घोषणाएं – विद्युत पैकेज (दिनांक: 18-02-2017)
कृषि कनेक्शनों के स्थानांतरण में जिले के अंदर शिथिलता
1. कृषि कनेक्शनों के स्थानान्तरण की वर्तमान पंचायत समिती की सीमा को बढ़ा कर जिला क्षेत्र करने की मैं घोषणा करता हूँ।
वी.सी.आर. में राहत
2. मैंने किसानों के लिये सिविल लाइबिलिटी के अलावा समझौता राशि को पूर्व में कम किया है। अब मैं यह घोषणा करता हूॅं कि कृषि उपभोक्ताओं के लिये सिविल लाईबिलिटी की अधिकतम अवधि 4 माह से घटा कर मात्र 2 महीने की जाएगी। इसके अतिरिक्त समझौता राशि की दर को भी हमने 2000 रूपये प्रति हार्स पावर से घटाकर 1000 रूपये प्रति हार्स पावर कर दिया है।
3. वीसीआर में किसानों की कुछ शिकायतें आ रही थी, शिकायतों की सुनवाई के लिये जिला स्तर पर वीसीआर मोनीटरिंग कमेटियाँ गठित की गयी हैं। इन कमेटियों में वीसीआर जाँच के 60 दिन तक शिकायत प्राप्त होने पर 15 दिन में निस्तारित किया जायेगा।
4. जिन किसानों के मीटर सही ढंग से चल रहे हैं ऐसे काश्तकारों के लोड की जांच नहीं की जाएगी।
मांग-पत्र राशि जमा कराने का एक और अवसर
5. ऐसे कृषि आवेदक जो किसी कारण मांग पत्र समय पर जमा नहीं करा पाते हैं उनके लिये मैंने दिसम्बर, 2014 तक के आवेदकों को मांग पत्र राशि जमा कराने का अवसर दिया था। अब मैं यह घोषणा करता हूॅ कि दिसम्बर, 2014 के बाद भी किसी कारण मांग राशि जमा न कर सके किसानों को मांग राशि जमा कराने पर एक अवसर और प्रदान किया जायेगा।
लोड एक्सटेंशन की शिकायत के संबंध में
6. पिछले कुछ माह में किसानों द्वारा डिस्कॉम के स्तर पर बिना जांच या बिना आवेदन लोड बढ़ाये जाने के संबंध में शिकायतें प्राप्त हुई हैं। ऐसे समस्त प्रकरणों में शिकायत दूर करने के लिए बढ़ाये गये लोड को समाप्त किये जाने की घोषणा की जाती है।
7. किसानों के पम्प के लोड चैकिंग में 20 प्रतिशत एवं अधिकतम 5 एच.पी. तक के लोड में रियायत दी जाएगी।
इस निर्णय से लगभग 5 लाख कृषक लाभान्वित होंगे।
विद्युत उपभोक्ताओं की शिकायतों के निराकरण के संबंध में
8. विद्युत वितरण कम्पनियों द्वारा आगामी माह में पूरे प्रदेश में पंचायत/उपखण्ड स्तर पर विद्युत संबंधी शिकायतों के निराकरण एवं उपभोक्तओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान किये जाने के लिए शिविर का आयोजन किया जायेगा।
बूंद-बूंद कृषि कनेक्शनों की बढ़ी दरों का तीन वर्ष में सामान्य श्रेणी में परिवर्तित
9. बूंद-बूंद/फौव्वारा/डिग्गी सिंचाई पद्धति आधारित कृषि कनेक्षनों के लिए मैं यह घोषणा करता हूं कि ऐसे कनेक्शनों की 3 वर्ष पश्चात् ही विद्युत दरें सामान्य श्रेणी में परिवर्तित कर दी जायेंगी। इस निर्णय से लगभग 45000 कृषक लाभान्वित होंगे।
बिजली की बढ़ी दरों के संबंध में
10. कांग्रेस शासनकाल में लिये गये निर्णय के अनुसार नियामक आयोग में दर निर्धारण के लिये प्रतिवर्ष याचिका लगाना अनिवार्य है। पिछले 2 वर्षों में भी याचिकाएं लगाई गई एवं नियामक आयोग द्वारा किसानों के लिये बढी हुई दरों का समस्त भार सरकार ने लिया था एवं किसानों के द्वारा पूर्व की दरों पर ही भुगतान किया जाता था। सितम्बर, 2016 में नियामक आयोग ने किसानों की दरों में लगभग 25 पैसे प्रति यूनिट की बढोत्तरी की।
11. कृषि कनेक्शन के अन्तर्गत सामान्य श्रेणी के मीटर एवं फ्लैट रेट के काश्तकारों के लिए बढ़ी हुई दरें वापस ली जाती हैं अर्थात् मीटर श्रेणी के काश्तकारों द्वारा 1.15 रूपये के स्थान पर 90 पैसे प्रति यूनिट की दर देय होगी एवं फ्लैट रेट के काश्तकारों के लिए 120 रूपये प्रति एच.पी. के स्थान पर 85 रूपये प्रति एच.पी. देय होगा।
12. काश्तकारों द्वारा पूर्व में बढ़ी हुई दरों पर जमा कराई गई राशि को आगामी बिलों में समायोजित किया जायेगा।