स्वामी दयानन्द के सिद्धान्त आज भी प्रासंगिक

आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानन्द भारतीय दर्शन के प्रणेता थे। वे सामाजिक पुनर्गठन के लिए जाति प्रथा के प्रबल विरोधी और स्त्रियों की समाज में महत्वपूर्ण भूमिका और भागीदारी के समर्थक थे। उनके विचार और सिद्धांत आज भी प्रासंगिक हैं।

उन्होंने वेद, पुराणों और अन्य भारतीय ग्रंथों के गहन अध्ययन के बाद अनेक पुस्तके लिखीं। बहुत कम लोग जानते हैं कि देश में आजादी के लिए संघर्ष की नींव उन्होंने ही रखी थी। प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी पट्टाभि सीतारमैया का विचार था कि गांधी जी राष्ट्रपिता हैं, पर स्वामी दयानन्द राष्ट्र पितामह के समान हैं।

जयपुर, 12 फरवरी 2015