वरिष्ठ अधिकारी फील्ड में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता जांच करें
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने निर्देश दिये हैं कि वरिष्ठ अधिकारी फील्ड में जाकर ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच करें।
मुख्यमंत्री सोमवार को अपने कार्यालय में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की बजट घोषणाओं पर हुई प्रगति की समीक्षा कर रही थीं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में बन रहे शौचालय एवं बीपीएल आवासों की गुणवत्ता अच्छी होनी चाहिये। उन्होंने ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि अफोर्डेबल हाउसिंग योजना की एजेंसियों से बीपीएल आवास निर्माण करवाये जाने हेतु कार्ययोजना तैयार करें। ताकि बीपीएल आवासों का गुणवत्ता पूर्ण निर्माण हो सके।
ग्राम पंचायतों की जानकारी हो कम्प्यूटर पर
श्रीमती राजे ने कहा कि प्रत्येक निर्माण कार्य पर निगाह रखी जाए ताकि सरकारी पैसे का दुरुपयोग नहीं हो तथा वह राज्य के विकास में काम आये। उन्होंने कहा कि समस्त ग्राम पंचायतों में चल रही योजनाओं की जानकारी कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग के जरिये आॅन लाइन उपलब्ध करायें ताकि कोई भी व्यक्ति उन्हें देख सके।
पिछड़े क्षेत्रों की राशि पिछड़े क्षेत्र में ही व्यय हो
श्रीमती राजे ने कहा कि मेवात, डांग तथा मगरा क्षेत्रों के विकास लिये जो योजनाएं चलाई जा रही हैं, उन योजनाओं की राशि उन्हीं क्षेत्रों में व्यय होनी चाहिये तथा समग्र विकास की बड़ी परियोजनाएं बनाई जानी चाहियें। उन्होंने कहा कि पिछड़े जिलों एवं पिछड़े क्षेत्रों में जलापूर्ति योजनाओं, सड़क तथा स्कूल भवन निर्माण कार्यों की प्रभावी माॅनिटरिंग होनी चाहिये।
ग्रामीण क्षेत्रों की योजनाओं का महानरेगा के साथ कन्वर्जेन्स हो
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि ग्रामीण क्षेत्रों में चल रही योजनाओं का महानरेगा के साथ कन्वर्जेन्स किया जाना चाहिये ताकि माहनरेगा में उपलब्ध राशि का उपयोग स्थाई प्रकृति के कार्यों में किया जा सके।
बैठक में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री श्री सुरेन्द्र गोयल, प्रमुख शासन सचिव (वित्त) पी. एस. मेहरा, प्रमुख शासन सचिव (ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज) श्री श्रीमत पाण्डे, महानिदेशक (इंदिरागांधी पंचायती राज संस्थान) श्री राजेश्वरसिंह सहित विभिन्न वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने सहकारिता विभाग की कार्य प्रगति की समीक्षा की
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे ने आज सीएमओ में सहकारिता विभाग की कार्य प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिये कि यूरिया एवं डीएपी वितरण के काम में सावधानी बरती जाये तथा संवेदनशील जिलों में यूरिया एवं डीएपी के पर्याप्त प्रबंध किये जायें।
सहकारी बैंकों ने लक्ष्य से अधिक अल्प अवधि ऋण वितरित किये
बैठक में जानकारी दी गई कि विगत वर्ष राज्य के सहकारी बैंकों द्वारा 4.48 लाख किसानों को 1,770 करोड़ रुपए का ब्याजमुक्त फसली सहकारी ऋण वितरित किया गया था जबकि इस साल अभी तक 6.47 लाख किसानों को 2,617 करोड़ रुपये का अल्प अवधि ऋण वितरित किया जा चुका है जो कि विगत वर्ष की अपेक्षा 847 करोड़ रुपये अधिक है। इस साल राज्य में काॅओपरेटिव बैंकों के माध्यम से 17,500 करोड़ रुपये के ब्याजमुक्त फसली सहकारी ऋण वितरण का लक्ष्य रखा गया था। इस साल 20 प्रतिशत किसानों को पहली बार अल्पअवधि ऋण देने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य सरकार ने सेंट्रल काॅओपरेटिव बैंक को अल्पकालीन ऋणों के लिये 150 करोड़ रुपये का ब्याज अनुदान जारी किया है।
सेंट्रल काॅओपरेटिव बैंक की 20 नई शाखाएं खुलेंगी
बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य में सेंट्रल काॅओपरेटिव बैंक की 20 नई शाखाएं खुलेंगी तथा हर जिले में एक एटीएम स्थापित किया जायेगा। बैठक में अधिकारियों ने जानकारी दी कि काॅओपरेटिव बैंकों को कोर बैंकिंग प्लेटफाॅर्म पर लाया जा रहा है इससे इन्हें भामाशाह योजना से भी जोड़ा जा सकेगा।
7,489 बिजनेस काॅरस्पोंडेंट नियुक्त
बैठक में जानकारी दी गई कि सेंट्रल काॅओपरेटिव बैंकों द्वारा राज्य में पेक्स, लैम्प्स, ई-मित्र केन्द्र के लिए 7,489 बिजनेस काॅरस्पोंडेंट नियुक्त किये गये हैं।
100 पैक्स को गोदाम निर्माण हेतु 10 करोड़ रुपये
राज्य में 100 पैक्स को गोदाम निर्माण हेतु 10 लाख रुपये प्रति गोदाम की दर से 10 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये गये हैं तथा पुराने गोदामों की मरम्मत का काम भी पहली बार राज्य में हाथ में लिया गया है जिसके अंतर्गत 10 करोड़ रुपये के कार्य कराये जा रहे हैं।
बैठक में सहकारिता मंत्री श्री अजय सिंह किलक, प्रमुख शासन सचिव (सहकारिता) श्री दीपक उपे्रती, प्रमुख शासन सचिव (वित्त) श्री पी. एस. मेहरा, सहकारिता रजिस्ट्रार श्री आर वेंकटेश्वरन सहित विभिन्न वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
जयपुर 18 मई 2015
