ओलावृष्टि राहत पैकेज को बढ़ाया जाएगा, जनहानि पर मिलेगी अब तीन लाख रुपए की सहायता
मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने प्रदेश में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को होने वाले नुकसान पर सोमवार को विधानसभा में संवेदना जताते हुए ओलावृष्टि राहत पैकेज में कुछ अतिरिक्त बिन्दु जोड़ते हुए विस्तार की घोषणा की। उन्होंने कहा कि नाॅम्र्स से हटकर जनहानि पर डेढ़ लाख रुपए के स्थान पर अब तीन लाख रुपए की सहायता दी जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि गिरदावरी की रिपोर्ट नहीं मिलने तक सभी जिला कलक्टरों को रिवाॅल्विंग फंड में पैसा आवंटित कर दिया गया है जिससे राहत पहुंचाने के कार्य में किसी तरह का गतिरोध उत्पन्न नहीं हो। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के मामले में संवेदनशील है और किसी भी तरह की मदद में पीछे नहीं हटेगी।
बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से प्रदेशभर में किसानों को हुए नुकसान पर सदन में हुई विशेष चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए मुख्यमंत्राी ने कहा कि उनकी सरकार ने 2008 में ओलावृष्टि के लिए जो राहत पैकेज घोषित किया था उसे पूर्ववर्ती सरकार ने भी लगातार जारी रखा और इसे एक अच्छा पैकेज माना। मुख्यमंत्री ने इस पैकेज में और बिन्दु शामिल करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि अब तक जनहानि पर डेढ़ लाख रुपए की सहायता दी जाती थी। अब नाॅम्र्स से हटकर जनहानि के मामलों में डेढ़ लाख रुपए की अतिरिक्त सहायता राज्य सरकार द्वारा दी जाएगी। साथ ही उन्होंने पशुहानि पर मिलने वाली सहायता को भी बढ़ाने की घोषणा की। उन्होंने बताया कि पैकेज के तहत अधिकतम 4 भेड़ या बकरी की हानि पर 1650 रुपए प्रति पशु सहायता दी जाती है। अब राज्य सरकार अपने संसाधनों से एक काश्तकार को अधिकतम एक लाख रुपए तक की सहायता देगी। इसी प्रकार दुधारू पशुओं (गाय, भैंस, ऊंट) की हानि पर 16 हजार 400 रुपए प्रति पशु सहायता के रूप में मिलते हैं। इसकी भी अधिकतम सीमा प्रति काश्तकार 1 लाख 25 हजार रुपए की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने त्वरित कदम उठाए और कल शाम ही मुख्य सचिव ने समस्त संभागीय आयुक्तों और जिला कलक्टरों से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिए वस्तुस्थिति की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि वस्तुस्थिति की जानकारी के लिए सभी जिला कलक्टरों ने अपने-अपने क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में सही आकलन करने में थोड़ा समय लगता है लेकिन सभी को निर्देशित किया गया है कि वे जल्द से जल्द वस्तुस्थिति की जानकारी पहुंचाएं जिससे प्र्रभावितों को ज्यादा से ज्यादा राहत दी जा सके। उन्होंने कहा कि गिरदावरी की रिपोर्ट आने तक कलक्टरों को रिवाॅल्विंग फंड में राशि आवंटित की गई है जिससे राहत कार्य में रुकावट नहीं आए।
श्रीमती राजे ने कहा कि सी.आर.एफ. नाॅम्र्स के तहत अकाल की अधिकतम सीमा 30 दिन निर्धारित थी जिसे उनकी सरकार ने काफी मशक्कत कर लगातार पत्राचार से बढ़ाकर 90 दिन किया। उन्होंने कहा कि अब भी यह प्रयास जारी है कि प्रदेश के परिप्रेक्ष्य में यह सीमा और बढ़ाई जाए। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को इस बारे में पत्रा लिखा जा रहा है जिसमें केन्द्र को वस्तुस्थिति से अवगत कराकर अपेक्षित सहयोग की मांग की जाएगी।
जयपुर, 16 मार्च 2015
