पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के काम को दें गति

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने प्रदेश के 13 जिलों को पेयजल, सिंचाई और उद्योगों के लिए जल उपलब्ध करवाने एवं जल स्वावलम्बन की दृष्टि से महत्वाकांक्षी पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के काम को गति देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस मेगा प्रोजेक्ट को इस तरह पूरा किया जाए कि समय और धन का सदुपयोग हो।

श्रीमती राजे बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के संबंध में आयोजित बैठक को संबोधित कर रही थीं। मुख्यमंत्री ने इस प्रोजेक्ट की वित्तीय आवश्यकताओं को नाबार्ड के माध्यम से पूरा करने की संभावनाएं तलाशने के भी निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना राज्य के एक बडे़ भाग में पेयजल एवं सिंचाई की आवश्यकताओं को पूरा करेगी, इसलिए इसे समय सीमा में पूरा करने के प्रयास करें। श्रीमती राजे ने प्रदेश के सभी 33 जिलों को वाटर ग्रिड से जोड़ने के काम को भी शीघ्र आगे बढ़ाने के निर्देश दिए।

बैठक में बताया गया कि तीन चरण में पूर्ण होने वाली इस परियोजना से प्रदेश के भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़, अलवर, जयपुर, टोंक, दौसा तथा अजमेर जिलों की जल आवश्यकताओं की पूर्ति हो सकेगी। परियोजना में चम्बल बेसिन तथा बनास, पार्वती एवं कालीसिंध तथा इनकी सहायक नदियों के सब-बेसिन में उपलब्ध जल एवं व्यर्थ बह जाने वाले जल का उपयोग किया जाएगा।

वर्ष 2051 तक की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर तैयार की गई इस परियोजना से 4.7 लाख एकड़ नवीन सिंचित क्षेत्र तैयार होगा और जल अभाव से ग्रस्त बांधों के 5.71 लाख एकड़ क्षेत्र में सिंचाई सुनिश्चित होगी। साथ ही डीएमआईसी एवं उद्योगों के लिए भी जल आरक्षित होगा, जिससे औद्योगिक विकास और रोजगार के अवसर बढें़गें। इसके अलावा इस प्रोजेक्ट में करीब 900 किलोमीटर का नहरी तंत्र निर्माण होगा, जिससे जल स्तर बढे़गा।

इस अवसर पर जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी, राजस्थान रिवर बेसिन अथॉरिटी के अध्यक्ष श्री श्रीराम वैदिरे, जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री ओपी सैनी, शासन सचिव जलदाय विभाग श्री संदीप वर्मा, वेप्कॉस के प्रबंध निदेशक श्री आरके गुप्ता सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

जयपुर, 21 सितम्बर 2016

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