न्याय आपके द्वार अभियान 9 मई से होगा शुरू 14 अप्रेल से 24 अप्रेल तक ’ग्राम उदय से भारत उदय अभियान’
राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक में महत्त्वपूर्ण निर्णय
श्रीमती वसुन्धरा राजे की अध्यक्षता में मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में सम्पन्न हुई राज्य मंत्रिमण्डल बैठक में ’राजस्व लोक अदालत अभियान: न्याय आपके द्वार-2016’ 9 मई से 1 जुलाई तक आयोजित करने, बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर की 125वीं जयन्ती के अवसर पर 14 अप्रेल से 24 अप्रेल तक ’ग्राम उदय से भारत उदय अभियान’ का क्रियान्वयन करने तथा उदय योजना के तहत वित्तिय पुनरसंरचना प्लान को स्वीकृति देने सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये।
संसदीय कार्य मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने संवाददाताओं को मंत्रिमण्डल की बैठक में हुए निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री की बजट घोषणा के अनुसार इस वर्ष राजस्व लोक अदालत अभियान 9 मई से शुरू होकर 1 जुलाई तक चलेगा। इसमें भूमि विभाजन, सीमा एवं रास्ता विवाद, अधिकारों की घोषणा एवं निषेधाज्ञा संबंधी प्रकरण, इंद्राज दुरूस्ती, नामांतरकरण, आरटीए 1955 की धारा 183 ए बी सी के प्रकरण, राजस्व अभिलेखों का शुद्धीकरण, इजराय तथा नवीन राजस्व ग्रामों के प्रस्ताव तैयार करने संबंधी कार्य किए जायेंगे। उन्होंने बताया कि अभियान में रास्ता संबंधी समस्याओं के निवारण को प्राथमिकता दी जायेगी। अभियान के तहत 25, 26 एवं 27 अप्रेल को समस्त उपखण्ड अधिकारी, सहायक कलक्टर एवं अतिरिक्त जिला कलक्टर की एक-एक दिवसीय आमुखीकरण कार्यशाला होगी। इसमें राज्य सरकार की ओर से तैयार कराये जा रहे रेवेन्यू कोर्ट माॅनिटरिंग सिस्टम साॅफ्टवेयर का प्रशिक्षण दिया जायेगा। अभियान में हकत्यागनामों के दस्तावेजों का मौके पर पंजीयन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 के अभियान में 16 हजार शिविर आयोजित कर 21 लाख 43 हजार 54 प्रकरणों का निस्तारण किया गया।
17 से 24 अप्रेल तक जल स्वावलम्बन सप्ताह
संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि 17 से 24 अप्रेल तक जल स्वावलम्बन सप्ताह मनाया जायेगा। इसके तहत प्रभारी मंत्री एवं प्रभारी सचिव मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान में हुए कार्याें का निरीक्षण करेंगे।
उदय योजना के वित्तिय पुनरसंरचना प्लान को स्वीकृति
संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि राज्य के विद्युत वितरण निगमों को घाटे से उबारने तथा उनकी कार्यकुशलता में वृद्धि के लिए उदय योजना के तहत भारत सरकार, राजस्थान सरकार तथा विद्युत वितरण निगमों के मध्य 27 जनवरी, 2016 को एक त्रिपक्षीय समझौता हस्ताक्षरित किया गया। इसके तहत आज हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में इसके वित्तिय पुनरसंरचना प्लान को स्वीकृति दी गई। इस योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा राज्य के तीनों विद्युत वितरण कम्पनियों की 30 सितम्बर, 2015 को बकाया ऋण राशि 80 हजार 530 करोड़ रुपये का 75 प्रतिशत दो वर्ष की अवधि में अधिग्रहण किया जाना है। वर्ष 2015-16 में 50 प्रतिशत तथा वर्ष 2016-17 में 25 प्रतिशत ऋण राशि राज्य सरकार द्वारा अधिग्रहित की जायेगी।
श्री राठौड़ ने बताया कि ऋणों का अधिग्रहण करने से राज्य सरकार पर ब्याज के रूप में 5 हजार करोड़ रुपये वार्षिक आर्थिक भार आयेगा, जबकि डिस्काॅम्स को 7500 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष की ब्याज में बचत होगी।
25 सौर परियोजनाओं को विकास शुल्क से छूट
संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि सौर ऊर्जा नीति 2011 के नियम 13 के अनुसार राज्य की विद्युत वितरण कम्पनियों के अतिरिक्त किसी अन्य को बिजली बेचने पर सौर ऊर्जा संयंत्रों को राजस्थान रिन्यूअल एनर्जी इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट फंड में 10 लाख रुपये प्रति मेगावाट की दर से विकास शुल्क देय है। सौर ऊर्जा नीति-2011 के लागू होने से पूर्व विकास शुल्क की वसूली का प्रावधान नहीं था। अतः सौर ऊर्जा नीति-2011 लागू होने से पूर्व जवाहर लाल नेहरू सोलर मिशन के अन्तर्गत जिन 25 परियोजनाओं का पावर पर्चेज एग्रीमेन्ट हो गया था उन परियोजनाओं को विकास शुल्क से छूट प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। इन परियोजनाओं से 275 मेगावाट पर कुल 27 करोड़ 50 लाख रुपये वसूलने के आॅडिट आक्षेप को भी समाप्त करने का निर्णय लिया गया है।
दो से अधिक संतान पर नहीं होगी अनुशासनात्मक कार्यवाही
श्री राठौड़ ने बताया कि राजस्थान सिविल सेवा (आचरण) नियम-1971 के नियम 25 (सी) में यह प्रावधान किया गया था कि ऐसे कर्मचारी जिनके 1 जून, 2002 या उसके पश्चात 2 से अधिक संतान है उसके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रावधान है। मंत्रिमंडल ने विभिन्न कर्मचारी संगठनों द्वारा दिये गये ज्ञापनों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए निर्णय लिया है कि ऐसे प्रकरणों में अनुशासनात्मक कार्यवाही नहीं की जायेगी। इसके लिए नियम 25 (सी) को विलोपित किया जायेगा।
लोकायुक्त सचिवालय में दूसरे विभाग के कर्मचारी होंगे एब्जाॅर्ब
संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि लोकायुक्त सचिवालय में कर्मचारियों की कमी को दूर करने के लिए राजस्थान लोकायुक्त सचिवालय मंत्रालयिक सेवा (सेवा की शर्ताें) संशोधन नियम-2015 के द्वारा नियम 8 ए जोड़ा गया है। इस नियम के तहत दूसरे विभाग के कर्मचारी को समान पद पर लोकायुक्त सचिवालय में एब्जाॅर्ब (अन्तर्लियन) करने के लिए मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमति प्रदान की गई है।
राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए राजकीय भूमि निःशुल्क दी जायेगी
श्री राठौड़ ने बताया कि राज्य सरकार के 5 फरवरी, 1996 और 23 जून, 2004 को जारी परिपत्रों के अनुसार राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के लिए ली जाने वाली भूमि पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा संबंधित पक्ष को मुआवजा दिये जाने का प्रावधान है। अब राष्ट्रीय राजमार्गाें के लिए सिवायचक सरकारी भूमि निःशुल्क दिए जाने का निर्णय किया गया है। जिस सिवायचक भूमि पर कोई भवन अथवा ढांचा निर्मित होगा उसका मुआवजा नियमानुसार लिया जायेगा। इस संबंध में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण पर 145 करोड़ 89 लाख रुपये की बकाया वसूली के आॅडिट आक्षेपों को समाप्त करने का निर्णय लिया गया।
जयपुर, 12 अप्रेल 2016