नई बुलंदियों को छूने में, वक्त तो लगता है
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने सोमवार को राज्य विधानसभा में अपने बजट भाषण के दौरान शेर-ओ-शायरी के जरिए भी प्रदेश की स्थिति पर प्रकाश डाला। श्रीमती राजे ने प्रतिपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा कि –
तुम चाहते तो, हालात बदल भी सकते थे,
ये हालात अवाम की आंखों से देख भी सकते थे।
मगर तुम तो ठहरे ही रहे, झील के पानी की तरह,
दरिया बनते तो, बहुत दूर निकल भी सकते थे।
इसी प्रकार मुख्यमंत्री ने पूर्ववर्ती सरकार के वित्तीय कुप्रबन्धन के कारण प्रदेश के हालातों की चर्चा करते हुए कहा कि –
नई बुलंदियों को छूने में, वक्त तो लगता है,
नई इमारत को बनने में, वक्त तो लगता है।
कुछ किया है हमने, बहुत कुछ करेंगे अब हम,
पर सबके सपनों को सच करने में, वक्त तो लगता है।
जयपुर, 09 मार्च 2015