मुख्यमंत्री का नीति आयोग की बैठक में सुझाव; केन्द्र प्रवर्तित कोर स्कीमों में राज्य की भागीदारी 75:25 हो

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने सुझाव दिया है कि केन्द्र प्रवर्तित कोर स्कीमों के लिए फंडि़ग में केन्द्र एवं राज्यों की भागीदारी 60:40 प्रतिशत के बजाय 75:25 प्रतिशत अनुपात में रखी जानी चाहिए। साथ ही ऐच्छिक योजनाओं के लिए भागीदारी 50:50 प्रतिशत की जगह 60:40 प्रतिशत होना चाहिए।

श्रीमती राजे शनिवार को नई दिल्ली के नीति भवन में केंद्र प्रवर्तित योजनाओं को तर्कसंगत बनाने, अनुशंषाएं प्रदान करने के लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चैहान के संयोजन में गठित मुख्यमंत्री के उपसमूह की बैठक में बोल रही थी।

मुख्यमंत्री ने केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं को अधिक लचीला बनाने का सुझाव देते हुए कहा कि महात्मा गांधी नरेगा जैसी रोजगारपरक योजनाओं पर काफी सीमाएं लगी हुई है, जिससे राज्यों कोे इनके सुचारू क्रियान्वयन में काफी दिक्कतें होती है। अतः केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं को हकदारी आधारित अधिनियमों के तहत् बंधित नहीं किया जाकर व्यावहारिक बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के लिए अगली किश्त प्रदान करने का आधार अंतिम किश्त होनी चाहिए। इससे राज्यों को इन योजनाओं के क्रियान्वयन में सहुलियत होगी

श्रीमती राजे ने उपसमूह का ध्यान राज्यों की प्रतिबद्ध देनदारियों की तरफ आकर्षित करते हुए इसके लिए विशेष प्रावधान रखने का सुझाव दिया। उन्होंने बताया कि चूंकि पूर्व से संचालित योजनाओं का कार्य अभी अपनी प्रगति पर है, लेकिन योजनाओं के पुनर्निर्धारण के कारण राज्यों की योजनाओं से संबंधित देनदारियां लगातार बढ़ रही है। ऐसे में पूर्व से चल रही अधूरी योजनाओं के लिए फंड प्रदान करने का आधार उनकी मूल तारीख को ही माना जावे अथवा वर्ष 2017 तक उक्त अधूरी योजनाओं के लिए मूल स्वरूप के तहत् धन मुहैया करवाया जावे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में भौगोलिक आधार पर काफी विविधताएं है। अतः राजस्थान जैसे विशिष्ट परिस्थितियों वाले राज्यों में योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए विशेष रियायत एवं स्वतंत्राता प्रदान की जानी चाहिए। साथ ही नई योजनाओं और विशेष पैकेज आदि के लिए पृथक वित्तीय प्रावधान रखे जाने चाहिएं।

बैठक में झारखण्ड, केरल, उत्तर प्रदेश, नागालैण्ड, मणिपुर, अरूणाचल प्रदेश आदि राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ ही जम्मू कश्मीर के वित्तमंत्री आदि ने भी अपने-अपने सुझाव दिए। बैठक में उपसमूह की अब तक हुई बैठकों में किए गये विचार-विमर्श एवं सुझावों के आधार पर प्रधानमंत्री को दी जाने वाली 16 अनुशंषाओं का मसौदा प्रस्तुत किया गया।

नीति आयोग की मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमती सिंधुश्री खुल्लर ने बैठक में बताया कि उपसमूह द्वारा तैयार किए गये मसौदे में आज की बैठक में आये सुझावों को शामिल कर इसे 05 जुलाई तक अंतिम रूप दे दिया जायेगा। उपसमूह के सभी सदस्य मुख्यमंत्रियों की सहमति के बाद इसे प्रधानमंत्री को सौंप दिया जायेगा। बैठक में राजस्थान के मुख्य सचिव श्री सी.एस.राजन और आयोजना सचिव श्री अखिल अरोड़ा भी मौजूद थे।

जयपुर/नई दिल्ली, 27 जून 2015