प्रदेश में हो प्रो-एक्टिव पुलिसिंग

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि प्रदेश में शांति और सद्भाव के लिए जिला प्रशासन एवं पुलिस अधिकारी बेहतर तालमेल और समन्वय के साथ कार्य करें ताकि आमजन सुरक्षित महसूस करे। उन्होंने कहा कि प्रभावी कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए अधिकारी समाज के सभी वर्गों के साथ समय-समय पर बैठक करें और नियमित रूप से क्षेत्र का दौरा करें। उन्होंने राज्य में प्रो-एक्टिव पुलिसिंग की आवश्यकता पर बल दिया।

श्रीमती राजे गुरुवार को जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक काॅन्फ्रेंस के दूसरे दिन अधिकारियों के संयुक्त सत्र को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश को निवेश के रोल माॅडल के रूप में स्थापित करने के प्रयास कर रही है। इसके लिए बेहतर कानून व्यवस्था सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने आगामी रिसर्जेंट राजस्थान पार्टनरशिप समिट का जिक्र करते हुए कानून व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टर व पुलिस अधिकारियों को क्षेत्र में संयुक्त दौरे एवं आमजन के साथ बैठक कर छोटे-मोटे विवादों को स्थानीय स्तर पर निपटाने के प्रयास करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अधिकारी अपने क्षेत्र में रात्रि विश्राम अवश्य करें। उन्होंने निर्देश दिए कि जनसुनवाई के नियमित समय के बाद भी कोई फरियादी आए तो भी उसकी समस्या सुनकर उसका उचित समाधान किया जाए।

श्रीमती राजे ने सभी जिलों में आपदा प्रबंधन योजना बनाकर उसे लागू करने के लिए जरूरी प्रावधान सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन एवं पुलिस समय-समय पर आपदा प्रबंधन के लिए “माॅक ड्रिल” आयोजित करें ताकि आपदा से निपटने के लिए रेस्पोंस टाइम का अनुमान लगाया जा सके। उन्होंने कहा कि आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए भी पुलिस अधिकारियों को अधिक सतर्क एवं जबावदेह होना होगा।

श्रीमती राजे ने विभिन्न जिलों में अपराध की दृष्टि से संदिग्ध स्थानों की पहचान करने, विशेषकर राजमार्गों पर स्थित ढाबों, होटलों एवं अन्य व्यवसायिक गतिविधियों पर विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए ताकि अपराधों पर अंकुश लगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि अवैध शराब, मादक पदार्थों एवं अवैध हथियारों की तस्करी रोकने के लिए पुलिस प्रभावी कार्रवाई करें। जिन जिलों की सीमा पड़ोसी राज्यों से लगती है, वहां के पुलिस अधीक्षक सीमावर्ती जिले के पुलिस अधीक्षक से निरंतर सम्पर्क बनाये रखें। उन्होंने धार्मिक स्थलों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया।

श्रीमती राजे ने सभी प्रकार की माफिया गैंग एवं हार्डकोर अपराधियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई कर गैर कानूनी एवं अवांछनीय गतिविधियों पर अंकुश लगाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि नशा प्रभावित क्षेत्रों का सर्वे कर लोगों को नशे से मुक्त करवाने में पुलिस मदद करें।

बैठक में अजमेर, जयपुर, भरतपुर, बीकानेर, जोधपुर, कोटा एवं उदयपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक एवं जयपुर व जोधपुर के पुलिस कमिश्नर ने अपने-अपने क्षेत्र की कानून व्यवस्था एवं अपराध नियंत्रण के लिए किए जा रहे प्रयासों पर प्रस्तुतीकरण दिया।

सत्र के दौरान प्रमुख शासन सचिव खान विभाग ने प्रदेश में खनन गतिविधियों के संदर्भ में कानून व्यवस्था की स्थिति पर प्रस्तुतीकरण दिया। जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षकों ने जिलों में कानून व्यवस्था से सम्बन्धित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कर सुझाव दिए। इस अवसर पर गृह मंत्री श्री गुलाब चंद कटारिया सहित राज्य मंत्रिपरिषद् के सदस्य, मुख्य सचिव श्री सीएस राजन, पुलिस महानिदेशक श्री मनोज भट्ट सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, सभी रेंज आईजी, पुलिस कमिश्नर भी उपस्थित थे।

जयपुर, 23 जुलाई 2015

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