समय पर हो हथियारों की आपूर्ति और संवेदनशील क्षेत्रों में शुरू हो ’स्पेशल पुलिस आॅफिसर्स‘ योजना

मुख्यमंत्री की केन्द्रीय गृह मंत्री से मुलाकात

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने रविवार को नई दिल्ली में केन्द्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह से उनके आवास पर मुलाकात कर पुलिस बल के आधुनिकीकरण एवं सुदृढ़ीकरण के लिए और अधिक केन्द्रीय मदद का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की तर्ज पर सीमावर्ती संवेदनशील इलाकों में ’स्पेशल पुलिस आॅफिसर्स‘ योजना तथा सीमावर्ती इलाकों में ’बाॅर्डर इन्टेलीजेंस आॅपरेशन‘ को मबजूत करने के लिए केन्द्रीय मदद से नई योजना शुरू की जाए। उन्होंने हथियारों की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करवाने का आग्रह भी किया।

श्रीमती राजे ने कहा कि योजना के तहत प्रत्येक इन्टेलीजेंस वाॅलेंटियर पर 3 हजार रूपये प्रतिमाह का खर्च आयेगा जो केन्द्रीय सहयोग से ही सम्भव है। इन वाॅलेंटियर्स से सीमावर्ती क्षेत्रों में सूचनाओं के एकत्रीकरण में मदद मिलेगी तथा राज्य पुलिस को भी इससे प्रोत्साहन मिलेगा। मुख्यमंत्री ने पुलिस आधुनिकीकरण योजना के तहत योजनागत फंड को पुनः चालू करने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015-16 से इसके बंद होने से राजस्थान के केन्द्रीय कोष में करीब 40 करोड़ रूपए की कमी हुई है। इससे पुलिस इमारतों के उन्नयन में भी देरी हो रही है। उन्होंने गृह मंत्री से इस योजना के वित्त पोषण हिस्से को वर्ष 2016-17 से पुनः शुरू करने का आग्रह किया।

अग्रिम भुगतान के बावजूद आयुद्ध फैक्ट्री बोर्ड से राज्य पुलिस के लिए मंगवाये जाने वाले हथियारों की आपूर्ति में देरी की तरफ ध्यान आकर्षित करते हुए श्रीमती राजे ने कहा कि केन्द्र स्तर पर बोर्ड को आवश्यक निर्देश जारी किए जाएं ताकि हथियारों की समय पर आपूर्ति हो सके।

आरएसी बटालियन की बकाया राशि शीघ्र मिले

श्रीमती राजे ने राज्य सरकार की तीन आरएसी बटालियन की दिल्ली पुलिस एवं गृह मंत्रालय पर 230 करोड़ रूपए की बकाया राशि का जल्द भुगतान करवाने का आग्रह भी किया। उन्होंने कहा कि इन बटालियन को दिल्ली पुलिस एवं गृह मंत्रालय द्वारा कानून व्यवस्था के लिए सेवा पर रखा जा रहा है, लेकिन वर्ष 2013-14 से 2015-16 तक का भुगतान नहीं किया गया है।

पुलिस आधुनिकीकरण के लिए मिले सहायता

श्रीमती राजे ने सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने एवं पुलिस आधुनिकीकरण के लिए केन्द्रीय सहायता की मांग की। उन्होंने कहा कि राज्यसभा की गृह मामलों से संबंधित समिति के समक्ष भी यह मांग रखी है। मुख्यमंत्री ने सीमावर्ती जिलों बाड़मेर, जैसलमेर और श्रीगंगानगर में ’इंटीग्रेटेड कमांड एडं कंट्रोल सेंटर‘ स्थापित करने के लिए 75 करोड़ रूपये की आवश्यकता बताई। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने अपने वित्तीय स्रोतों से सात संभागीय मुख्यालयों पर ऐसे सेंटरों की स्थापना की है। श्रीमती राजे ने सीमावर्ती क्षेत्रों में पाकिस्तान से आने वाले प्रवासियों के लिए नागरिकता संबंधी नोटिफिकेशन अद्यतन करने, नागरिकता शुल्क रिवाइज करने तथा वीजा से संबंधित दिशा निर्देशों और अन्य मुद्दों पर जल्द कदम उठाने का आग्रह भी किया।

अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाएंगे काउंटर टेरेरिज्म संस्थान

श्रीमती राजे ने केन्द्रीय गृह मंत्री से जोधपुर में ’सरदार पटेल सुरक्षा, काउंटर टेरेरिज्म‘ और ’एंटी इन्सरजेंसी‘ संस्थान खोलने एवं उसके संचालन के लिए 75 करोड़ रूपए की मांग रखी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस संस्थान का निर्माण अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के पैमानों पर करना चाहती है। उन्होंने प्रतापगढ़ जिले में ’महाराणा प्रताप इंडियन रिजर्व बटालियन’ स्थापित करने के प्रस्ताव पर जल्द स्वीकृति देने को भी कहा। उन्होंने बताया कि जयपुर में रेपिड एक्शन फोर्स की एक नई बटालियन स्थापित करने लिए राज्य सरकार ने जमीन आवंटन की स्वीकृति दे दी है। इसकी स्थापना से न केवल राजस्थान बल्कि आस-पास के राज्यों में आपातकालीन जरूरतों से निपटने में आसानी होगी।

प्रभावी आपदा प्रबंधन के लिए एक साथ मिले राशि

मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन के लिए एसडीआरएफ के तहत वर्ष 2016-17 के लिए आवंटित 1158 करोड़ रूपये में से 434.25 करोड़ रूपए की प्रथम किस्त जल्द जारी करने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि केन्द्र को सौंपे गये मेमोरेण्डम के आधार पर उच्च स्तरीय कमेटी ने राजस्थान के लिए 1193.41 करोड़ रूपए की स्वीकृति प्रदान की थी। एसडीआरएफ के मानदंडों के अनुसार यह पूरी राशि राज्य हित में एक साथ बिना समायोजन के उपलब्ध करवाई जाए। केन्द्रीय गृह मंत्री ने पुलिस आधुनिकीकरण एवं सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के लिए प्रस्तावित योजनाओं के कार्यान्वयन एवं संस्थानों की स्थापना के लिए आवश्यक कदम उठाने का आश्वासन दिया है।

नई दिल्ली/जयपुर,10 अप्रेल 2016