फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल के लिए केंद्र से 2232 करोड़ रुपये की मांग

मुख्यमंत्री की केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री से भेंट

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात कर राजस्थान की फ्लोराइड एवं खारे पानी से प्रभावित बस्तियों तक पेयजल पहुंचाने की सहायता एवं मानदण्डों को प्रदेश की विशेष परिस्थितियों को देखते हुए लचीला बनाने का आग्रह किया है। साथ ही वितरण खर्च पर आने वाली कुल अनुमानित लागत पर 50 प्रतिशत केंद्रीय सहायता के रूप में 2,232 करोड़ रूपये प्रदेश को देने की मांग की। इस योजना पर कुल अनुमानित लागत करीब 4,463 करोड़ रूपये आने की संभावना है।

मुख्यमंत्री ने गुरुवार को नई दिल्ली के कृषि भवन में केन्द्रीय मंत्री से मुलाकात कर यह भी आग्रह किया कि फ्लोराइड प्रभावित बस्तियों को स्वच्छ जल पहुंचाने की परियोजना के लिए केन्द्रीय सहायता पैटर्न पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि दूषित जल प्रभावित क्षेत्रों में आधारभूत संरचनाएं तैयार करने के लिए सहायता समग्र रूप में दी जानी चाहिए। प्रति व्यक्ति को यूनिट मानकर सहायता देने के मापदंड व्यवहारिक नहीं हैं। राजस्थान को उसकी विशेष परिस्थितियों अनुसार सहयोग दिया जाना चाहिए।

सरकार चला रही 15 हजार करोड़ की परियोजनाएं

श्रीमती राजे ने बताया कि प्रदेश की 15,180 बस्तियों तक सतही जल पहुंचाने के लिए राज्य सरकार द्वारा करीब 15,470 करोड़ रूपये की परियोजनाएं चलाई जा रही हैं। इन बस्तियों में से 2,649 बस्तियां फ्लोराइड प्रभावित हैं। इन परियोजनाओं में सितम्बर, 2016 तक करीब 9 हजार करोड़ रूपये और अन्य सतही जल परियोजनाओं पर करीब 5 हजार करोड़ की देनदारियां हैं। जिन्हें पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने अपने स्रोतों से धन जुटाया है। उन्होंने आग्रह किया कि इन सभी परियोजनाओं के लिए केन्द्र द्वारा काफी समय से बंद सहायता को पुनर्विचार कर शुरू किया जाना चाहिए।

राजस्थान की भौगोलिक परिस्थितियां विषम

मुख्यमंत्री ने बताया कि राजस्थान की भौगोलिक परिस्थितियां अन्य राज्यों से काफी भिन्न है तथा दूरदराज के इलाकों तक स्वच्छ जल पहुंचाना चुनौतीपूर्ण कार्य है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के मार्ग में दूषित पानी भी बड़ी चुनौती है। देश की करीब 30 प्रतिशत दूषित जल प्रभावित बस्तियां राजस्थान में हैं। राज्य की 6,858 बस्तियां फ्लोराइड, 13,007 बस्तियां लवणता युक्त, 1,042 बस्तियां नाइट्रेट प्रभावित एवं 12 बस्तियां लौह प्रभावित हैं।

दूषित जल प्रभावित बस्तियों के लिए मिले विशेष मदद

मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री से आग्रह किया कि राजस्थान में फ्लोराइड और आर्सेनिक प्रभावित बस्तियों तक पेयजल पहुंचाने के लिए भी विशेष रियायत प्रदान की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए केन्द्रीय मंत्रालय ने पश्चिमी बंगाल को 8,000 करोड़ रूपये की धनराशि उपलब्ध करवायी है। इसी प्रकार राजस्थान को भी विशेष मदद दी जानी चाहिए। इन बस्तियों तक स्वच्छ पेयजल पहुंचाने के स्रोत यथा इंदिरा गांधी नहर, चम्बल नदी, माही बांध, बिलासपुर बांध एवं नर्मदा बांध काफी दूर स्थित हैं। इन बस्तियों तक पेयजल पहुंचाने के लिए आधारभूत संरचना एवं वितरण खर्च केन्द्र सरकार वहन करें।

केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि वे इस मामले में राज्य को हर संभव मदद दिलवाने का प्रयास करेंगे और आवश्यक हुआ तो सहायता के मानदण्डों में भी बदलाव करने पर विचार किया जायेगा।

बैठक में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी, विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री जे.सी. महान्ति, राज्य के आवासीय आयुक्त श्री रोहित कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद थे।

नई दिल्ली/जयपुर, 27 अक्टूबर 2016