कंक्रीट से नहीं, हरियाली से बने जयपुर की पहचान

अमानीशाह नाला, रिंग रोड और पृथ्वीराज नगर के विकास के सम्बन्ध में देखे प्रस्तुतीकरण

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने नगरीय विकास विभाग और जेडीए के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जयपुर शहर की पहचान सिर्फ कंक्रीट के ढांचों से नहीं बल्कि उसकी हरियाली और खूबसूरती से बननी चाहिए। इसके लिए हमें सिंगापुर से सीख लेने की जरूरत है।

श्रीमती राजे ने गुरुवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में अमानीशाह नाले के कायाकल्प, रिंग रोड-दक्षिण और पृथ्वीराज नगर के जनउपयोगी ढांचे के विकास के सम्बन्ध में टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड का प्रस्तुतीकरण देखा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए अमानीशाह नाला और रिंग रोड-दक्षिण के प्रोजेक्ट पर निविदा प्रक्रिया इस वर्ष अक्टूबर तक सम्पन्न कर दोनों कार्य दिसम्बर, 2017 तक पूरे करें।

मुख्यमंत्री ने अमानीशाह नाले के कायाकल्प में प्रस्तावित वाटरबाॅडीज, वाॅक-वे और इसमें लगाए जाने वाले पेड़-पौधों के बारे में जानकारी ली। साथ ही निर्देश दिए कि अमानीशाह नाले के सौन्दर्यीकरण के लिए वहां ‘मरीन लाइफ’ विकसित की जाए।

श्रीमती राजे ने रिंग रोड-दक्षिण के प्रोजेक्ट में रोड में बनाई जाने वाली गैस, बिजली, पानी और सीवरेज की डक्टिंग प्रणाली के बारे में विस्तृत जानकारी ली।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बीकानेर के सूरसागर का विकास इसके मूल स्वरूप से छेड़छाड़ किए बिना कुछ इस तरह किया जाए कि लोग इसके किनारे बैठकर सुकून का अनुभव कर सकें। उन्होंने सूरसागर के सौन्दर्यीकरण के प्रोजेक्ट में बाउण्ड्री वाॅल, प्रवेश द्वार, प्लाजा एवं लेजर फाउण्टेन के डिजाइन के सम्बन्ध में अधिकारियों को निर्देश देते हुए इसका कार्य शीघ्र शुरू करने को कहा।

बैठक में नगरीय विकास मंत्री श्री राजपाल सिंह शेखावत, अतिरिक्त मुख्य सचिव नगरीय विकास श्री अशोक जैन, प्रमुख शासन सचिव वित्त श्री पी.एस. मेहरा, जयपुर विकास आयुक्त श्री शिखर अग्रवाल, टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के अधिकारी एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

जयपुर, 16 जुलाई 2015

_DSC3644