सभी के सहयोग से सफल होगा जल स्वावलम्बन अभियान

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा है कि ’मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान’ राज्य सरकार का फ्लैगशिप कार्यक्रम है। इसकी सफलता के लिए अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, सामाजिक-धार्मिक संस्थाओं तथा काॅरपोरेट्स के साथ-साथ आमजन का सहयोग अति आवश्यक है।

श्रीमती राजे शनिवार को होटल शकुन में मीडिया के साथ संवाद कार्यक्रम में बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के मंत्री तथा अधिकारियों के दल जल अभियान में जुड़ गये हैं और विभिन्न सामाजिक-धार्मिक संस्थाएं भी इस अभियान में भागीदार बनने के लिए लगातार सम्पर्क कर रही हैं। उन्होंने मीडिया संस्थानों से भी अभियान का हिस्सा बनकर लोगों में जागृति पैदा करने का कार्य करने की अपील की। कई मीडिया संस्थानों द्वारा जल संरक्षण अभियान चलाने की तारीफ करते हुए उन्होंने संस्थानों से गांवों एवं शहरी क्षेत्रों की बावडियों आदि को गोद लेने का आह्वान किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान पानी की कमी से सर्वाधिक प्रभावित है और जल संरक्षण अभियान इस समस्या के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यदि सब लोग मिलकर इस कार्य में जुटें तो आने वाले समय में राजस्थान की तस्वीर ही बदल सकती है। उन्होंने कहा कि बदलाव के लिए सभी को साथ आना होगा, इसीलिए सरकार ने जल अभियान में भागीदारी के लिए सभी राजनैतिक दलों व संगठनों को आमंत्रित किया है।

श्रीमती राजे ने कहा कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के पहले चरण में 27 जनवरी से 3563 गांवों में वाटरशेड स्ट्रक्चर बनाने के लिए कार्य स्थल पर शिविर शुरू होंगे, जिनमें विभिन्न राजनैतिक पार्टियों के सांसदों, विधायकों सहित सभी जनप्रतिनिधियों को स्थानीय स्तर पर शामिल होने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि अभियान में हर कोई अलग-अलग तरीकों और संसाधनों के जरिए मदद कर सकता है। उन्होंने कहा कि जल अभियान के लिए आर्थिक मदद देने के लिए विशेष बैंक अकाउण्ट तथा क्राउड फंडिंग कलेक्शन की व्यवस्था की गई है।

संवाद कार्यक्रम में जल ग्रहण विकास विभाग के निदेशक श्री अनुराग भारद्वाज ने मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान पर एक प्रस्तुतीकरण दिया। इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री अरुण चतुर्वेदी, परिवहन मंत्री श्री यूनुस खान, राजस्थान रिवर बेसिन अथाॅरिटी के अध्यक्ष श्री श्रीराम वेदिरे, विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी तथा मीडिया संगठनों के संपादक एवं ब्यूरो प्रमुख उपस्थित थे।

जयपुर, 23 जनवरी 2016

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