फिक्की की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक

जयपुर, 4 फरवरी। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य, शिक्षा, स्किल डवलपमेंट जैसे क्षेत्रों में विकास के लिए रोड मैप तैयार कर प्रदेश के समेकित विकास की दिशा में आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि सरकार आधारभूत ढांचे को सुदृढ़ बनाना चाहती है, उद्योग जगत से जुड़े लोग आगे आकर इसमें भागीदारी निभायें ताकि विकास को और गति दी जा सके।

श्रीमती राजे बुधवार को जयपुर में आयोजित फिक्की की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि हमारा ध्यान पर्यटन के साथ सामाजिक सुरक्षा से जुड़े क्षेत्रों प्रमुखतः स्वास्थ्य एवं शिक्षा के समुचित विकास पर है और इसमें पीपीपी मोड पर कार्य करने की विपुल संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि ‘राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना’ एवं ‘सौर ऊर्जा नीति’ के बाद अब राज्य सरकार शीघ्र ही नई ट्यूरिज्म पाॅलिसी, मिनरल्स एण्ड माइन्स पाॅलिसी, आईटीईएस पाॅलिसी लाकर राज्य में निवेश के लिए अनुकूल माहौल तैयार कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद गवर्नेंस में रचनात्मक परिवर्तन आये हैं। प्रदेश भी परिवर्तन की इस राह पर आगे बढ़ रहा है, इसमें सरकार का साथ देते हुए सिविल सोसायटी, एनजीओ एवं व्यवसाय जगत से जुड़े लोगों को आगे आकर ऐसे कार्यक्रम तैयार करने होंगे, जिसमें सभी की सहमति हो और जनता का अधिक से अधिक भला हो सके।

श्रीमती राजे ने कहा कि काॅरपोरेट जगत को अपने सामाजिक उत्तरदायित्वों का निर्वहन करने के लिए आगे आना होगा। सीएसआर गतिविधियों में उन्हें और अधिक योगदान देते हुए मिड-डे-मील एवं पेयजल जैसी परियोजनाओं में भागीदारी निभानी चाहिए।

श्रीमती राजे ने कहा कि विकास की धारा का लाभ नीचे तक कितना पहुंचा है यह जानने के लिए हमने ‘सरकार आपके द्वार’ कार्यक्रम के माध्यम से सुदूर गांवों में बैठे लोगों तक पहुंच कर उनकी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया। हमने पाया कि विकास की दृष्टि से शहरों एवं गांवों में सामंजस्य नहीं है। इस कमी को हमें दूर कर विकास की योजनाओं को अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति तक पहुंचाना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का बजट तैयार करने में सभी वर्गों के प्रतिनिधियों से चर्चा की जा रही है। फिक्की की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक सही समय पर आयोजित हुई है। देश के जाने-माने उद्यमियों के सुझाव भी हमारे लिए सहायक होंगे।

श्रीमती राजे ने कहा कि पंचायत राज संस्थाओं के चुनाव में हमने शैक्षणिक योग्यता की अनिवार्यता लागू की है, जिससे ग्रामीण क्षेत्र में चुने जाने वाले जनप्रतिनिधि अपनी योग्यता के आधार पर जनता के कल्याण के लिए ग्राम पंचायत को मिलने वाली राशि का सदुपयोग कर सकेंगे। इस चुनाव में कई ग्राम पंचायतों में आईआईटी, एमबीए, स्नातक एवं स्नातकोत्तर की योग्यताधारी पंच-सरपंच निर्वाचित हुए हैं। प्रदेश के विकास को इन जनप्रतिनिधियों के विजन का लाभ मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए राज्य में भामाशाह योजना शुरू की गई है, जिसमें महिला को परिवार की मुखिया मानकर उसके नाम से कार्ड जारी किया जा रहा है। सभी योजनाओं की राशि अब सीधे उनके खाते में जमा होगी। उन्होंने कहा कि राज्य में स्वच्छता अभियान पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। पंचायती राज संस्थाओं में चुनाव लड़ने वालों के लिए उनके घर में शौचालय का निर्माण आवश्यक करते हुए इस सम्बन्ध में उनसे शपथ पत्र लेने का प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री ने बैठक में उद्यमियों के सुझावों पर विचार-विमर्श करते हुए उनका आह्वान किया कि वे पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य के ऐतिहासिक स्मारकों को गोद लें। उन्होंने कहा कि फिक्की लेडि़ज आॅर्गेनाइजेशन महिला उद्यमिता को प्रोत्साहित देने की दिशा में सहयोगी की भूमिका निभा सकता है। फिक्की की कार्यकारिणी के पदाधिकारियों ने महत्वपूर्ण सुझाव दिये।

फिक्की की अध्यक्ष डाॅ. ज्योत्सना सूरी ने मुख्यमंत्री एवं अन्य प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि उद्योग जगत प्रदेश के समुचित विकास के लिए भागीदारी निभाने को उत्सुक है, क्योंकि मुख्यमंत्री के विकास से जुड़े विजन से प्रदेश में निवेश के लिए अनुकूल माहौल बना है। बैठक में फिक्की की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के पदाधिकारी, सदस्य, राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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