स्वास्थ्य और शिक्षा से ही पूरा विकास संभव, मूकबधिरों के लिए होगी विश्वविद्यालय की स्थापना

एसएमएस में कॉकलियर इम्प्लांट जांच शिविर

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि जो परिवार और प्रदेश स्वास्थ्य और शिक्षा पर ध्यान देता है वही अपना सम्पूर्ण विकास कर सकता है। इसी सोच पर काम करते हुए राज्य सरकार मूकबधिरों के लिए विश्वविद्यालय की स्थापना पर विचार कर रही है। उन्होंने चिकित्सा शिक्षा विभाग को इस संबंध में प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश भी दिए।

श्रीमती राजे बुधवार को सवाई मानसिंह अस्पताल के सुश्रुत सभागार में मूकबधिर बच्चों के लिए लगाए गए कॉकलियर इम्प्लांट जांच शिविर में लाभांवित एवं उनके परिजनों को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में 25 करोड़ रुपये की सरकारी सहायता से 489 बच्चों का कॉकलियर इम्प्लांट किया जा चुका है, जिसके बाद इन बच्चों और इनके परिवारों की जिंदगी बदल गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश का एक-एक बच्चा हमारे लिए अनमोल है, जो भविष्य में प्रदेश के विकास में भागीदारी बनेगा। उन्होंने कहा कि जयपुर, जोधपुर, उदयपुर और बीकानेर के बाद अब कोटा, बीकानेर और अन्य शहरों में भी कॉकलियर इम्प्लांट की सुविधा शुरू की जाएगी ताकि अधिक से अधिक मूक बधिर बच्चे सामान्य जीवन जी सके और अपने तथा अपने परिवार के सपनों को पूरा कर सके।

श्रीमती राजे ने कहा कि कॉकलियर इम्प्लांट के ऑपरेशन के लिए प्राइवेट अस्पतालों में 8 से 9 लाख रुपये तक का खर्च आता था जो हर परिवार के लिए संभव नहीं हो पाता था। बच्चों के भविष्य से जुड़ी हुई समस्या होने के कारण हमने कॉकलयर इम्प्लांट के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष से सहायता दिये जाने का निर्णय लिया।

मुख्यमंत्री ने इस दौरान कॉकलियर इम्प्लांट के लाभान्वित बच्चों से भी मुलाकात की और उनकी विभिन्न प्रस्तुतियां देखकर सराहना की। उन्होंने इन बच्चों को पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया। इस अवसर पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री कालीचरण सराफ, चिकित्सा शिक्षा सचिव श्री आनन्द कुमार, सवाई मानसिंह अस्पताल के अधीक्षक डॉ. डीएस मीणा, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. यूएस अग्रवाल, कॉकलियर इम्प्लांट के लाभांवित बच्चे तथा उनके परिजनों सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे।

राव शेखाजी की विरासत से नयी पीढ़ी को रूबरू कराएंगे – मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि राजस्थान का गौरवशाली इतिहास ही हमारी पहचान है और हमें इसका भविष्य भी गौरवशाली बनाना है। उन्होंने कहा कि हमारे महापुरुषों और संत-महात्माओं की विरासत को अगर हम आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित करेंगे तो हमारे प्रदेश का भविष्य भी वैभवशाली होगा।

श्रीमती राजे महाराव शेखाजी संस्थान की ओर से होटल राजपूताना शेरेटन में आयोजित सम्मान समारोह के दौरान अमरसर में राव शेखाजी पैनोरमा तथा रालावता में मिलिट्री ट्रेनिंग स्कूल की घोषणा के लिए आभार व्यक्त करने आए शेखावाटी क्षेत्र के लोगों को सम्बोधित कर रही थीं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राव शेखा एक कुशल और धर्मनिरपेक्ष शासक थे। उन्होंने नारी सम्मान को हमेशा सर्वाच्च महत्व दिया और सामाजिक समरसता की मिसाल पेश की। शेखाजी के जीवन को दर्शाने वाला यह पैनोरमा आने वाली पीढ़ी को उनकी विरासत से रूबरू करवाएगा।

विधानसभा उपाध्यक्ष श्री राव राजेन्द्र सिंह ने मुख्यमंत्री को क्षत्रिय राजवंश पुस्तक भेंट की। शेखावाटी के विभिन्न क्षेत्रों से आए लोगों ने मुख्यमंत्री का चुनरी ओढ़ाकर स्वागत किया।

इस अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़, उद्योग मंत्री श्री राजपाल सिंह शेखावत, वन एवं पर्यावरण मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर, राजस्थान राज्य धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री ओंकार सिंह लखावत, विधायक प्रेम सिंह बाजोर तथा अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे।

जयपुर, 4 अप्रैल 2018