हजारों की संख्या में मिलेंगे रोजगार, 2 हजार 652 कस्टम हायरिंग सेंटर खुलेंगे

मुख्यमंत्री ने ग्राम-2016 में की किसानों के हित में कई घोषणाएं

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने बुधवार को ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट 2016 के दौरान किसानों को खेती की नवीनतम तकनीक से जोड़ने की महत्त्वाकांक्षी योजना के तहत प्रदेश की सभी पंचायत समितियों में कृषि उपकरण केन्द्र (कस्टम हायरिंग सेंटर) खोले जाएंगे। उन्होंने किसानों और निवेशकों के लिए कई घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में कृषि आधुनिकीकरण करना चाहती है, जिसके लिए किसानों और कृषि क्षेत्र से जुड़े उद्यमियों को एक साथ आना होगा।

श्रीमती राजे ने कहा कि कस्टम हायर केन्द्रों के जरिए किसानों को किराये पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जाएंगे। इन केन्द्रों को उपलब्ध कृषि यंत्रों की एडवांस बुकिंग के लिए इन्टरनेट और टोल-फ्री फोन सुविधा से जोड़ा जाएगा। अगले तीन साल में 2,652 ऐसे केन्द्र खोले जाएंगे जिनके माध्यम से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा।

कृषि, आयुर्वेद और मेडिकल ट्यूरिज्म के लिए विशेष प्रावधान

मुख्यमंत्री ने राज्य में कृषि, आयुर्वेद और मेडिकल ट्यूरिज्म के क्षेत्र में निवेश एवं रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए ‘राजस्थान औद्योगिक प्रोत्साहन योजना-2014‘ (रिप्स) के अंतर्गत विभिन्न अनुदान, लाभ और करों में छूट देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इसके लिए कृषि प्रसंस्करण एवं विपणन नीति और रिप्स-2014 में भी विशेष प्रावधान किए गए हैं।

कृषि प्रसंस्करण के लिए कन्वर्जन फीस में 100 प्रतिशत छूट

श्रीमती राजे ने कृषि प्रसंस्करण एवं विपणन की ऐसी इकाइयों के लिए कन्वर्जन फीस में शत-प्रतिशत छूट की घोषणा की, जिनके प्रोजेक्ट राजस्थान कृषि प्रसंस्करण एवं कृषि विपणन प्रोत्साहन नीति-2015 के अंतर्गत 31 मार्च, 2019 से पहले स्वीकृत हो जाएंगे।

मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने के लिए घोषणा

मुख्यमंत्री ने आयुर्वेदिक पंचकर्म, योग तथा प्राकृतिक चिकित्सा जैसी सुविधा उपलब्ध कराने वाले हैल्थ केयर सेंटरों तथा मधुमक्खी पालन के लिए भी रिप्स के तहत लाभ देने की घोषणा की। उन्होंने किसानों और उद्यमियों का आह्वान किया कि वे इन प्रावधानों का लाभ उठाएं, जिससे कृषि और आयुर्वेद के क्षेत्र में निवेश और रोजगार के अवसर बढं़े।

श्रीमती राजे ने कहा कि राज्य में कृषि विपणन व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए आदर्श कृषि उपज मण्डी अधिनियम 2003 से भी आगे बढ़कर सुधार किए गए हैं। इनमें सीधी खरीद के लिए अनुज्ञापत्र, विशेष अनुज्ञापत्र, निजी मण्डी परिसर, अनुबंधित खेती आदि शामिल हैं। कृषि-प्रसंस्करण एवं कृषि-विपणन नीति-2015 से कृषि उत्पादों में वेल्यू एडीशन के साथ-साथ फसल कटाई के बाद प्रबन्धन और कृषि विपणन में नई तकनीकों को बढ़ावा मिल रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेशकों की सहूलियत के लिए राजस्थान कृषि प्रसंस्करण एवं कृषि विपणन प्रोत्साहन नीति-2015 और राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2014 लागू की गई हैं। उन्होंने कहा कि अनुबंधित खेती, ई-कॉमर्स, बिना बिचौलिए के सीधी खरीद तथा मण्डी शुल्क आदि क्षेत्रों में भी कृषि विपणन सुधार लागू किए गए हैं।

जयपुर, 9 नवम्बर 2016