण कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके पश्चात् हर वर्ष 6-6 हजार गांवों में यह कार्य होंगे। इस अभियान के अन्तर्गत जल ग्रहण ढांचों की मरम्मत, जीर्णोद्धार, नालों से मिट्टी निकालना व गहरा करना तथा कुओं एवं नलकूपों का जल स्तर बढ़ाने सहित अन्य कार्य करवाये जायेंगे। इसके लिए आवश्यक वित्तीय प्रावधान किये गये हैं।

श्री चतुर्वेदी ने बताया कि बारां में 367 करोड़ रुपये के निवेश से कार्या केमिकल एण्ड फर्टिलाइजर्स कम्पनी डिस्टीलरी प्लांट लगायेगी। इसमें करीब 500 व्यक्तियों को रोजगार का अवसर मिलेगा। उन्होंने बताया कि बैठक में आरोग्य राजस्थान अभियान पर भी विस्तृत चर्चा की गई।

दूसरे व चैथे मंगलवार को होगी कैबिनेट

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने बताया कि अब कैबिनेट की बैठक प्रत्येक मंगलवार के स्थान पर दूसरे और चैथे मंगलवार को होगी।

सड़क सुरक्षा जन जागृति अभियान

सार्वजनिक निर्माण एवं परिवहन मंत्री श्री युनूस खान ने मीडिया को बताया कि 2 अक्टूबर से पहली बार प्रदेश की सभी 9 हजार 900 ग्राम पंचायतों में ’सड़क सुरक्षा जन जागृति अभियान’ शुरू किया जायेगा। उन्होंने बताया कि सड़क दुर्घटना रोकने के लिए जन जागृति आवश्यक है इसके लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत मुख्यालय को परिवहन विभाग की ओर से एक किट भिजवा दिया गया है जिसमें सड़क सुरक्षा एवं दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए वाहन चालकों को दी जाने वाली आवश्यक जानकारी से संबंधित सामग्री है।

श्री खान ने बताया कि इस अभियान में आम जनता का सक्रिय सहयोग मिले इसके लिए मुख्यमंत्री ने ग्रामवासियों के साथ प्रत्येक सरपंच, प्रधान, जिला प्रमुख, विधायक एवं सांसद को पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री ने मंत्रिपरिषद् के सभी सदस्यों को भी 2 अक्टूबर को ग्राम पंचायत मुख्यालय पर जाकर इस अभियान का शुभारम्भ करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आमजन एवं मीडिया से अपील की कि सब मिलकर इस अभियान को सफल बनाये ताकि सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली अकाल मृत्यु को रोका जा सके।

जयपुर, 29 सितम्बर 2015