राजस्थान की हर महिला सीएम – मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि राजस्थान की हर महिला मुख्यमंत्री है क्योंकि मैं मुख्यमंत्री हूं। मैं चाहती हूं कि प्रदेश में नारी शक्ति सशक्त होकर उभरे और आर्थिक रूप से मजबूत हो। इसके लिए सरकार संकल्प के साथ काम कर रही है।

श्रीमती राजे सोमवार को बिड़ला आॅडिटोरियम में राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद् (राजीविका) के विस्तार कार्यक्रम को सम्बोधित कर रही थीं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक महिला को पुरूष से दोगुना काम करने पर पहचान मिलती है लेकिन महिलाओं में इतनी ताकत है कि वे पूरे देश और प्रदेश की तस्वीर बदल सकती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की महिला सशक्तीकरण की योजनाओं से राजस्थान निश्चित रूप से समृद्ध शिक्षित और सम्पन्न राज्य बनेगा।

उन्होंने इस अवसर पर राजीविका के माध्यम से प्रशिक्षित 465 महिला संदर्भ व्यक्तियों (कम्यूनिटी रिसोर्स पर्सन) को राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों में गरीब महिलाओं के समूह गठित करने के लिये हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। ये सीआरपी महिलायें गरीब परिवार की महिलाओं के सशक्तीकरण का कार्य करेंगी।

महिलाएं आर्थिक रूप से सम्पन्न होती हैं तो उनकी पहचान बनती है

मुख्यमंत्री ने कहा कि दिसम्बर, 2003 में जब वे प्रदेश की पहली मुख्यमंत्री बनीं तब पुरूष आगे-आगे चलते थे और उनके पीछे महिलाएं घूंघट निकाले, सिर पर पोटली और हाथ में बच्चा लिये चलती थीं, लेकिन अब वो स्थिति नहीं है। आज राजस्थान की महिलाएं भी घर में, समाज में और देश के विकास में हिस्सेदार बन गई हैं। यह सब उनके साहस का ही नतीजा है। श्रीमती राजे ने कहा कि महिलाएं आर्थिक रूप से सम्पन्न होती हैं तो उनकी पहचान बन जाती है।

हम किसी से कम नहीं

श्रीमती राजे ने कहा कि महिलाओं को ये बात समझनी होगी कि हम किसी से कम नहीं हैं। हम ही हैं जो अपने परिवार को, अपने घर को खड़ा करती हैं, दिन रात मेहनत करती हैं। हम ही हैं जो हमारे प्रदेश की शक्ल बदल सकती हैं। आप सब महिलाएं यहां से मन में एक संकल्प लेकर जाएं कि हम किसी से पीछे नहीं रहने वाली। हम प्रदेश के विकास की हिस्सेदार हैं।

नई दुनिया बनाना है

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब महिलाओं को आगे बढ़ने के लिए शिक्षा पर ध्यान देना होगा। बच्चियों को पढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि अपने पिछले कार्यकाल में हमने साइकिल व स्कूटी योजना, कक्षा 12 तक की बालिकाओं को मुफ्त शिक्षा मुफ्त किताबें देने की योजना शुरू की थी जो अभी भी चल रही हैं। इसके अलावा स्कूली छात्राओं के लिये रोडवेज की निःशुल्क यात्रा योजना, सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग योजना सहित कई योजनाएं चल रही हैं। उन्होंने कहा कि हम सब महिलाओं को अपनी शक्ति दिखानी होगी क्योंकि हमें नई दुनिया बनानी है।

महिलाओं को प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण दिया जाए

श्रीमती राजे ने कहा कि आज पूरे प्रदेश में चिकित्सकों की कमी है। ऐसे में पीएचसी और सीएचसी पर स्वयंसहायता समूह की महिलाओं को प्राथमिक उपचार का प्रशक्षिण दिया जाना चाहिए ताकि वे अपने गांव में प्राथमिक उपचार कर सकें। वे चिकित्सकों का स्थान तो नहीं ले सकती लेकिन प्राथमिक उपचार कर तात्कालिक राहत तो प्रदान कर ही सकती हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजीविका के माध्यम से प्रशिक्षित ये 465 सीआरपी महिलाएं प्रदेशभर में जायेंगी और महिलाओं के बीच पहुंचकर उन्हें ताकतवर बनाने का काम करेंगी। इससे न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे राजस्थान की जिन्दगी बदलेगी।

ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री श्री सुरेन्द्र गोयल ने कहा कि वर्तमान में राजीविका कार्यक्रम 42 ब्लाॅक में चल रहा है और प्रदेश की करीब 3 लाख महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर आजीविका विकास कर रही हैं। वर्ष 2018 तक इसे पूरे प्रदेश में संचालित किया जायेगा।

महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री श्रीमती अनिता भदेल ने कहा कि मुख्यमंत्री की सोच है कि हर महिला आत्मनिर्भर बने। इसी का परिणाम है कि आज राज्य की ये सीआरपी महिलाएं अपनी क्षमताओं का संवर्द्धन कर गरीबी को दूर करने में जुटी हुई हैं। कार्यक्रम के दौरान सीआरपी महिलाओं ने अपनी सफलता की कहानी स्वयं मंच पर आकर सुनाई। इस अवसर पर राजीविका कार्यक्रम से संबंधित एक लघु फिल्म का भी प्रस्तुतीकरण किया गया।

इससे पहले ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के प्रमुख सचिव श्री श्रीमत पाण्डे ने राजीविका कार्यक्रम की जानकारी देते हुए सभी का स्वागत किया। अन्त में ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री राजीव सिंह ठाकुर ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राकेश श्रीवास्तव सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी एवं बड़ी संख्या में स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं उपस्थित थीं।

जयपुर, 1 जून 2015