वस्तु एवं सेवा कर राजस्थान सहित सभी राज्यों के हित में

122वें संविधान संशोधन विधेयक पर राज्य विधानसभा में मुख्यमंत्री का वक्तव्य

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्थान सहित सभी राज्यों एवं पूरे देश के हित में है। जीएसटी के लागू होने से विकास को गति मिलेगी तथा निवेश एवं रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। श्रीमती राजे शुक्रवार को विधानसभा में जीएसटी लागू करने के लिए 122वें संविधान संशोधन विधेयक के राज्य विधानसभा में अनुसमर्थन करते हुए विचार व्यक्त कर रही थीं।

श्रीमती राजे ने सदन में कहा कि राज्य विधानसभा का यह सत्रा देश में जीएसटी व्यवस्था के लिए 122 वें संविधान संशोधन विधेयक का अनुसमर्थन करने के लिए याद किया जायेगा। इस संविधान संशोधन विधेयक के अनुसार जीएसटी लागू होने से सेवाओं पर कर केन्द्र के साथ-साथ राज्यों को भी प्राप्त हो सकेगा तथा वस्तुओं की खुदरा स्तर तक बिक्री पर राज्य सरकारों के साथ-साथ केन्द्र सरकार को भी प्राप्त हो सकेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस व्यवस्था में पूरे देश में अप्रत्यक्ष करों की दरें तथा कर ढांचा एक समान हो जाएगा। इससे कर व्यवस्था प्रणाली में स्थायित्व आयेगा और व्यापार करना सरल हो जायेगा। व्यापार में ट्रांजेक्शन लागत कम होने से तथा व्यापक प्रभाव के समाप्त होने से भारतीय वस्तुओं एवं सेवाओं की अन्तरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी व निर्यात को गति मिलेगी तथा कीमतों में कमी आएगी, जिससे आमजन को महंगाई से राहत मिलेगी।

श्रीमती राजे ने कहा कि राजस्थान देश के अन्य राज्यों की तुलना में उपभोक्ता राज्य है तथा जीएसटी के गंतव्य आधारित कर होने के कारण राजस्थान राज्य को इस व्यवस्था से लाभ होना सम्भावित है। उन्होंने कहा कि हमने वर्ष 2006 में कर सुधार के लिए वैट व्यवस्था लागू की थी तथा जीएसटी इसी की अगली कड़ी है। किसी भी नई व्यवस्था को लागू करते समय कई तैयारियां करनी होती है। हमने राज्य में वैट लागू करते समय इन तैयारियों के क्रम में कई समितियों का गठन किया गया था जिसके फलस्वरूप उद्योग एवं व्यापार जगत की कठिनाइयों का निराकरण किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अनुभव के आधार पर हमने जीएसटी व्यवस्था लागू करने हेतु तैयारियां पहले से ही शुरू कर दी थीं। इस कड़ी में नगरीय विकास मंत्री की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय जीएसटी परामर्शदात्री समिति, प्रमुख शासन सचिव वित्त की अध्यक्षता में जीएसटी पर राज्य की अधिकार प्राप्त समिति और वाणिज्य कर आयुक्त की अध्यक्षता में जीएसटी पर संचालन समिति का गठन शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इसी क्रम में जिला स्तर पर जीएसटी लागू करने में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने के लिए जिला स्तर पर भी जीएसटी समितियां गठित करने की घोषणा की।

श्रीमती राजे ने कहा कि देश में जीएसटी लागू करने के संबंध में समस्त महत्वपूर्ण विषयों पर जीएसटी परिषद निर्णय लेकर केन्द्र तथा राज्य सरकारों को अनुशंषा करेगी। जीएसटी परिषद को कर दर का निर्धारण करते समय राज्यों के वर्तमान राजस्व स्तर को बनाये रखने के साथ-साथ ध्यान रखना होगा कि आम उपभोक्ता पर उचित स्तर से अधिक करभार आरोपित ना हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संविधान संशोधन विधेयक में जीएसटी लागू होने पर राज्यों की राजस्व हानि संबंधी आशंकाओं का समाधान भी किया गया है। इसके अनुसार जीएसटी लागू होने से अगले 5 वर्षों तक किसी प्रकार की कर राजस्व की हानि होने पर केन्द्र सरकार द्वारा क्षतिपूर्ति की जाएगी। उन्होंने कहा कि वैट लागू करते समय भी राजस्व हानि की आशंका जताई गई थी लेकिन यह निर्मूल साबित हुई।

श्रीमती राजे ने कहा कि जीएसटी लागू करने की प्रक्रिया में देश के समस्त राज्य तथा केन्द्र, सामूहिक निर्णय प्रक्रिया में शामिल हो रहे हैं। पूरे भारत के बाजारों में समरूपता लाने के लिए केन्द्र व राज्य मिलकर जीएसटी के रूप में एक नवीन कर व्यवस्था अपनाने जा रहे हैं जो कि सहकारी संघवाद का एक अनूठा उदाहरण होगा। जीएसटी व्यवस्था न सिर्फ देश के कर सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी अपितु यह केन्द्र व राज्यों के सौहार्दपूर्ण संबंधोें की दिशा में भी अभूतपूर्व कदम होगा।

जयपुर, 2 सितम्बर 2016