बीपीएल महिलाओं को एएनसी के समय 3 तथा प्रसव के बाद 2 लीटर देशी घी

मंत्रिमण्डल की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की अध्यक्षता में मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में हुई कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि बीपीएल कार्डधारी परिवार की महिलाओं को प्रथम संस्थागत प्रसव के बाद दिया जाने वाला 5 लीटर देशी घी अब दो भागों में विभाजित करते हुए प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) के समय तीन लीटर और प्रसव के बाद दो लीटर दिया जाएगा। इसके अलावा बायोमास ऊर्जा नीति-2010 में संशोधन करने एवं एसटीएफ में कार्मिकों को देय विशेष वेतन को दुगुना करने सहित कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

संसदीय कार्य मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने मीडियाकर्मियों को जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रिमण्डल ने प्रसव पूर्व जांच को बढ़ावा देने तथा हाई रिस्क प्रेगनेन्सी वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान कर प्रसव पूर्व जटिलताओं का पता लगाने के उद्देश्य से प्रसव के बाद मिलने वाले पांच लीटर देशी घी में से तीन लीटर प्रसव के चार से छ माह के बीच एएनसी के समय देने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रसव पूर्व जटिलताओं का पता लगने पर गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व टीके, आयरन की गोलियां तथा पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जा सकेगा। शुरूआत में यह योजना टोंक, धौलपूर, चूरू, जैसलमेर, झुंझुनूं, बारां एवं बांसवाड़ा में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चलाई जाएगी।

बायोमास ऊर्जा नीति-2010 में संशोधन

श्री राठौड़ ने बताया कि वर्ष 2010 में प्रदेश में वैकल्पिक ऊर्जा को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से बायोमास ऊर्जा नीति लागू की गई थी लेकिन इस योजना में गत चार वर्षां में मात्र एक प्लांट ही लग सका। इसे देखते हुए कैबिनेट ने बायोमास ऊर्जा नीति-2010 में संशोधन का निर्णय लिया है। नीति के सब-क्लॉज 15.1.2 में संशोधन कर जमीन का निर्धारण पॉवर इवेक्यूएशन प्लान तथा जल आवंटन की स्वीकृति प्रोजक्ट की पंजीयन संख्या जारी होने के चार माह बाद के स्थान पर आठ माह तक जमा की जा सकेगी। सब-क्लॉज 15.2 में संशोधन के तहत राज्य स्तरीय एम्पॉवर्ड कमेटी से स्वीकृति मिलने के बाद बायोमास संयंत्र स्थापित करने के लिए दिए जाने वाले समय को भी बढ़ाकर 24 माह की जगह 36 माह किया गया है। 36 माह के बाद भी प्लांट नहीं लगने पर निवेशक से ली जाने वाली पैनल्टी अब तीन माह के लिए 25 हजार रुपये, 6 माह के लिए 50 हजार, 9 माह के लिए 75 हजार, 15 माह के लिए 1 लाख और 24 माह के लिए 1.25 लाख प्रति मेगावाट ली जाएगी। सब-क्लॉज 17.9.2 में संशोधन कर बायोमास ऊर्जा उत्पादन कर्ता द्वारा पेड़ों को काटना अथवा जड़ सहित उखाड़ने तथा उनकी परिवहन लागत को 40 प्रतिशत के स्थान पर 65 प्रतिशत किया जाएगा।

एसटीएफ के कार्मिकों का विशेष वेतन दोगुना

संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि स्पेशल टास्क फोर्स के कार्मिकों को देय विशेष वेतन को दोगुना करने का निर्णय लिया गया है। एसटीएफ के असिस्टेन्ट कमान्डेन्ट को अब 300 रुपये, कम्पनी कमान्डर को 200 रुपये, प्लाटून कमान्डर को 120 रुपये, हेड कांस्टेबल को 100 रुपये तथा कांस्टेबल को 80 रुपये प्रतिमाह विशेष वेतन देय होगा।

इमरजेन्सी में सरकारी कार्मिक निजी दुकान से खरीद सकेंगे एक हजार रुपये की दवा

उन्होंने बताया कि राजस्थान सिविल सेवा (चिकित्सा परिचर्या) नियम-2013 के नियम 16 के उप नियम (2) में संशोधन किया गया है। जिसके अनुसार इमरजेन्सी में तथा सरकारी दुकान पर दवा न मिलने या दुकान बंद होने पर अब कर्मचारी निजी दुकान से एक हजार रुपये तक की दवा खरीद सकेगा। पहले यह सीमा 500 रुपये थी।

न्याय आपके द्वार तथा जल स्वावलम्बन अभियान की समीक्षा

संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि मंत्रिमण्डल की बैठक में ‘राजस्व लोक अदालत-न्याय आपके द्वार‘ अभियान की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया गया। अभियान के दौरान अब तक 2 लाख 13 हजार प्रकरणों का निस्तारण किया गया है। उन्होंने बताया कि बैठक में ‘मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन‘ अभियान की समीक्षा की गई तथा उम्मीद जताई गई कि अभियान के 30 जून तक निर्धारित सभी कार्य समय पर पूरे कर लिए जाएंगे।

जयपुर, 17 मई 2016