आईटी एवं ई-गवर्नेंस में अग्रणी राज्य बना राजस्थान

इंडिया टूडे – डिजीटल इंडिया कॉन्क्लेव

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि सूचना प्रौद्योगिकी लोगों के जीवन में बदलाव ला सकती है। यही वजह है कि राजस्थान में हमने व्यापक ई-गवर्नेंस प्लेटफॉर्म तैयार किया है ताकि विभिन्न योजनाओं का लाभ सीधे एवं त्वरित गति से लोगों तक पहुंच सके।

श्रीमती राजे बुधवार को होटल हिल्टन में इंडिया टूडे – डिजीटल इंडिया कॉन्क्लेव को संबोधित कर रहीं थीं। उन्होंने कहा कि जब बात ई-गवर्नेंस की हो तो राजस्थान का नाम पहले पायदान पर आता है। राजस्थान पहला राज्य था जिसने 2004 में इलेक्ट्रॉनिक सर्विस डिलीवरी शुरू की थी। इससे प्रेरित होकर केन्द्र सरकार ने कॉमन सर्विस सेन्टर योजना की पहल की थी। उन्होंने कहा कि आईटी आधारित सेवाओं के लिए अनुकुल माहौल की उपलब्धता के कारण पिछले ढाई साल में राजस्थान सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में अग्रणी राज्य के रूप में उभरा है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में उचित मूल्य की दुकानों पर पीओएस मशीन के माध्यम से राशन वितरण, वाहनों की जीपीएस आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम जैसे कदमों के साथ करीब 8 हजार कर्मियों की मदद से सूचना प्रौद्योगिकी विभाग डिजीटल राजस्थान के हमारे सपने को साकार करने में जुटा हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण की पहल हमने हमारे पिछले कार्यकाल में 2007-08 में की थी। महिला सशक्तीकरण और वित्तीय समावेशन को ध्यान में रखते हुए हमने भामाशाह योजना लागू की थी। भामाशाह योजना में परिवार की मुखिया महिला को मानकर उसके नाम पर बैंक खाता खोला जाता है और विभिन्न योजनाओं का नकद लाभ सीधा उनके खाते में आता है। इस तरह महिला सशक्तीकरण की दिशा में हमारी यह सार्थक पहल है।

श्रीमती राजे ने कहा कि आईटी एवं इस पर आधारित सेवाओं में रोजगार की असीम संभावनाएं हैं। इसे देखते हुए हमने हमारी आईटी एवं आईटीईएस पोलिसी को भविष्य आधारित बनाया है। राजस्थान में पूरे देश में स्थापित ई-मित्र कियोस्क के 15 प्रतिशत यानि कि 36 हजार कियोस्क हैं। इन कियोस्क की खास विशेषता यह है कि ये सेल्फ फाइनेंस पर आधारित हैं इन्हें सरकार की तरफ से किसी तरह की वित्तीय मदद नहीं दी जाती।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम नई स्टार्ट अप पॉलिसी के माध्यम से युवाओं को स्टार्ट अप बिजनेस के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे यह बताते हुए आज खुशी हो रही है कि आईबीएम, माइक्रोसॉफ्ट, ऑरेकल, सिस्को, ऑटोडेस्क जैसी दुनिया की नामी कम्पनियां आज हमारे प्रयासों में भागीदारी निभा रही हैं। हमे पूरा विश्वास है कि सभी के सहयोग से राजस्थान को वास्तव में डिजीटल राजस्थान बनाने का हमारा विजन सफल होगा।

श्रीमती राजे ने इस अवसर पर क्लाउड कम्प्यूटिंग के माध्यम से स्कूलों को जोड़कर अभिभावकों एवं विद्यार्थियों को जानकारी उपलब्ध कराने का कार्य कर रही टीम माइली को प्रदेश के सरकारी स्कूलों में परिवर्तन लाने की दिशा में राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से करीब 9 से 11 लाख विद्यार्थी जो सरकारी स्कूलों से निजी स्कूलों में चले गए थे वे वापस सरकारी स्कूलों में लौटे हैं। सरकारी स्कूलों में गुणवत्ता में सुधार होने से नामांकन भी बढ़ा है।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने टीम खुशी बेबी, टीम माइली, लाइफ केयर फार्मेसी एवं जयपुर विकास प्राधिकरण को संबंधित क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य के लिए डिजीटल टेल ब्रेजर अवार्ड प्रदान किये।

जयपुर, 21 सितम्बर 2016