राज्यों पर अतिरिक्त वित्तीय भार केंद्र सरकार वहन करे

अंतरराज्यीय परिषद की स्थायी समिति की बैठक

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने सुझाव दिया है कि केन्द्र सरकार द्वारा लागू की जाने वाली केंद्र प्रवर्तित योजनाओं की क्रियान्विति के कारण राज्यों पर पड़ने वाले अतिरिक्त वित्तीय दायित्व भार का शत-प्रतिशत व्यय केंद्र सरकार द्वारा ही वहन किया जाना चाहिए।

श्रीमती राजे शनिवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में आयोजित अंतरराज्यीय परिषद की स्थायी समिति की 12वीं बैठक में भाग ले रही थीं। बैठक में केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली, विधि और न्याय मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गहलोत, आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री हरदीपसिंह पुरी तथा राजस्थान के गृह मंत्री श्री गुलाबचंद कटारिया सहित केंद्र और राज्य के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री ने नीति आयोग द्वारा केंद्र प्रवर्तित योजनाओं की समीक्षा के लिए गठित उप समिति की अनुशंषाओं के अनुसार राज्यों की आवश्यकताओं के अनुरूप योजनाएं बनाने एवं इसके लिए केन्द्रीय मदद दिलवाने का आग्रह भी किया।

भामाशाह योजना को आधार से जोड़ने की जरूरत

श्रीमती राजे ने बताया कि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण की देश की पहली योजना भामाशाह योजना राजस्थान में लागू की गई है। इसमें विभिन्न योजनाओं के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभ की राशि सीधे लाभान्वितों के खातों में हस्तान्तरित की जाती है। इस योजना में महिलाओं के स्वावलंबन और वित्तीय सशक्तीकरण के लिए उन्हें परिवार का मुखिया बनाया गया है। उन्होंने कहा कि इस महत्वाकांक्षी योजना को ’आधार कार्ड’ से जोड़ने के लिए आधार एक्ट में नए नियम बनाने की जरूरत है। साथ ही, इसमें पांच वर्ष की उम्र तक के बच्चों को भी पंजीकृत करने की इजाजत दी जानी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राजस्थान में 2008 में पहली बार और 2014 में पुनः लागू हुई इस योजना के तहत अब तक 1.49 करोड़ परिवारों के 5.46 करोड़ व्यक्तियों को पंजीकृत किया जा चुका है। इसमें अब तक 13.69 नकद भुगतानों के माध्यम से कुल 10,751 करोड़ रुपये की राशि लाभान्वितों के खातों में सीधे हस्तान्तरित की गयी है।

रॉयल्टी रेट्स में नुकसान का हर्जाना दिया जाए

श्रीमती राजे ने मुख्य खनिजों पर रॉयल्टी दरां को हर तीन वर्ष में बढ़ाने की अनुशंषा पर सहमति जताते हुए कहा कि देरी की वजह से राज्यों को होने वाली राजस्व हानि का पुनर्भरण किया जाना चाहिए।

स्थानीय निकायों को सशक्त बनाने में राजस्थान अग्रणी

श्रीमती राजे ने बताया कि ग्रासरुट पर स्थानीय निकायों को सशक्त बनाने और गवर्नेन्स का विकेंद्रीकरण करने में राजस्थान अग्रणी है। उन्होंने मांग की कि शिक्षा के अधिकार के तहत लगाए गए शिक्षकों को समय पर वेतन भुगतान के लिए राज्यों को समय पर बजट आवंटित किया जाए।

नेशनल इंट्रीग्रेशन कौंसिल में राज्यों की राय को महत्व मिले

मुख्यमंत्री ने नेशनल इंट्रीग्रेशन कौंसिल की स्थापना पर सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि इसमें राज्यों की राय को महत्व दिया जाना चाहिए। उप समिति की बैठकों में राज्यों के साथ गहन चर्चा कर आपसी सहमति से निर्णय लिए जाएं।

श्रीमती राजे ने पुलिस आधुनिकीकरण पर जोर देते हुए राजस्थान जैसे अंतरराष्ट्रीय सीमा से जुड़े प्रदेश को अधिक केंद्रीय मदद देने का सुझाव दिया। उन्होंने राज्यों में केन्द्रीय बलों की तैनाती राज्य सरकारों की सहमति से ही करने का सुझाव भी दिया।

बांग्लादेशी विस्थापितों की घुसपैठ रोकने के लिए ठोस नीति बने – श्री कटारिया

बैठक में राज्य के गृह मंत्री श्री गुलाबचंद कटारिया ने बांग्लादेशी विस्थापितां की घुसपैठ से उत्पन्न कानून व्यवस्था की समस्या की चर्चा करते हुए केन्द्र स्तर पर ठोस नीति लागू करने का सुझाव दिया।

जयपुर/नई दिल्ली, 25 नवम्बर 2017