
नाम: श्रीमती वंसुधरा राजे
पिता का नाम: स्वर्गीय श्री जीवाजीराव सिंधिया
माता का नाम: विजया राजे सिंधिया, राजमाता
जन्मतिथि: 8 मार्च, 1953
जन्मस्थान: मुम्बई ( महाराष्ट्र )
शैक्षिक योग्यता: बी. ए. (ऑनर्स) (अर्थशास्त्र और राजनीति विज्ञान) सोफिया कॉलेज, मुंबई विश्वविद्यालय, मुम्बई (महाराष्ट्र) में शिक्षित।
पेशा: राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ता
निर्वाचन क्षेत्र: झालरापतन (झालावाड़)
दल: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा).
श्रीमती वसुंधरा राजे का जन्म 8 मार्च, 1953 को मुंबई में हुआ था। वह ग्वालियर के तत्कालीन शासक जीवाजी राव सिंधिया और उनकी पत्नी राजमाता विजया राजे सिंधिया की चौथी संतान थी। उन्होने अपनी स्कूली शिक्षा, प्रेजेन्टेशन कॉन्वेंट, कोडईकनाल से पूरी की। उसके बाद, उन्होने आर्थिक और राजनीतिक विज्ञान ( ऑनर्स ) विषय से सोफिया कॉलेज, मुंबई विश्वविद्यालय, मुंबई ( महाराष्ट्र ) से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। श्रीमती राजे, राजस्थान के सम्पर्क में अपनी शादी के बाद आई। उनका विवाह धौलपुर के तत्कालीन महाराजा हेमंत सिंह के साथ 17 नवंबर, 1972 को हुआ था। इस परिणय सूत्र में बंधने के बाद, श्रीमती राजे के राजस्थान के साथ सम्बंध और भी प्रगाढ़ हो गए। वसुंधरा राजे को बचपन से ही सामाजिक और राजनीतिक हितों में बेहद रूझान था, क्योकि उनकी माता विजया राजे सिंधिया सदैव
इन कामों में अग्रसर थी। वसुंधरा राजे, काफी कम उम्र से ही सामाजिक हितों और समाज सुधार क्षेत्र में काम कर रही हैं।
श्रीमती वसुंधरा राजे के शौक, पढ़ना, संगीत सुनना, घुडसवारी और बागवानी हैं। वह अभी तक सामाजिक कारणों के लिए कई देशों जैसे – इंग्लैंड, जापान, चीन, नेपाल, बांग्लादेश, इजिप्ट, मोरक्को, श्री लंका, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया आदि का दौरा कर चुकी है।
श्रीमती वंसुधरा राजे को सर्वसम्मति से 6 दिसंबर, 2003 को भारतीय जनता पार्टी के राज्य ईकाई के नेता के रूप में निर्वाचित किया गया था। उन्होने 8 दिसंबर, 2003 को राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की थी। राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत रहते हुए, उन्होने राज्य में कई अद्भूत कार्य किए।
2007 में उन्हे संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा ” वूमन टूगेदर अवॉर्ड ” से सम्मानित किया गया था, जो उन्हे महिलाओं में आत्म सशक्तिकरण लाने के प्रयासों के लि
