पांच आईटीआई विकसित होंगी सेंटर आॅफ एक्सीलेंस के रूप में

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि दस्तकारों के कौशल विकास के लिए राज्य की पांच आईटीआई को चयनित कर उन्हें आर्ट एण्ड क्राफ्ट ट्रेड में सेन्टर आॅफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि चयनित आईटीआई में फेब्रिक, स्टोन, लेदर, वुड एवं मेटल आर्ट के क्षेत्र में कौशल प्रशिक्षण दिया जायेगा। इन सेंटर आॅफ एक्सीलेंस के संचालन के लिए उद्यमियों का सहयोग लिया जायेगा।

श्रीमती राजे शनिवार को मुख्यमंत्री कार्यालय के काॅन्फ्रेंस हाॅल में बुनकरों एवं दस्तकारों के उत्थान के लिए आयोजित सम्मलेन को सम्बोधित कर रही थी।

नवाचार के लिए प्रेरित करें

मुख्यमंत्री ने कहा कि दक्षता विकास के साथ-साथ बुनकर एवं दस्तकार नवाचार अपना सके इसके लिए उनको प्रेरित किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि दस्तकारों को मांग आधारित डिजाइन एवं गुणवत्ता को ध्यान में रखकर अपना उत्पाद तैयार करना होगा ताकि उनके उत्पादों की बिक्री हो सके।

श्रीमती राजे ने कहा कि मनरेगा में कनवर्जेन्स के माध्यम से क्राफ्ट को इससे जोड़ा जा सकता है, जिससे दस्तकारों को और अधिक बढ़ावा मिल सके। उन्होंने कहा कि दस्तकारी एवं हस्तशिल्प कला के साथ ही लाखों लोगों की आजीविका का साधन है। दस्तकारों एवं हस्तशिल्पियों की पहचान कर उन्हें आर्टिजन क्रेडिट कार्ड से जोड़ा जाये ताकि उन्हें आसानी से ऋण सुविधा प्राप्त हो सके। उन्होंने दस्तकारों को जनधन योजना व भामाशाह योजना के साथ सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ने पर भी जोर दिया।

दस्तकारों के प्रोत्साहन के लिए सपोर्ट सिस्टम जरूरी

मुख्यमंत्री ने कहा कि दस्तकारों को प्रोत्साहन देने के लिए सपोर्ट सिस्टम तैयार करना होगा। साथ ही दस्तकारों में उद्यमिता का विकास जरूरी है, जिससे वो बाजार की मांग के अनुरूप उत्पाद तैयार कर उसका बेहतर तरीके से विपणन कर सकें।

मुख्यमंत्री ने दस्तकारों, हस्तशिल्पियों एवं बुनकरों के उत्थान एवं विकास के लिए सम्मेलन में आये विशेषज्ञों से संवाद कर उनके सुझाव आमंत्रित किए।

सम्मेलन में प्रमुख शासन सचिव, लघु उद्योग श्री राजीव स्वरूप ने बताया कि क्लस्टर विकास कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेश के दस्तकारों का उत्थान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि क्राफ्ट्स के विकास के लिए प्रयास किए जायेंगे।

उन्होंने अपने प्रस्तुतिकरण ने बताया कि दस्तकारों एवं बुनकरों में कौशल विकास, उत्पादों की गुणवत्ता, उत्पादों के आॅनलाइन विक्रय, बाजार तक पहुंच, आसान ऋण सुविधा तथा दस्तकारों की जिलेवार निर्देशिका तैयार करने के प्रयास किए जा रहे हैं।

सम्मेलन में अन्तर्राष्ट्रीय फैशन डिजाइनर बीबी रसेल ने कोटा डोरिया एवं अन्य क्राफ्ट्स को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा किए गये प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि राजस्थान में दस्तकारों के लिए काम करने में उन्हें अलग ही सुखद अनुभूति होती है। उन्होंने दस्तकारों एवं बुनकरों के उत्थान के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए। एक्सेस डवलपमेंट सर्विसेज के सीईओ श्री विपिन शर्मा ने दस्तकार एवं बुनकरों को आसानी से ऋण उपलब्ध कराने के संबंध में सुझाव दिए।

सम्मेलन में दस्तकार संस्था की चेयरपर्सन श्रीमती लैला तैयब जी, आईआईसीडी की प्रोफेसर मीनाक्षी सिंह, आॅल इंडिया आर्टिजन्स एण्ड क्राफ्ट वकर्स एसोसिएशन की कार्यकारी निदेशक माधुरी दत्ता, स्नेपडील की अपराजिता भारती, फिल्पकार्ड के अंकित अग्रवाल, इंडस्ट्री फाउण्डेशन के सीईओ जैकब मैथ्यू सहित कई विशेषज्ञों ने विचार व्यक्त किए।

इस दौरान डिजाइन, नवाचार, उत्पाद, कौशल विकास एवं गुणवत्ता नियंत्रण सहित ब्रांडिंग, मार्केटिंग एवं ई-काॅमर्स, क्रेडिट एक्सेस तथा इनवेंटरी आॅफ क्राफ्ट्स तथा दस्तकार डायरेक्ट्री के संबंध में चार उप समूह बनाकर उन पर विस्तृत चर्चा की गई तथा इस संबंध में समूह द्वारा प्रस्तुतिकरण दिया गया।

सम्मेलन में उद्योग मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर, मुख्य सचिव श्री सीएस राजन, आयुक्त उद्योग श्री अभय कुमार, एमडी राजसिको श्री दिनेश एम.एन., विशिष्ट सचिव वित्त (बजट) श्री सिद्धार्थ महाजन, एमडी आरएसएलडीसी श्री गौरव गोयल एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

जयपुर, 30 मई 2015