खेलों को बढ़ावा देने के लिए व्यापक कार्य योजना तैयार की जाए

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में खेलों के विकास एवं प्रतिभाएं तराशने के लिए तीन साल का एक महत्त्वाकांक्षी कार्यक्रम तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि इसकेे लिए शिक्षा विभाग, टी.ए.डी. एवं डांग क्षेत्र विकास योजना के साथ समन्वय स्थापित किया जाए।

श्रीमती राजे बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में युवा मामले एवं खेल विभाग की प्रगति की समीक्षा कर रही थीं। उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत खेल मैदानों का विकास किया जाए तथा ग्राम पंचायतों में सांसद, विधायक कोष से खेल उपकरण उपलब्ध कराए जाएं ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों को बढ़ावा मिले सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूल स्तर पर खेलों को बढ़ावा देने के लिए सभी स्कूलों में कम्प्यूटर के साथ-साथ विभिन्न खेल गतिविधियां संचालित की जाएं। शिक्षा विभाग में कार्यरत पीटीआई एवं खेल विभाग के प्रशिक्षकों द्वारा स्कूली बच्चों को विभिन्न खेलों की कोचिंग दी जाए। उन्होंने कहा कि फुटबाॅल, बास्केटबाॅल, हाॅकी, निशानेबाजी, कबड्डी एवं खो-खो जैसे खेलों पर विशेष ध्यान देते हुए व्यापक कार्य योजना तैयार की जाए।

श्रीमती राजे ने जयपुर स्थित यूथ हाॅस्टल की रिमाॅडलिंग करने के निर्देश देते हुए कहा कि यहां बहुमंजिला युवा एवं खेल भवन बनाया जाए ताकि खिलाडि़यों एवं प्रशिक्षकों को सुविधा मिल सके।

बैठक में युवा खेल एवं युवा मामलात विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री जे. सी. महान्ति ने विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों, मुख्यमंत्री की बजट घोषणाओं एवं मुख्यमंत्री खेल प्रतिभा खोज कार्यक्रम के तहत उठाए गए कदमों के बारे मंे प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर खेलने वाले खिलाडि़यों के दैनिक भत्तों में बढ़ोतरी की गई है। जनजाति क्षेत्र के सभी 6 जिलों की 25 पंचायत समितियों की 977 ग्राम पंचायतों में ग्रामीण युवा केन्द्र शुरू किए गए हैं, जिनसे ग्रामीण युवाओं को जोड़ा जा रहा है।

बैठक में खेल एवं युवा मामलात मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर, आयोजना सचिव श्री अखिल अरोड़ा एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

जयपुर, 24 फरवरी 2016