वर्तमान अफीम नीति में बदलाव, राजस्थान में प्रोसेसिंग युनिट लगवाने का आग्रह

मुख्यमंत्री की वित्त मंत्री श्री जेटली से मुलाकात

मार्बल, ग्रेनाईट, कोटा स्टोन पर जीएसटी की दरें घटाने के लिए आभार जताया

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने केन्द्र सरकार से प्रदेश के अफीम काश्तकारों की समस्याओं का समाधान करने, सरकार की अफीम नीति में बदलाव और राजस्थान में अफीम के लिए प्रोसेसिंग युनिट लगाने का आग्रह किया है।

श्रीमती राजे ने शुक्रवार को नई दिल्ली में केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली से बैठक कर राजस्थान के किसानों के अफीम की खेती से जुडे़ मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने मार्बल, ग्रेनाईट, कोटा स्टोन आदि पर जीएसटी दरों को कम करने के लिए श्री जेटली का आभार भी जताया।

बैठक में नगरीय विकास मंत्री श्री श्रीचंद कृपलानी और झालावाड़ के सांसद श्री दुष्यंत सिंह भी मौजूद थे।

वर्तमान अफीम नीति के मापदंडों में संशोधन जरूरी

श्रीमती राजे ने केन्द्रीय वित्त मंत्री को बताया कि केन्द्र की अफीम नीति 2017-18 मे अफीम की खेती में औसत उपज प्रति हैक्टेयर 56 किलो को अनिवार्य बनाया गया है, लेकिन राज्य के झालावाड़ और बारां जिलों में इसका औसत 49 से 52 किलो प्रति हैक्टेयर ही आता है। इस कारण अधिकतर किसान आगामी सीजन में अफीम खेती का लाईसेंस प्राप्त करने के अयोग्य हो जाते हैं। उन्होंने वर्तमान मापदंडों में संशोधन करने की मांग की ताकि राजस्थान के अफीम काश्तकारों को नुकसान नही हो।

राजस्थान में अफीम प्रोसेसिंग फैक्टरी लगे

मुख्यमंत्री ने श्री जेटली से राजस्थान में आधुनिक अफीम प्रोसेसिंग फैक्ट्री लगवाने का आग्रह भी किया। उन्होंने बताया कि राजस्थान अफीम उत्पादन में अग्रणी प्रदेश है, लेकिन मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश की तरह यहां एक भी अफीम प्रोसेसिंग फैक्ट्री नहीं है।

श्रीमती राजे ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में आधुनिक तकनीक और सुविधाओं से युक्त अफीम प्रोसेसिंग फैक्टरी के लिए भूमि सहित सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए भी तैयार है।

जयपुर/नई दिल्ली, 17 नवम्बर 2017