विकास की गतिविधियां अब गांवों पर केन्द्रित होंगी

नाबार्ड के स्टेट फोकस पेपर का लोकार्पण

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि राज्य सरकार विकास की गतिविधियों को गांवों पर केन्द्रित कर रही है, जिससे कि वहां के लोगों को इसका लाभ मिल सके। गांवों को जल आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से ही राज्य में मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान चलाया जा रहा है।

श्रीमती राजे सोमवार को शासन सचिवालय स्थित कान्फ्रेंस हाॅल में नाबार्ड द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय क्रेडिट सेमिनार में स्टेट फोकस पेपर 2016-17 को लोकार्पण करने के बाद विचार प्रकट कर रही थीं। उन्होंने कहा कि नाबार्ड जल स्वावलम्बन अभियान के तहत बनाये जा रहे तालाबों, टांकों आदि के निर्माण एवं जीर्णोद्धार कार्यों के साथ-साथ कौशल विकास कार्यक्रम में भी सहयोग करें।

मुख्यमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में और अधिक बैंक शाखाएं बढ़ाने तथा माइक्रो एटीएम स्थापित करने का सुझाव दिया। उन्होंने ई-मित्र केन्द्रों को बिजनेस कोरेस्पोन्डेंट के रूप में संचालित करने को अच्छा कदम बताया।

श्रीमती राजे ने कहा कि राज्य सरकार ने भी भामाशाह योजना जैसी वित्तीय समावेशन योजना लागू की है, जिससे ग्रामीण जनता को दीर्घकालिक लाभ मिलेंगे। उन्होंने बैंकों से ग्रामीण क्षेत्रों में एग्रोफूड प्रोसेसिंग, इन्फ्रास्ट्रक्चर, लोजेस्टिक आदि सेक्टर पर स्टेट फोकस करने का आग्रह किया। उन्होंने नाबार्ड सहित अन्य बैंकों से राज्य सरकार द्वारा नवम्बर, 2016 में प्रस्तावित ग्लोबल एग्रोटेक मेले में भागीदार बनने का आह्वान किया।

सेमिनार में सहकारिता मंत्री श्री अजय सिंह किलक ने नाबार्ड से सहकार किसान कल्याण योजना में ब्याज दर को 11 प्रतिशत से कुछ कम करने की मांग की। उन्होंने बताया कि इस योजना में 20 लाख से अधिक किसान पंजीकृत हैं तथा सरकार ने उनके लिये दुर्घटना में मृत्यु पर लाभ बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दिया है। उन्होंने नाबार्ड को राज्य सरकार के सहयोग के लिये धन्यवाद दिया।

नाबार्ड की मुख्य महाप्रबन्धक श्रीमती सरिता अरोड़ा ने कहा कि बैंक के स्टेट फोकस पेपर में वर्ष 2016-17 के लिए प्राथमिक क्षेत्र के लिए 1 लाख 51 हजार 82 करोड़ रुपये का ऋण प्रोजेक्ट किया गया है जिसमें सबसे बड़ा हिस्सा 1 लाख 10 हजार 475 करोड़ रुपये (73 प्रतिशत) कृषि ऋण का है।

सेमिनार का केन्द्र बिन्दु कृषि एवं सहबद्ध क्षेत्र में पूंजी निर्माण की गति को बढ़ावा देना है, जिसके निवेश में पिछले कुछ वर्षों से ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई है। फोकस पेपर में सौर ऊर्जा आधारित प्रौद्योगिकी, संरक्षित कृषि एवं जल संचयी तकनीकों पर जोर दिया गया है। नाबार्ड ने भूमिहीन किसानों सहित प्रत्येक किसान के लिए किसान क्रेडिट कार्ड, संयुक्त देयता समूहों एवं किसान उत्पादक संगठनों के एकीकृत प्रयासों को प्रोत्साहित करने की परिकल्पना को व्यक्त किया है। इसके लिए कृषि एवं सहबद्ध क्षेत्र में 24 हजार 882 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है।

श्रीमती अरोड़ा ने बताया कि फोकस पेपर में एमएसएमई क्षेत्र में 24 हजार 456 करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है। साथ ही, नवीकरणीय ऊर्जा, निर्यात ऋण एवं सामाजिक अवसरंचना के उभरते क्षेत्रों को भी पहली बार योजना में शामिल किया गया है।

इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री ए. मुखोपाध्याय, संबंधित विभागों के प्रमुख शासन सचिव, शासन सचिव, नाबार्ड, रिजर्व बैंक तथा अन्य बैंकों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

जयपुर, 22 फरवरी 2016

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